ब्रिटेन और अमेरिका भले ही खुद को सबसे प्रगतिशील और समानता का झंडाबरदार बताते हों, लेकिन हकीकत बार-बार उनका चेहरा बेनकाब कर देती है. नस्लीय भेदभाव (Racism in UK) की ताज़ा मिसाल यूनाइटेड किंगडम के वॉल्वरहैम्पटन से सामने आई है. यहां दिन-दहाड़े दो बुज़ुर्ग सिखों पर बेरहमी से हमला हुआ.
ब्रिटेन में दिन-दहाड़े बुज़ुर्ग सिखों पर हमला! पगड़ी गिराई, चेहरे पर मारी लातें, वीडियो वायरल
Sikh Taxi Drivers Attack UK: घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल है, जिसमें एक किशोर दोनों बुज़ुर्ग सिखों पर बर्बर हमला करता दिख रहा है. वीडियो में साफ़ दिखाई देता है कि एक बुज़ुर्ग ज़मीन पर गिरा पड़ा है, उसकी पगड़ी उतर चुकी है और दूसरा किशोर उसके चेहरे पर लगातार लात-घूंसों की बरसात कर रहा है. आसपास खड़े लोग किसी तरह रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमला करने वाला बार-बार वापस आकर बुज़ुर्ग को पीटता है.

इस हैरान करने वाली घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल है, जिसमें एक किशोर दोनों बुज़ुर्ग सिखों पर बर्बर हमला करता दिख रहा है. वीडियो में साफ़ दिखाई देता है कि एक बुज़ुर्ग ज़मीन पर गिरा पड़ा है, उसकी पगड़ी उतर चुकी है और दूसरा किशोर उसके चेहरे पर लगातार लात-घूंसों की बरसात कर रहा है. आसपास खड़े लोग किसी तरह रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमला करने वाला बार-बार वापस आकर बुज़ुर्ग को पीटता है.
गुस्से में सिख संगठन, पुलिस पर सवालइंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना ने पूरे ब्रिटेन में सिख समुदाय को झकझोर दिया है. सिख संगठनों ने बयान जारी कर साफ कहा कि हमला नस्लीय नफरत का नतीजा है.
पीड़ित दोनों बुज़ुर्ग टैक्सी ड्राइवर बताए जा रहे हैं, जो स्टेशन के बाहर खड़े थे. आरोप है कि तीन गोरे युवकों ने पहले असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया और गाली-गलौज की. जब ड्राइवरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि टैक्सी स्टैंड से ही बुकिंग करनी होगी, तो वे भड़क गए और मारपीट पर उतर आए.
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए सिख संगठन ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि
स्टेशन के बाहर दो बुजुर्ग, जो कि स्थानीय टैक्सी ड्राइवर थे, ड्यूटी पर थे. तीन गोरे लोगों का एक समूह स्टेशन से बाहर निकला और एक ड्राइवर के पास आकर ओल्डबरी ले जाने की मांग की. एक ड्राइवर ने हमें बताया कि वे बहुत असभ्य और गाली-गलौज कर रहे थे और उसने उसे उन्हें ले जाने का आदेश दिया. उसने समझाया कि यह व्यवस्था इस तरह से काम नहीं करती और उन्हें टैक्सी स्टैंड में जाकर वहीं से बुकिंग करनी होगी. लेकिन उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं थी और न ही वे हमारी बात सुन रहे थे, बल्कि वे गाली-गलौज और गाली-गलौज करते रहे.
हमलावरों ने बुज़ुर्ग को जमीन पर पटक दिया, चेहरे पर लात मारी और पगड़ी तक गिरा दी.
पुलिस पर लापरवाही का आरोपसिख संगठन ने ब्रिटिश पुलिस पर भी निशाना साधा है. उनका कहना है कि इतने चश्मदीद और सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद पुलिस 48 घंटे तक खामोश रही. जब वीडियो वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर आक्रोश फूटा, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और तीन किशोरों को गिरफ्तार किया.
नस्लवाद पर फिर बहसवॉल्वरहैम्पटन मेट्रो स्टेशन के बाहर हुई यह वारदात पश्चिमी देशों के उस "बराबरी और मानवाधिकार" वाले दावे पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है. तीन दशक से UK में रह रहे इन ड्राइवरों ने कहा कि कभी ऐसा हमला नहीं झेला, लेकिन अब साफ है कि ब्रिटेन में एशियाई मूल के लोग अभी भी नस्लवाद की मार झेल रहे हैं.
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