The Lallantop

गोली लगने के बाद भी फेल की आतंकी साजिश, दुर्घटनाग्रस्त लड़ाकू विमान नीचे उतारा, अब इन जवानों को मिला शौर्य चक्र

Republic Day की पूर्व संध्या पर President Droupadi Murmu ने इंडियन एयर फोर्स के 14 जवानों को Shaurya Chakra से सम्मानित किया. वहीं आठ जवानों को वीरता का वायु सेना पदक दिया गया. शौर्य चक्र तीसरा सर्वाच्च शांतिकालीन पुरस्कार है.

post-main-image
संजय हिफ्फाबाई (बाएं) और अमन कुमार हंस (बाएं) को शौर्य चक्र मिला है. (एक्स)

इंडियन एयर फोर्स (Indian air force) के 14 जवानों को गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर तीसरे सर्वोच्च शांतिकालीन पुरस्कार शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित करने की घोषणा की गई. इनमें कॉरपोरेल दाभी संजय हिफ्फाबाई (Corporal Dabhi Sanjay Hiffabai) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस (Flight Lieutenant Aman singh Hans) का नाम शामिल है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय हिफ्फाबाई ने गोली लगने के बावजूद जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले को विफल कर दिया था. वहीं अमन सिंह हंस ने एक नाइट ऑपरेशन के दौरान के दौरान 28 हजार फीट की ऊंचाई पर मिग-29 की छतरी उड़ जाने के बाद उसे लैंड करने का असाधारण साहस दिखाया था. इसके अलावा 25 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एयर फोर्स के आठ जवानों को वीरता और साहस प्रदर्शित करने के लिए वायु सेना पदक देने पर मुहर लगाई.

गोली लगने के बावजूद आतंकियों के मंसूूबे विफल किए

4 मई 2024 को पर्यावरण सहायता सेवा सहायक कॉरपोरल दाभी संजय हिफ्फाबाई को एयर फोर्स के व्हिकल के लिए आर्म्ड एस्कॉर्ट के तौर पर नियुक्त किया गया था. यह व्हिकल अपने ठिकाने से 40 किलोमीटर दूर स्थित भारतीय सेना के फील्ड सप्लाई डिपो से राशन लेने जा रहा था. वहां से लौटते समय गाड़ी पर तीन आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया. दो तरफ से भारी गोलीबारी और ग्रेनेड का हमला शुरू हो गया. इस दौरान कॉरपोरल दाभी अपने दो साथियों के साथ केबिन में बैठे थे. इस दौरान उनके दाहिने हाथ में गोली लग गई. साथ ही चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से में कई छर्रे लगे.

गोली लगने के चलते हो रही ब्लीडिंग के बावजूद उन्होंने खुद से मोर्चा संभाल लिया. और अपने (AK-103) हथियार से आतंकियों पर जवाबी फायरिंग की. उनकी गोलीबारी के चलते आतंकी गाड़ी की ओर नहीं बढ़ पाए. और आखिरकार उन्हें जंगल में भागना पड़ा. कॉरपोरल दाभी के इस असाधारण साहस और अनुकरणीय वीरता के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.

इसी यूनिट के कम्यूनिकेशन टेक्नीशियन कॉरपोरल विक्की पहाड़े को इसी ऑपरेशन में भाग लेने और आतंकियों पर जवाबी फायरिंग करने के लिए मरणोपरांत वीरता के वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया है. इस मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल होने के चलते कॉरपोरल पहाड़े ने कमांड अस्पताल उधमपुर में दम तोड़ दिया था.

28 हजार फीट की ऊंचाई पर भी जज्बा बरकरार 

इंडियन एयरफोर्स के मुताबिक, फ्लाइट लेफ्टिनेंट अमन सिंह हंस पिछले साल 28 मार्च को अपना मिग-29 विमान उड़ा रहे थे. उसी दौरान 28 हजार फीट की ऊंचाई पर इसकी छतरी उड़ गई. इसके बावजूद उन्होंने अपना संयम बनाए रखा. और तुरंत विमान को अपने कंट्रोल में ले लिया. फिर स्टैंडबाय रेडियो कंट्रोल का उपयोग कर इमरजेंसी अनाउंस कर दिया. ताकि कोई सिविल फ्लाइट आस-पास न आ जाए. फिर उन्होंने बिना किसी रेडियो रिसेप्शन और आंखों में तेज दर्द के बावजूद विमान को सुरक्षित लैंड कराया.

ये भी पढ़ें - महिलाओं का राज, कोई टैक्स नहीं... केरल का वो आदिवासी समाज, जिसके राजा को रिपब्लिक डे परेड में बुलाया गया है

जिन आठ लोगों को वीरता के वायु सेना मेडल से सम्मानित किया गया है, उनमें कॉरपोरल विक्की पहाड़े, फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर, ग्रुप कैप्टन अंकित राज सिंह, विंग कमांडर अंकित सूद, विंग कमांडर अंकित सूद, विंग कमांडर अक्षय सक्सेना, विंग कमांडर दुष्यंत सिंह राठौर और विंग कमांडर जूड जोसेफ परेरा शामिल हैं.

वीडियो: 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ भारतीय संविधान