भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और तालिबान-शासित अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के बीच पहली बार बात हुई है. ये बातचीत भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष और सीजफायर की घोषणा के बाद हुई है. अफगानिस्तान सरकार (India Taliban Relations) ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर और तालिबान सरकार की आधिकारिक बातचीत हुई, पाकिस्तान की टेंशन बढ़ जाएगी
India Talks With Taliban: अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से भारत के साथ उनकी पहली राजनीतिक स्तर का संपर्क और बातचीत है. इस साल जनवरी में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में मुत्ताकी से मुलाकात की थी.

एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा,
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई. पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं तहेदिल से सराहना करता हूं. हाल में झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयास किए गए. उन्होंने इन प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार किया. अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक मित्रता के बारे में और विकास के लिए उनकी जरूरतों पर समर्थन को लेकर भी चर्चा हुई.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी ने भारत के विदेश मंत्री श्री जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. इस बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई.
मुत्ताकी ने अफगान व्यापारियों और मरीजों के लिए भारतीय वीजा की सुविधा, भारत में अफगान कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी का भी अनुरोध किया. अफगान मंत्रालय ने कहा,
अफगान पर हमले की झूठी खबर फैलाई थीजयशंकर ने अफगानिस्तान के साथ ऐतिहासिक संबंधों को भी स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान के साथ अपना सहयोग जारी रखेगा, राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्रों में संयुक्त प्रयासों पर जोर देगा. जयशंकर ने कैदियों के मुद्दे को तुरंत हल करने और वीजा प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई. दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह के विकास पर भी जोर दिया.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद जब भारत-पाकिस्तान के बीच हवाई हमले हो रहे थे, तब तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था. इसी दौरान पाकिस्तान की ओर से एक दावा किया गया. उन्होंने कहा कि भारत ने अफगान इलाके में भी मिसाइल हमला किया है. लेकिन अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान जारी किया और पाकिस्तान के इस दावे को खारिज कर दिया.
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भारत और तालिबान की पहली आधिकारिक बातचीतअगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से भारत के साथ उनका पहला राजनीतिक स्तर का संपर्क और बातचीत है. इस साल जनवरी में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में मुत्ताकी से मुलाकात की थी.

इस साल अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भारतीय विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के प्रभारी संयुक्त सचिव एम आनंद प्रकाश को अफगानिस्तान भेजा गया था. प्रकाश के वहां पहुंचने से पहले ही अफगान विदेश मंत्रालय ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा कर दी थी।
इससे पहले, राजनीतिक स्तर पर भारत और तालिबान का संपर्क 1999-2000 में हुआ था. दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 को अगवा कर लिया गया था. तब भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह, तालिबानी सरकार के विदेश मंत्री वकील अहमद मुत्तवकिल के संपर्क में थे.
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