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हिंसाग्रस्त टोंक में PTI के पत्रकारों पर लाठी-डंडों से हमला, कैमरा छीनकर जला दिया गया

PTI के रिपोर्टर अजीत शेखावत ने दिल्ली स्थित हेड ऑफिस में घटना का एक सेल्फी वीडियो भी भेजा. इसमें उनकी बाईं आंख के नीचे से खून बहता दिखाई दे रहा था.

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13 नवंबर से टोंक में हिंसा जारी है. (फोटो- PTI)

राजस्थान के टोंक जिले में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद से विरोध प्रदर्शन (Tonk violence) हो रहे हैं. 14 नवंबर को हिंसक उपद्रव कवर करने गए समाचार एजेंसी PTI के एक पत्रकार और कैमरापर्सन पर भीड़ ने हमला कर दिया. इस घटना में दोनों बुरी तरह घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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भीड़ के हमले में PTI रिपोर्टर अजीत शेखावत और कैमरापर्सन धर्मेंद्र कुमार बुरी तरह घायल हो गए. इतना ही नहीं, भीड़ ने उनका कैमरा भी छीन लिया और उसमें आग लगा दी. रिपोर्ट के मुताबिक, शेखावत ने दिल्ली स्थित हेड ऑफिस में घटना का एक सेल्फी वीडियो भी भेजा. इसमें उनकी बाईं आंख के नीचे से खून बहता दिखाई दे रहा था. शेखावत ने अपने संपादकों को बताया कि उनके साथी धर्मेंद्र के सिर पर चोट लगी है.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अजीत शेखावत ने बताया,

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“मैं और कैमरापर्सन धर्मेंद्र टोंक जिले के अलीगढ़ गांव में थे. जहां लोगों ने सड़क जाम कर रखी थी. किरोड़ी लाल मीणा लोगों को संबोधित कर रहे थे, तभी अचानक भीड़ आक्रामक हो गई. भीड़ ने हमारी ओर रुख किया और कैमरापर्सन को घेर लिया, और हमें बुरी तरह पीटा. वहां 200-300 लोग थे, उन सभी ने हम पर हमला किया. वो हमें जान से मारना चाहते थे.”

शेखावत ने आगे बताया कि भीड़ ने उनका कैमरा तोड़ दिया और उसे जला दिया. उन्होंने माइक भी तोड़ दिया. शेखावत ने कहा,

“मैं डॉ. किरोड़ी लाल के पास गया और उनसे कैमरापर्सन की सुरक्षा करने का आग्रह किया. मेरे चेहरे से खून बह रहा था. मेरे कैमरापर्सन को कुछ समय बाद लाया गया, उसे भी कई चोटें आईं.”

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घटना को लेकर कैमरापर्सन धर्मेंद्र का भी बयान आया है. उन्होंने अस्पताल से बताया,

“अलीगढ़ मोड़ के पास भारी भीड़ थी, हमारा लाइव कनेक्ट हो रखा था. अचानक कुछ लोग चिल्लाने लगे और कैमरा बंद करने को कहने लगे. मैंने कैमरा बंद किया और पीछे मुड़ा, तभी कई लोगों ने मुझ पर लाठियों से हमला कर दिया. उन्होंने कैमरा छीन लिया. मैंने भागने की कोशिश की तो किसी ने मुझे पत्थर मारा. मैं गिर गया, और फिर मुझ पर लाठियों से हमला किया गया.”

धर्मेंद्र ने आगे बताया कि किरोड़ी लाल ने कुछ लोगों को भेजा, जिन्होंने उन्हें वहां से बचाया.

एसडीएम को थप्पड़ मारा

बता दें कि इलाके में 13 नवंबर की शाम से हिंसा जारी है. हिंसा उस वक्त शुरू हुई, जब पुलिस ने उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के बागी नरेश मीणा के समर्थकों को धरना देने से रोकने की कोशिश की थी. इससे पहले, 13 नवंबर को ही नरेश मीणा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात मालपुरा के एसडीएम अमित चौधरी को कैमरे के सामने थप्पड़ मार दिया था.

13 नवंबर की रात 12 बजे तक बवाल के बाद पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की. रातभर पुलिस ने इलाके में दबिश दी. इसके बाद 14 नवंबर की दोपहर पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया.

घटना को लेकर राज्य में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने हिंसा पर चिंता जताई. उन्होंने X पर लिखा,

“देवली-उनियारा में बेकाबू उपद्रव एवं तनावपूर्ण हालात अत्यंत चिंताजनक हैं. राज्य की भाजपा सरकार स्थिति पर नियंत्रण पाने एवं कानून व्यवस्था कायम करने में पूरी तरह विफल रही है.”

RAS एसोसिएशन सीएम से मिलेगा

एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले को लेकर RAS एसोसिएशन के पदाधिकारी 15 नवंबर की सुबह सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात करेंगे. RAS एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर खराड़ी के नेतृत्व में 13 नवंबर की शाम को बड़ी संख्या में आरएएस अफसर सीएम ऑफिस पहुंचे थे, लेकिन सीएम भजनलाल शर्मा से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी थी.

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