राजस्थान के चूरू जिले में मंगलवार सुबह एक ज़ोरदार धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया. रतनगढ़ क्षेत्र के भानुदा गांव में भारतीय वायुसेना का एक जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो गया. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हादसा 9 जुलाई की सुबह हुआ और इसमें दो लोगों की मौत की दुखद खबर सामने आई है.
राजस्थान के चूरू में वायुसेना का जगुआर फाइटर प्लेन क्रैश, दो की मौत
Rajasthan के Churu में भारतीय वायुसेना का एक विमान क्रैश हो गया है. इस दुर्घटना में दो लोगों के मौत की खबर है. घटना की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके के लिए निकल चुकी है.

ग्रामीणों के मुताबिक, हादसे के वक्त आसमान में तेज गर्जना हुई और देखते ही देखते खेतों की ओर तेज आग और काले धुएं के गुबार उठने लगे. गांव वालों को पहले समझ नहीं आया कि हुआ क्या है, लेकिन कुछ ही देर में यह साफ हो गया कि यह कोई मामूली हादसा नहीं, बल्कि एक फाइटर प्लेन का क्रैश है. इस फाइटर प्लेन में दो पायलट सवार थे. अभी उनके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
प्रशासन अलर्ट मोड परघटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके के लिए रवाना हो गई हैं. रक्षा सूत्रों ने पुष्टि की है कि क्रैश हुआ विमान 'जगुआर' लड़ाकू विमान था. फिलहाल सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जांच के आदेश दिए जा सकते हैं.
जगुआर एयरक्राफ्ट को भारतीय वायुसेना DPSA कैटेगरी में रखती है. DPSA यानी Deep Penetration Strik Aircraft. इस एयरक्राफ्ट की खूबी है कि ये कम ऊंचाई पर फ्लाई कर सकता है. जिसकी वजह से ये हमले वाले एरिया में काफी अंदर तक घुसकर वार करने में सक्षम है. लेकिन यही खूबी इस एयरक्राफ्ट को सबसे अधिक खतरनाक भी बनाती है. डिफेंस फोर्सेज से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कम ऊंचाई पर यदि जगुआर में कोई गड़बड़ी होती है, तो पायलट की जान पर खतरा बन आता है.
इस ब्रिटिश-फ्रेंच एयरक्राफ्ट को साल 1978 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. लंबे समय तक इसका रीकानिसन्स मिशन्स या रेकी मिशन्स के लिए इस्तेमाल होता रहा है. यानी दुश्मन के इलाकों के लिए जायजा लेने के लिए. कारगिल युद्ध के समय इन जेट्स ने combat duty में हिस्सा लिया और पाकिस्तान के ठिकानों पर बम बरसाए.
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