राजस्थान की भजनलाल सरकार ने मंदिरों के लिए 101 करोड़ रुपये के बजट (Rajasthan Budget) का एलान किया है. राजस्थान के मंदिरों का प्रबंधन देवस्थान विभाग करता है. राज्यों के बाहर भी कुछ ऐसे मंदिर हैं जो इस विभाग के अधीन आते हैं. राज्य सरकार ने ऐसे मंदिरों के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया है.
मंदिरों में भोग के लिए 3 हजार, पुजारियों को मानदेय, राजस्थान के बजट में किसे क्या मिला?
Rajasthan Budget: बजट के अनुसार, फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन (FPO) के सदस्यों को टूर के लिए इजरायल भेजा जाएगा. इजरायल को खेतीबाड़ी के मामले में तकनीक और उपकरण के विकास में अव्वल माना जाता है.

राज्य की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी ने 19 फरवरी को विधानसभा में बजट पेश किया. बजट के मुुताबिक, पुजारियों के मानदेय को 7500 रुपये प्रतिमाह कर दिया है. साथ ही मंदिरों को हर महीने भोग लगाने के लिए 3000 रुपये दिए जाएंगे. राज्य सरकार की गौशाला विकास योजना और नंदी शाला योजना के तहत खर्च को 15 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है. इस पैसों का इस्तेमाल गौशालाओं के विकास के लिए किया जाएगा.
राज्य सरकार ने खेतीबाड़ी के लिए नई तकनीकों को विकास का एलान किया है. इसके तहत जैविक खेती को आगे बढ़ाने पर काम किया जाएगा. प्रधानमंत्री धन धान्य योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का एलान किया गया है. राजस्थान कृषि योजना के वित्त मंत्री ने 1350 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की है. गेंहू के MSP पर प्रति क्विंटल 150 रुपये का बोनस बढ़ाया गया है.
बजट में कई दूसरी घोषणाएं भी हुई हैं-
- 75 हजार किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए अनुदान दिए जाएंगे.
- 30 हजार किलोमीटर की लंबाई में तारबंदी (घेरा लगाने के लिए) के भी अनुदान दिए जाएंगे.
- ग्रीन हाउस-पॉली और मल्चिंग के लिए 225 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. ग्रीन हाउस-पॉली का मतलब है- फसलों की विकास के लिए खेत के ऊपर एक खास घेरा लगाना. मल्चिंग, मिट्टी को जैविक या अकार्बनिक पदार्थों की परत से ढंकने की प्रक्रिया को कहते हैं.
- ड्रोन्स से 1 लाख हेक्टेयर में नैनो फर्टिलाइजर के छिड़काव किए जाएंगे. इसके लिए 2500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा.
- 1 लाख भूमिहीन किसानों को खेतीबाड़ी के उपकरण दिए जाएंगे.
- 5 हजार किसानों को राज्य के बाहर टूर पर भेजा जाएगा.
- फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन (FPO) के सदस्यों को टूर के लिए इजरायल भेजा जाएगा. इजरायल को खेतीबाड़ी के मामले में तकनीक और उपकरण के विकास में अव्वल माना जाता है.
नए बजट के अनुसार, स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मील में मिलेट्स की मात्रा बढ़ाई जाएगी. हर जिले में मिलेट्स के आउटलेट भी खोले जाएंगे.
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