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'लोग बिना काम के घर से निकले, इसलिए जाम में मरे' NHAI ने अब अपने ही वकील को नोटिस थमा दिया है

Indore Dewas Highway पर भारी जाम में फंसे एक व्यक्ति ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान NHAI के वकील ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिस पर बवाल मच गया.

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NHAI ने अपने वकील को नोटिस जारी किया है. (सांकेतिक तस्वीर: PTI)

मध्य प्रदेश के इंदौर-देवास हाईवे पर लगे लंबे जाम (Indore Highway Jam) के कारण तीन लोगों की मौत हो गई. इस मामले में ‘नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (NHAI) के वकील ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक विवादित टिप्पणी की थी. वकील ने कहा था, 'लोग बिना काम के इतनी जल्दी अपने घरों से निकल गए, इसी के कारण तीन लोगों की जान गई.' सोशल मीडिया पर इस बयान के कारण बवाल मच गया था. अब NHAI ने अपने वकील को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है.

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NHAI ने ये भी कहा है कि वकील की इस टिप्पणी का उनके आधिकारिक बयान से कोई लेना-देना नहीं है. अथॉरिटी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है,

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के समक्ष, 30 जून 2025 को ट्रैफिक जाम के बारे में जनहित याचिका की सुनवाई हुई. इस दौरान NHAI का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील की टिप्पणी के बारे में ये स्पष्ट किया जाता है कि वो NHAI की आधिकारिक टिप्पणी नहीं है.

वकील ने ये टिप्पणी NHAI की अनुमति के बिना की थी. इसलिए उनको ‘कारण बताओ नोटिस’ भेजा गया है.

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NHAI So Cause Notice in Indore Jam
NHAI का पोस्ट.
40 घंटे और 4,000 गाड़ियां

27 जून को इंदौर-देवास हाईवे पर लगभग 8 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था. इस जाम में करीब 4,000 गाड़ियां, 40 घंटों तक फंसी रहीं. इस दौरान तीन लोगों की जान चली गई. दो व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक से हुई और तीसरे व्यक्ति की मौत हॉस्पिटल पहुंचने से पहले हो गई.

जाम में फंसे एक व्यक्ति ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी ने की. बेंच ने NHAI के दिल्ली और इंदौर कार्यालयों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, इंदौर कलेक्टर, शहर के पुलिस आयुक्त, साथ ही संबंधित निर्माण और टोल कंपनियों सहित कई पक्षों को नोटिस जारी किया है.

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7 दिनों के भीतर देना होगा जवाब

हाई कोर्ट ने मामले में जवाबदेही सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सात दिनों के भीतर विस्तृत जवाब मांगा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि सितंबर 2024 में डायवर्सन रोड का निर्माण पूरा करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा तय की गई थी. लेकिन जून 2025 तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ. माना जा रहा है कि इसी कारण से भारी जाम लगा. 

NHAI ने इस देरी के लिए क्रशर इकाइयों की 10 दिन की हड़ताल को जिम्मेदार ठहराया. कोर्ट ने इस बात का भी जिक्र किया कि NHAI ने सड़क का काम पूरा करने के लिए तीन से चार महीने का समय मांगा था.

वीडियो: इंदौर-देवास हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लगा तो हाईकोर्ट ने केंद्र और NHAI को जारी किया नोटिस

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