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'विकसित भारत के लिए 8-9% की ग्रोथ चाहिए... ', रघुराम राजन जापान को 'पछाड़ने' पर भी बोले हैं

Raghuram Rajan on Viksit Bharat: रघुराम राजन ने माना कि भारत की 6.5% की मौजूदा वृद्धि दर सराहनीय है. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि अभी आराम करने का समय नहीं है. क्या-क्या बोले रघुराम राजन?

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RBI के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रघुराम राजन. (फ़ाइल फ़ोटो- इंडिया टुडे)

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा है कि अगर भारत को साल 2047 तक विकसित देश बनना है, तो 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि दर की ज़रूरत होगी. क्योंकि भारत अब भी अपेक्षाकृत ग़रीब देश है. उन्होंने सरकार के पेश किए गए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया दी है.

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30 मई को सरकार ने GDP के आंकड़े जारी किए. इन आंकड़ों के मुताबिक़, साल 2025 के जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की विकास दर घटकर 7.4 प्रतिशत हो गई. जबकि पिछले साल जनवरी-मार्च में 8.4% वृद्धि दर थी. वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में GDP वृद्धि 6.5 प्रतिशत रही. जो उससे पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) के 9.2 प्रतिशत से काफी कम है.

इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बात करते हुए रघुराम राजन ने माना कि भारत की 6.5% की मौजूदा वृद्धि दर सराहनीय है. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि अभी आराम करने का समय नहीं है. रघुराम राजन ने कहा,

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ये भारत के लिए एक अवसर हो सकता है. लेकिन हमें इसका फ़ायदा उठाना होगा. भारत को उच्च वृद्धि को बनाए रखने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा काम करना होगा. जैसे निवेश को बढ़ावा देकर और कंजप्शन बेस का विस्तार करके.

‘जापान को पार करना पूरी कहानी नहीं’

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बताया था कि भारत की GDP जल्द ही जापान को पार कर जाएगी. भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. रघुराम राजन से IMF के इन हालिया अनुमानों के बारे में भी पूछा गया. उन्होंने इस उपलब्धि का स्वागत तो किया. लेकिन जोर दिया कि ज़मीनी हालातों को भी ज़्यादा तरजीह दी जाए. उन्होंने कहा,

इस तथ्य को कम न आंकें कि हम इन देशों को पार कर रहे हैं. हम अगले कुछ सालों में किसी समय जर्मनी को भी पार कर लेंगे. शायद 1 या 2 साल में. लेकिन GDP रैंकिंग को आर्थिक प्रगति के बराबर नहीं मानना चाहिए. हमें इसे इस बात का सबूत मानना ​​चाहिए कि हम सही रास्ते पर हैं. लेकिन ज़रूरी नहीं कि हम इसे लेकर बहुत उत्साहित हो जाएं. हम इन देशों की तुलना में बहुत गरीब हैं.

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रघुराम राजन आगे बोले,

आम नागरिक के लिए ये मायने रखता है कि वे कितने अमीर हैं, न कि सकल घरेलू उत्पाद. क्योंकि हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं. इसलिए कुल मिलाकर सकल घरेलू उत्पाद काफी ऊंचा रहने वाला है. भले ही औसत नागरिक काफ़ी गरीब हों. 

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रघुराम राजन के मुताबिक़, भारत को अब सिर्फ़ आर्थिक रैंकिंग हासिल करने पर ही फोकस नहीं करना चाहिए. बल्कि आय बढ़ाने और व्यापक समृद्धि करने पर भी फोकस करना चाहिए.

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