उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में आत्महत्या की कोशिश करने वाले किसान वेदप्रकाश की हालत गंभीर बनी हुई है (Saharanpur Farmer News). डॉक्टरों का कहना है कि उसका 90 प्रतिशत शरीर जल गया है. अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. SDM अंकुर वर्मा को हटा दिया गया है. वहीं, वेदप्रकाश के रिश्तेदारों ने SDM समेत स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इलाके के BJP विधायक पर भी कई आरोप लगाए गए हैं.
किसान ने SDM के सामने खुद को लगाई थी आग, अब SDM-इंस्पेक्टर पर बड़ी कार्रवाई, घरवालों के गंभीर आरोप
Saharanpur SDM Removed: घटना 8 मार्च की है. सुल्तानपुर गांव में राजस्व अधिकारी और पुलिस अफ़सर ज़मीन मापने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान किसान वेदप्रकाश ने ख़ुद को आग लगाने की कोशिश की. पूरा मामला क्या है?
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, SSP रोहित सिंह सजवाण ने थाना चिलकाना इंस्पेक्टर कपिल देव को लाइन हाजिर किया है. वहीं, सहारनपुर के कलेक्टर ने ‘लापरवाही’ के लिए SDM सदर अंकुर वर्मा को भी हटा दिया है. फिलहाल तहसील का चार्ज किसी अन्य को नहीं सौंपा गया है.
मामला क्या है?घटना 8 मार्च की है. सुल्तानपुर गांव में राजस्व अधिकारी और पुलिस अफ़सर ज़मीन मापने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान किसान वेदप्रकाश ने ‘ख़ुद को आग लगाने’ की कोशिश की. हालांकि, पुलिसकर्मी तुरंत उसके पास पहुंचे और आग बुझाई. इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया.
पहले उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. लेकिन जब उसकी हालत गंभीर हुई, तो उसे दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल भेज दिया गया. हॉस्पिटल ने किसान वेदप्रकाश के स्वास्थ्य को लेकर जो मेडिकल बुलेटिन जारी किया, उसके मुताबिक़, किसान का शरीर 90% जल चुका है. उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. 10 मार्च को उसके चेहरे पर सूजन आ गई.
विवाद क्या है?सहारनपुर ज़िले से क़रीब 30 किलोमीटर दूर एक गांव है, सुल्तानपुर. पूरा विवाद इसी गांव के 550 वर्गमीटर ज़मीन से जुड़ा है. इस ज़मीन से सटी हुई जैन समाज मंदिर की 14 बीघा जमीन है. मंदिर कमेटी का दावा है कि बाक़ी बची 550 वर्गमीटर की ज़मीन भी उनकी है और इस पर किसान वेदप्रकाश ने कब्जा कर रखा है. उनका कहना है कि SDM कोर्ट ने अक्टूबर, 2024 को उनके पक्ष में फ़ैसला सुनाया था.
वहीं, किसान वेद प्रकाश के परिवार वालों के मुताबिक़, ज़मीन उनके घर के पास थी, जिस पर वो खेती करते थे. उनका दावा है कि वो इसे लेकर 2012 में केस जीत गए थे.
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परिवार वालों का आरोपदैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक़, वेद प्रकाश के घर के बाहर पुलिस फ़ोर्स तैनात है. वेद प्रकाश की पत्नी ममता का आरोप है कि प्रशासन और जैन समाज के लोग 8 मार्च को अचानक ही उनके घर पर पहुंच गए. इसे लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया था. ममता ने आगे आरोप लगाया,
मेरे पति ने ख़ुद को आग नहीं लगाई. मिट्टी का तेल छिड़ककर पति को जिंदा जलाया गया है. जो हुआ, अच्छा नहीं हुआ.
वेदप्रकाश के भाई लाजपत की पत्नी रीता रानी ने भी पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया कि पुलिस उनके पति और जेठ को पकड़कर ले गई. उन्हें खेत ले जाया गया. उस दिन खेत और घर, हर जगह पुलिसकर्मी थे.
वेद प्रकाश के पड़ोस में रहने वाली सुषमा ने इसे लेकर स्थानीय BJP विधायक पर भी आरोप लगाए हैं. दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक़, उनका कहना है कि मामला 2 महीने से चल रहा है. उन्होंने बताया कि वेद प्रकाश का परिवार क़रीब 40 साल से ज़मीन पर खेती-बाड़ी कर रहा है. पड़ोसन सुषणा ने BJP विधायक मुकेश चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा- ‘उन्होंने गुंडे पाल रखे हैं.’
किसान वेद प्रकाश के भांजे मुकेश कुमार ने दैनिक भास्कर को बताया,
जैन समाज का पक्षमेरे मामा के पास ज़मीन के डॉक्यूमेंट्स हैं. वो 2012 में इस ज़मीन का केस भी कोर्ट से जीत गए थे. उसकी डिक्री भी है. 8 मार्च को क़रीब 250 पुलिसकर्मी थे. इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वाले क्यों आए थे? क्या हम लोग उग्रवादी हैं?
मंदिर कमेटी का कहना है कि ज़मीन श्रीजी मंदिर की है. मामले में वो सच के साथ खड़े हैं. जिस पर वेदप्रकाश के परिवार पर कब्जा कर रखा है. सभी दस्तावेज प्रशासन के पास हैं.
वहीं, SDM सदर अंकुर वर्मा का कहना है कि SDM कोर्ट में मुकदमा चल रहा था. अक्टूबर, 2024 में कोर्ट ने जैन मंदिर प्रबंध समिति के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था.
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