अक्सर खबरें आती हैं की पुलिस ने बिजली विभाग के किसी कर्मचारी का चालान काटा और थाने की बत्ती गुल हो गई. लेकिन अब राजस्थान से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां कथित तौर पर अपने क्षेत्र के लोगों द्वारा सवाल पूछने से मंत्री जी ने पूरे गांव का बिजली और पानी बंद करवा दिया. गांव वालों का आरोप है कि उन्होंने भरी सभा में मंत्री जी से कुछ तीखे सवाल पूछ लिए थे. वो इसी का बदला ले रहे हैं.
'मंत्री जी से सड़क मांगी तो पूरे गांव का बिजली-पानी बंद करा दिया', राजस्थान के मंत्री पर लगे बड़े आरोप
राजस्थान में कथित तौर पर अपने क्षेत्र के लोगों द्वारा सवाल पूछने से मंत्री जोराराम कुमावत ने पूरे गांव का बिजली और पानी बंद करवा दिया. गांव वालों का आरोप है कि उन्होंने भरी सभा में मंत्री जी से कुछ तीखे सवाल पूछ लिए थे. वो इसी का बदला ले रहे हैं.

राजस्थान सरकार में एक मंत्री हैं, नाम है- जोराराम कुमावत. फिलहाल पशुपालन और डेयरी विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं. 12 जुलाई को मंत्री जी अपने निर्वाचन क्षेत्र सुमेरपुर के गुरदाई गांव के पंचायत भवन में पहुंचे थे. मंत्री कुमावत पंचायत भवन से कई विकास कार्यों का उद्घाटन करने आए थे. यहां गांव वालों ने उन्हें रोक लिया और गंदी सड़कों को लेकर सवाल करने लगे. उन्होंने मंत्री जी से कहा कि सड़क का निर्माण शुरू न होना, गंदगी फैलने का कारण है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच मंत्री के कुछ समर्थकों और प्रतिनिधियों ने लोगों को रोकने की कोशिश की. कहा कि मंत्री जी को और भी कई कार्यक्रमों में जाना है. और इसके बाद मंत्री जी बिना भाषण दिए ही निकल गए. इस घटना के अगले दिन 13 जुलाई को गांव में बिजली और जल विभाग के कुछ अधिकारी आए. आरोप है कि अधिकारियों ने मंत्री के कहने पर गांव का बिजली-पानी काट दिया. एक वायरल वीडियो में गांव के एक व्यक्ति कहते हैं
कल हमने मंत्री जोराराम कुमावत के सामने अपने मुद्दे रखे थे. और आज उन्होंने गांव में टीम भेजकर बिजली-पानी काट दिया.
इस वीडियो में दिखने वाले शख्स का नाम है किरण कुमार मीणा जो कि पेशे से एडवोकेट हैं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 23 साल के किरण बताते हैं
मैं एक आम आदमी हूं. हमारे यहां करीब 200 घर हैं जहां SC/ST समुदाय के लोग रहते हैं. जब आदरणीय मंत्री हमारे गांव में आए थे, तब हमने उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया. हमने उनसे बताया कि स्कूल की छत टपक रही है. हमारे गांव में सीमेंट-कंक्रीट की पक्की सड़क नहीं है. हम उन्हें ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन उन्होंने वो नहीं लिया. उल्टा इसे एक पॉलिटिकल एंगल दे दिया गया.
किरण का कहना है कि इसके बाद गांव में अधिकारियों को भेजकर मंत्री जोराराम कुमावत ने बिजली-पानी कटवा दिया. ये कह कर कि हमारे सारे कनेक्शन अवैध हैं. जबकि बीते 5 सालों से ये कनेक्शन मिले हुए हैं. इस कार्रवाई से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया.
(यह भी पढ़ें: 'गांव का हूं, अंग्रेजी नहीं आती', लड़की ने राजस्थान के मंत्री की ये बात सुन कहा, ‘पर आप तो शिक्षा मंत्री हैं’)
इस मामले में जिला प्रशासन पर भी सवाल उठे कि कैसे उन्होंने एक गांव की बिजली और पानी को बंद कर दिया. इस आरोप पर इंडियन एक्सप्रेस ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर लक्ष्मी नारायण मंत्री का पक्ष जानना चाहा. उन्होंने कहा कि वो प्रशासनिक अधिकारी हैं और वही करते हैं जो उचित है.
वीडियो: DM ने एग्जाम सेंटर में छात्र का कॉलर पकड़ा, कई थप्पड़ भी बरसाए