बेंगलुरु की पुलिस ने 31 साल के एक सर्जन को पत्नी की जान लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सर्जन पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी को एनेस्थीसिया जैसी किसी दवा का इतना भारी डोज दिया कि उसकी जान चली गई. शुरुआत में उसने कहा कि पत्नी की मौत सामान्य मौत थी. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पत्नी, जो खुद भी एक डॉक्टर थी, उसे एनेस्थीसिया का बहुत भारी डोज दिया गया था.
'पत्नी की गैस की बीमारी से परेशान था डॉक्टर... ', एनेस्थीसिया देकर मार दिया, 6 महीने बाद ऐसे खुला राज
तबियत खराब होने पर पति डॉ महेंद्र ने पत्नी कृतिका को हाथ में ड्रिप लगाई. इसके कुछ घंटे बाद कृतिका की मौत हो गई. अब इस मामले में राज खुला है.


ये पूरी घटना, 24 अप्रैल 2025 की है. इस दिन स्किन की डॉक्टर (Dermatologist) कृतिका एम रेड्डी की तबियत बिगड़ गई. जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. कृतिका अपने मां-बाप के साथ रह रही थी, और वही उसे अस्पताल लेकर भी गए थे. उन्होंने बताया कि कृतिका अपने कमरे में पड़ी थी. उसके शरीर में तब कोई हरकत नहीं हो रही थी. इस घटना से तीन दिन पहले उसे गैसट्राइटिस (पेट में गैस, तकलीफ) जैसी समस्या हो रही थी. लिहाजा उसके पति डॉक्टर महेंद्र रेड्डी ने उसका इलाज करना शुरू किया.
महेंद्र ने कृतिका को हाथ में ड्रिप लगा कर पानी चढ़ाना शुरू किया. 23 अप्रैल को दोपहर के आसपास कृतिका ने महेंद्र से व्हाट्सएप पर पूछा कि क्या वो ड्रिप निकाल सकती है? क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा है. लेकिन महेंद्र ने मना किया और वापस आकर उसे और भी ड्रिप देने लगा. इसके कुछ देर बाद कृतिका को उसके माता-पिता ने बेहोश देखा.
जब कृतिका को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, तो उसके परिवार ने पोस्टमार्टम की बात रखी. लेकिन महेंद्र और उसके परिवार वाले मना करने लगे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि कृतिका की बहन डॉक्टर निकिता रेड्डी, जो कि एक रेडियोलॉजी डॉक्टर हैं, उसके जोर देने पर पोस्टमार्टम किया गया.
मराठाहल्ली पुलिस ने इसके बाद अप्राकृतिक मौत (Unnatural Death) का मामला दर्ज किया और फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट मांगी. पुलिस को हाल ही में रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि डॉ कृतिका को प्रोपोफोल का इंजेक्शन लगाया गया था. प्रोपोफाल एक नियंत्रित एनेस्थेटिक एजेंट (Controlled Anesthesia) है. यानी इसका इस्तेमाल ऑपरेशंस के दौरान दर्द न हो, इसके लिए किया जाता है. रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने कृतिका के पिता मुनि रेड्डी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर उडुपी जिले के मणिपाल से डॉ महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. कृतिका के पिता मुनि रेड्डी ने एक बयान में कहा,
कृतिका अपने पति पर पूरा भरोसा करती थीं. उसे उनके प्यार और उनके पेशे पर पूरा भरोसा था. लेकिन जिस मेडिकल ज्ञान से लोगों की जान बचनी चाहिए थी, उसका इस्तेमाल उसकी जान लेने के लिए किया गया. हमारा परिवार इस पूर्वनियोजित काम के लिए कड़ी से कड़ी सजा और अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग करता है. इसका नुकसान न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि समाज के लिए भी एक नुकसान है.
इस मामले पर जानकारी देते हुए व्हाइटफील्ड इलाके के डीसीपी के. परशुराम ने बताया कि ऐसा शक है कि महेंद्र को ये दवा अस्पताल, जहां वो काम करता है, वहीं से मिली होगी. डीसीपी ने कहा,
कृतिका की तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए उसका इलाज घर पर ही चल रहा था. लेकिन जब अस्पताल पहुंच कर उसे मृत घोषित कर दिया गया, तो मराठाहल्ली पुलिस को भी एक मेडिको-लीगल केस रिपोर्ट मिल गई. इसके बाद, हमने डॉ कृतिका रेड्डी के कमरे से मिली चीजों को जब्त कर लिया. उन्हें फोरेंसिक साइंस लैब भेजा गया, जहां उसमें प्रोपोफाल के ट्रेस पाए गए.
बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में डॉक्टर महेंद्र ने 26 मई, 2024 को डॉ कृतिका से शादी की थी. दोनों तारामंडलहल्ली थाना क्षेत्र के अयप्पा लेआउट में रहते थे. डॉ महेंद्र को 15 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां उसे नौ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पूछताछ के दौरान उसने कई बातों का खुलासा किया है.
क्यों की पत्नी की हत्या?मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब महेंद्र और कृतिका की शादी हुई तो सब ठीक-ठाक था. अब सवाल ये कि ऐसा क्या हुआ कि महेंद्र ने अपनी मेडिकल की नॉलेज का इस्तेमाल कर कृतिका को मार दिया? हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कृतिका को गैस और खाना पचने की समस्या थी. और ये समस्या काफी लंबे समय से थी. लिहाजा महेंद्र उसकी बीमारी से परेशान रहने लगा. पुलिस के मुताबिक महेंद्र इस बात से गुस्से में था कि कृतिका के परिवार ने शादी से पहले कथित तौर पर उससे ये बात छुपाई थी.
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