साल 2025 खत्म होने वाला है. अगले साल राज्यसभा की 75 सीटों पर चुनाव होने हैं (Rajya Sabha Election 2026). ऊपरी सदन की कई सीटें साल 2026 में खाली हो जाएंगी. कुछ वरिष्ठ नेताओं का कार्यकाल भी खत्म होगा. ऐसे में देखना ये होगा कि क्या इस चुनाव के बाद एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए सियासी समीकरण बदल जाएंगे?
राज्यसभा चुनाव 2026: 75 सीटों पर महासंग्राम, क्या बदल जाएगा NDA-INDIA का पावर बैलेंस?
साल 2026 में Rajya Sabha की 75 सीटों पर चुनाव होने हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि क्या इस चुनाव के बाद NDA और INDIA alliance के लिए सियासी समीकरण बदल जाएंगे?


अगले साल न केवल पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और असम जैसे राज्यों में हाई-वोल्टेज विधानसभा चुनाव होंगे, बल्कि राज्यसभा की 75 सीटों पर भी चुनाव होंगे. अभी राज्यसभा में NDA के पास 129 सीटें हैं, जबकि विपक्ष के पास 78 सीटें हैं. इसलिए 2026 के चुनाव एक महत्वपूर्ण मुकाबला साबित हो सकते हैं, जो ऊपरी सदन में सत्ता के संतुलन को बदल सकते हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार से राज्यसभा की पांच और उत्तर प्रदेश से दस सीटें खाली होंगी. इसके अलावा, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कई पूर्वोत्तर राज्यों में भी सीटें खाली होंगी.
बिहार: बिहार में 9 अप्रैल को राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो जाएंगी और मार्च तक चुनाव होने की संभावना है. जिन नेताओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह, जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं.
बिहार विधानसभा में हुए बदलावों के बादद, बीजेपी और जेडीयू दोनों ही दो-दो सीटें जीत सकती हैं, जबकि एक सीट विपक्ष को मिलने की उम्मीद है. मुकाबला कड़ा होने वाला है.
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में नवंबर 2026 तक राज्यसभा की दस सीटों के लिए चुनाव होंगे. वर्तमान में बीजेपी के पास आठ सीटें हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (SP) और बसपा के पास एक-एक सीट है. रिटायर होने वाले सदस्यों में हरदीप सिंह पुरी, बीएल वर्मा, बृज लाल, सीमा द्विवेदी और अन्य शामिल हैं.
विधानसभा में बीजेपी की मजबूत स्थिति है. इसलिए माना जा रहा है कि वह आठ सीटें जीत सकती है. उधर, सपा को दो सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि बसपा अपनी सीट खो सकती है.
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में अप्रैल 2026 में राज्यसभा की सात सीटों पर चुनाव होंगे. शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले समेत कई प्रमुख नेताओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है. 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव आया है, जिससे शरद पवार और प्रियंका चतुर्वेदी की संसद में वापसी के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. उधर, सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को इन सीटों में से ज्यादातर पर जीत हासिल होने की उम्मीद है.
कर्नाटक: कर्नाटक से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जून में राज्यसभा से रिटायर होंगे और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा अप्रैल में. कर्नाटक की चार सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा, जिनमें से तीन पर कांग्रेस को जीत मिलने की उम्मीद है. जबकि एक सीट पर विपक्ष की जीत हो सकती है.
राजस्थान और मध्य प्रदेश: रवनीत सिंह बिट्टू, उन लोगों में शामिल हैं जिनका राजस्थान से राज्यसभा कार्यकाल जून 2026 में खत्म हो रहा है. मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन और दिग्विजय सिंह भी रिटायर होंगे, जिससे उनकी सीटें नए उम्मीदवारों के लिए खुल जाएंगी.
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अन्य राज्य: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन से पहले ही उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई थी. पश्चिम बंगाल से 5 और तमिलनाडु से 6 सांसद रिटायर होंगे. पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के कुछ सांसदों का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. मनोनीत सदस्य और भारत के पूर्व CJI रंजन गोगोई का कार्यकाल मार्च 2026 में खत्म होगा. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों से कई सांसदों का कार्यकाल पूरा होने वाला है.
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