शरद पवार ने कहा है कि उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) में किए गए संशोधनों को लेकर विरोध जताया था (Sharad Pawar on PMLA). लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे स्वीकार नहीं किया. ये संशोधन पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा लाए गए थे. उन्होंने बताया कि उन्हें डर था कि इस कानून का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ किया जाएगा.
चिदंबरम कानून लाए, अगली सरकार में खुद शिकार हुए... शरद पवार बोले मैंने पहले ही कहा था न लाओ
Sharad Pawar on PMLA: शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद Sanjay Raut की किताब 'नरकातला स्वर्ग' का विमोचन कार्यक्रम था. इसी कार्यक्रम में बोलते हुए शरद पवार ने बताया कि उन्हें डर था कि इस कानून का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ किया जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार, 17 मई को शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत की किताब 'नरकातला स्वर्ग' (Narkatla Swarg) का विमोचन कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में उनकी पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के अध्यक्ष शरद पवार और लेखक जावेद अख्तर भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम में बोलते हुए पवार ने कहा,
मैं केंद्रीय मंत्रिमंडल में था. जब चिदंबरम द्वारा PMLA में संशोधन लाया गया... मैंने इसका विरोध किया. मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा था कि इसका दुरुपयोग किया जाएगा. लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई.
पवार ने कहा कि चिदंबरम खुद इस संशोधन का शिकार हुए थे. आगे उन्होंने कहा,
मेरे हिसाब से राज्य और केंद्र में सरकार बदलने के बाद सबसे पहला काम ये करना होगा कि ईडी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अधिनियम में इन संशोधनों को बदला जाए. जो व्यक्तियों और राजनीतिक दलों के मूल अधिकारों के खिलाफ हैं.
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जेल के अनुभवों पर किताब
‘नरकातला स्वर्ग’ (नरक में स्वर्ग) किताब आर्थर रोड जेल में बिताए गए संजय राउत के तीन महीनों की याद दिलाती है. जेल में लिखे गए अपने अनुभवों को ही संजय राउत ने एक पुस्तक का रूप दिया है. उन्हें ईडी ने ‘पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना’ में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के दौरान उन्हें मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में उसी कोठरी में रखा गया था, जिसमें कभी पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को रखा गया था. हालांकि, बाद में संजय राउत को जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
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