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क्रैश प्लेन की फ्यूल स्विच यूनिट दो बार बदली गई, बात सामने आई तो बोइंग ने वजह बताई

Air India Plane Crash: एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जांच रिपोर्ट में बताया कि विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को 2019 और 2023 में दो बार बदला गया था. अब बोइंग कंपनी ने ऐसा करने के पीछे की वजह बताई है.

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फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में फ्यूल के बहाव को कंट्रोल करते हैं. (फ़ाइल फ़ोटो- इंडिया टुडे)

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की, उसमें तमाम तथ्यों के साथ एक और बात का जिक्र था. वो ये कि क्रैश हुए विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को 2019 और 2023 में दो बार बदला गया था. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि टीसीएम बदलने का फ्यूल कंट्रोल स्विच से कोई संबंध नहीं था. अब यही बात अमेरिका की सरकारी एजेंसी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और बोइंग ने कही है. दोनों ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि बोइंग विमान के फ्यूल स्विच लॉक एकदम सेफ हैं.

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थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) विमानों के इंजन में हवा और फ्यूल के बहाव को मैनेज करता है, इसे फ्यूल स्विच यूनिट भी कहते हैं. ये इंजन में बिजली उत्पादन को भी कंट्रोल करता है. इसी टीसीएम में फ्यूल कंट्रोल स्विच शामिल होते हैं.

बोइंग ने क्या बताया?

इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक़, FAA ने अपने बयान में बताया,

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फ्यूल कंट्रोल स्विच के डिजाइन और लॉकिंग फीचर्स, बोइंग के अलग-अलग विमानों में एक ही हैं. फिर भी हम इसे खतरे की स्थिति नहीं मानते हैं. जिसके लिए किसी भी बोइंग विमान मॉडल पर एयरवर्थनेस डायरेक्टिव देने की जरूरत पड़े.

क्यों बदला गया था टीसीएम?

इंडिया टुडे में छपी ख़बर के मुताबिक़, सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया ने 2019 के बोइंग के निर्देश के बाद टीसीएम को बदला था. बोइंग ने अपने निर्देश में अपने सभी ऑपरेटर्स के लिए रिवाइज्ड मेंटेनेंस प्लानिंग डॉक्यूमेंट्स (MPD) जारी किया था. इस एमपीडी के मुताबिक़, ऑपरेटरों को विमान के हर 24,000 घंटे उड़ने के बाद टीसीएम बदलना होगा.

इधर FAA ने अपना बयान जांच रिपोर्ट आने के बाद जारी किया है. जिसमें इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच पर सवाल उठाए गए थे. एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 12 जुलाई की तड़के ये रिपोर्ट सार्वजनिक की. 15 पन्नों की इस रिपोर्ट के मुताबिक, प्लेन ने 12 जून को उड़ान भरी. उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल स्विच (जो इंजन को फ्यूल भेजते हैं) ‘RUN’ (चालू इंजन) से ‘CUTOFF’ (बंद इंजन) पोजिशन में चले गए. सिर्फ 1 सेकंड के अंदर इंजनों को फ्यूल की सप्लाई मिलनी बंद हो गई.

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बताते चलें, ड्रीमलाइनर प्लेन के दोनों इंजनों में ‘RUN’ और ‘CUTOFF’ नाम के दो पोजिशन होते हैं. उड़ान के वक्त अगर स्विच कटऑफ पर चला जाए, तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है.

वीडियो: एयर इंडिया प्लेन क्रैश की रिपोर्ट को लेकर विदेशी मीडिया क्या कह रहा है?

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