जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए Z-Morh Tunnel का उद्घाटन हो गया है. इसका नाम बदलकर सोनमर्ग टनल रख दिया गया है. 13 जनवरी को पीएम मोदी ने गांदरबल जिले में इस टनल का उद्घाटन किया. श्रीनगर-लेह NH-1 पर बनी इस सुरंग की लंबाई 6.4 किलोमीटर है. इसके बनने के बाद अब श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच एक घंटे की दूरी अब महज 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी. जिस पूरे रास्ते को पूरा करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था, वो दूरी अब सिर्फ 45 मिनट में पूरी हो जाएगी.
पीएम मोदी ने सोनमर्ग टनल का उद्घाटन किया, 6.4 किमी लंबी इस सुरंग में क्या खास है?
Sonamarg Tunnel एक घंटे में 1000 वाहनों को हैंडल कर सकती है. जिनकी अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है.

Z-Morh टनल का शिलान्यास राहुल गांधी ने किया था. 4 अक्टूबर, 2012 को राहुल ने उस वक्त के जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला की मौजूदगी में इसका भूमिपूजन किया था. खूबसूरत और फोटोजेनिक दिखने वाले गांदरबल जिले में बनी इस टनल का कंस्ट्रक्शन इतना आसान नहीं रहा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 20 अक्टूबर 2024 को आतंकियों ने टनल के कर्मचारियों पर हमला कर दिया था. दो आतंकी गगनगीर में मजदूरों के कैंप में घुस गए और उन पर फायरिंग कर दी. इस हमले में टनल का निर्माण कर रही इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के 6 मजदूरों सहित 7 लोग मारे गए थे. हमले में एक स्थानीय डॉक्टर की भी मौत हो गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नाम के संगठन ने ली थी.
सोनमर्ग टनल, जोजिला टनल प्रोजेक्ट का हिस्सा है. जिसका मकसद पूरे साल श्रीनगर से लद्दाख तक आवाजाही सुचारू रूप से चालू रखना है. इसके जरिए श्रीनगर, द्रास, कारगिल और लेह के इलाके में सिक्योरिटी बेहतर करने में मदद मिलेगी. साथ ही बॉर्डर के नजदीकी इलाकों का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत होगा.

- सुरंग के बनने से पहले यहां जो सड़क थी, वो अंग्रेजी के 'Z' अक्षर के आकार की थी, इसीलिए इसका नाम जेड मोड़ टनल रखा गया था. टनल के निर्माण में इस रोड पर पड़ने वाले हिमस्खलन प्रभावित उस हिस्से को हटा दिया गया है, जो अक्सर भारी बारिश के कारण महीनों तक बंद रहता था.
- लगभग 12 किलोमीटर लंबी इस सुरंग परियोजना का निर्माण 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है. इसमें 6.4 किलोमीटर लंबी सोनमर्ग मेन सुरंग, एक निकास सुरंग और अप्रोच रोड शामिल हैं.
- सोनमर्ग टनल टू-लेन सुरंग है. इसकी चौड़ाई 10 मीटर है. इसके साथ-साथ एक एस्केप टनल भी बनाई गई है. जिसकी चौड़ाई 7.5 मीटर है. इसे इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकेगा. साथ ही इसे रेलवे टनल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.
- ये टनल एक घंटे में 1000 वाहनों को हैंडल कर सकती है. जिनकी अधिकतम स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है.
- 2028 तक जोजिला टनल का काम पूरा होने के बाद इस रूट की लंबाई 49 किलोमीटर से घटकर 43 किलोमीटर हो जाएगी. इसके बाद इस रास्ते पर वाहनों की गति को 30 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 70 किमी प्रति घंटा किया सकेगा.

- सोनमर्ग टनल में टेक्नोलॉजी का खासा इस्तेमाल किया गया है. इससे यूजर्स को रियल टाइम अपडेट्स दी जाएंगी. सेफ्टी और ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाया गया है. फायर को डिटेक्ट करने के लिए इलेक्ट्रिकल सिस्टम इंस्टॉल किया गया है. यात्रियों की स्पीड को ट्रैफिक के हिसाब से एडजस्ट करने के लिए Speed Limit Variable Message Signs (SLVS) भी लगाए गए हैं.
13 अक्टूबर को टनल के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा,
“देश की उन्नति के लिए, जम्मू कश्मीर की उन्नति के लिए मजदूरों ने कठिन परिस्थितियों में काम किया. हमारे 7 श्रमिकों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन हम अपने संकल्प से डिगे नहीं. मेरे श्रमिक साथियों ने हर चुनौतियों को पार करते हुए इस काम को पूरा किया है.”
पीएम ने आगे कहा कि केंद्र में सरकार बनने के बाद ही 2015 में सोनमर्ग टनल के वास्तविक निर्माण का काम शुरू हुआ था. उन्होंने कहा, "खुशी है कि इस टनल का काम हमारी ही सरकार में पूरा भी हुआ है."
पीएम मोदी के साथ इस टनल के उद्घाटन में जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए.
वीडियो: क्या है Z मोड़ टनल, जहां हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की जान चली गई?