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जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत पर असम में बवाल! पुलिस की गाड़ियां जलीं, इंटरनेट बंद

बवाल के देखते हुए 15 अक्टूबर की शाम को, बक्सा जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय मुशालपुर और जेल से सटे इलाकों में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है.

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सिंगर जुबीन गर्ग की मौत के बाद से ही उनके फैंस में काफी गुस्सा है (PHOTO-AajTak)

सिंगर जुबीन गर्ग (Zubeen Garg) की मौत के बाद से उनके फैंस मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि जुबीन की मौत संदिग्ध है, इसकी जांच होनी चाहिए. लिहाजा वो पूरे असम में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन 15 अक्टूबर को बक्सा जिले में हो रहे विरोध ने उग्र रूप ले लिया. लोगों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी. दरअसल बक्सा में एक गाड़ियों के काफिले में पांच लोगों को ले जाया जा रहा था. ये पांच लोग जुबीन की मौत में गिरफ्तार हुए हैं. इसी दौरान पब्लिक का गुस्सा फूट पड़ा और इस काफिले पर पत्थरबाजी हुई. इसके बाद लोगों ने गाड़ियों में आग लगा दी. बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस को इंटरनेट बंद करना पड़ा.

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जैसे ही इन 5 लोगों को ले जा रहा काफिला जेल के अंदर पहुंचा, जेल कैंपस के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और उन्हें घेरने की कोशिश करते हुए उस पर पथराव हो गया. काफिले के जेल कैंपस में प्रवेश करने के बाद भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. असम पुलिस के आईजी-लॉ एंड ऑर्डर अखिलेश कुमार सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बुधवार शाम 6:45 बजे तक स्थिति उनके कंट्रोल में आ गई थी. पुलिस अभी पता कर रहे हैं कि हिंसा में कितने लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा, 

स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है, और हम अभी भी घटी हर घटना का आकलन कर रहे हैं, क्योंकि यह घटना लगभग दो-तीन किलोमीटर के एरिया में फैली हुई थी. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रबर बुलेट्स और आंसू गैस का इस्तेमाल किया है. हम घायलों की संख्या का पता लगा रहे हैं. कम से कम तीन पुलिस की गाड़ियों में भी आग लगा दी गई है. कई अन्य गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है. इनमें मेरा आईजीपी बीटीएडी (Bodoland Territorial Autonomous Districts) का वाहन भी शामिल है.

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इस पूरे बवाल को देखते हुए 15 अक्टूबर की शाम को, बक्सा जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय मुशालपुर और बक्सा जिला जेल से सटे इलाकों में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी. गृह विभाग ने भी अगले आदेश तक पूरे जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश जारी किया. आशंका जताई गई कि सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल भड़काऊ संदेश, अफवाहें आदि फैलाने के लिए किया जा सकता है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है.

किसे ले जा रही थी पुलिस?

पुलिस जिन पांच आरोपियों को ले जा रही थी, उसमें वे दो लोग शामिल हैं जिन्हें इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है. इसमें पूर्वोत्तर भारत महोत्सव के आयोजक श्यामकानु महंत और गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा भी शामिल हैं, जिन्हें 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.

अन्य तीन आरोपी जुबीन गर्ग के चचेरे भाई और असम पुलिस सेवा के अधिकारी संदीपन गर्ग थे जो उनके साथ सिंगापुर भी गए थे. वो उस नाव पर भी थे जिसमें जुबीन की मौत हो गई थी. इसके अलावा जुबीन गर्ग से जुड़े दो निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य भी इनमें शामिल हैं. 

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