मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) में रविवार, 12 अक्टूबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा की पहली पुण्यतिथि पर एक छोटा सा कार्यक्रम किया गया. अब इसी कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कार्यक्रम करने वाले 10 छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
TISS में छात्रों ने जीएन साईंबाबा की पुण्यतिथि मनाई, उमर खालिद-शरजील पर विवाद हो गया, 10 पर FIR
Mumbai के TISS में हंगामे के बाद अगले दिन ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई. आरोपी 10 छात्रों में 5 लड़के और 5 लड़कियां हैं. इनमें से 4 छात्रों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है.


TISS प्रशासन का कहना है कि इस कार्यक्रम की उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और इसकी इजाजत भी नहीं ली गई थी. आरोप है कि कार्यक्रम में दिल्ली दंगों के आरोपी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के स्टूडेंट रहे उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी की गई.
मुंबई पुलिस ने देश के खिलाफ नफरत फैलाने, दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने और बिना इजाजत इकट्ठा होने से जुड़ी धाराओं में FIR दर्ज की है.
TISS प्रशासन की शिकायत
TISS ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि यह कार्यक्रम 12 अक्टूबर की रात 9 बजे के आसपास कैंपस में किया गया. TISS ने बताया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, ना ही छात्रों ने इसकी इजाजत ली थी. TISS प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने सोमवार 13 अक्टूबर को FIR दर्ज कर ली.
छात्रों का क्या कहना है?
जिन 10 छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, उनमें से एक छात्र ने दी लल्लनटॉप को बताया,
"इवेंट का फैसला अचानक हुआ, चाय टपरी पर 8 से 10 लोग जमा हुए, कैंडल जलाई गईं, जीएन साईंबाबा की तस्वीर लगाई गई और उनकी कविताएं पढ़ी गईं. उमर खालिद और शरजील इमाम के समर्थन में नारेबाजी की बात बिल्कुल गलत है."
आरोप छात्र ने आगे बताया,
"उस दौरान गार्ड भी वहां खड़े थे, वहां राइट विंग संगठन 'डेमोक्रेटिक सेक्युलर स्टूडेंट्स फोरम' (DSSF-TISS) से जुड़े स्टूडेंट आ गए, फोटो खींचने लगे, सोशल मीडिया पर फोटो डालने लगे, मुंबई पुलिस को टैग करने लगे. हंगामा करने वाले नारे लगा रहे थे. उन्होंने अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया गया."

पुलिस ने कार्रवाई किया?
दोनों तरफ के दावे बिल्कुल उलट हैं. रात को हुए हंगामे और सोशल मीडिया में पोस्ट के बाद अगले दिन ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुई. आरोपी 10 छात्रों में 5 लड़के और 5 लड़कियां हैं. इनमें से 4 छात्रों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है. बाकी छात्रों ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है.
जीएन साईंबाबा कौन थे?
प्रो. जीएन साईंबाबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के राम लाल आनंद कॉलेज में इंग्लिश पढ़ाते थे. 2014 में उन पर नक्सलियों से संबंध रखने का आरोप लगा और गढ़चिरौली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वो करीब 10 साल जेल में रहे.
2021 में उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से हटा दिया गया. उन्होंने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत लगे आरोपों के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. 5 मार्च 2024 को कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. तब तक उनकी तबीयत बहुत खराब हो चुकी थी, वे व्हीलचेयर पर थे. जेल से छूटने के कुछ महीने बाद 12 अक्टूबर 2024 को उनका निधन हो गया.
वहीं, उमर खालिद और शरजील इमाम, दोनों JNU के छात्र रहे हैं. उन पर 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश में शामिल होने का आरोप है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि इन्होंने मुस्लिम समुदाय को भड़काने के लिए भाषण दिए थे.
हालांकि, इनके वकील यह कहते रहे हैं कि दंगों के समय ये दोनों दिल्ली में नहीं थे. महीने भर पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकी जमानत याचिका खारिज की थी. कोर्ट ने कहा था कि विरोध के नाम पर हिंसा अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है.
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