भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की एक रिपोर्ट सामने आई है. इसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी भारत को मानता है. इसलिए वह अपनी सैन्य ताकत मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास जारी रखेगा. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अपने परमाणु जखीरे को भी आधुनिक बनाने पर काम कर रहा है.
'पाकिस्तान का पूरा फोकस परमाणु हथियारों पर', अमेरिकी रिपोर्ट में खुलासा
पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. इसलिए वह परमाणु कमान की सुरक्षा को और मजबूत करने में लगा है.

पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलूच राष्ट्रवादी उग्रवादियों के हमले बढ़ते जा रहे हैं. जो कि पाकिस्तान के लिए चिंता पैदा कर रहे हैं. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने 2024 में इन हमलों से निपटने के लिए कई अभियान चलाए. इसके बावजूद भी इन हमलों में 2,500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. इनमें आम नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षाबलों के जवान भी शामिल थे.
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है. इसलिए वह परमाणु कमान की सुरक्षा को और मजबूत करने में लगा है. भारत के खिलाफ पाकिस्तान को चीन का संरक्षण मिला है. चीन पाकिस्तान को पैसे के अलावा बड़ी मात्रा में हथियार देता है. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना हर साल चीन की PLA के साथ कई सैन्य अभ्यास करती है. इसका मकसद पाकिस्तानी सेना को आधुनिक बनाना है.
इन अभ्यासों में एयर एक्सरसाइज भी शामिल है. जो नवंबर 2024 में पूरा हुआ है. पाकिस्तान के Weapons of Mass Destruction (परमाणु, जैविक या रासायनिक हथियार) प्रोग्राम में प्रयोग होने वाले उपकरणों की आपूर्ति चीन ही करता है. साथ ही हांगकांग, सिंगापुर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी इसमें पाकिस्तान की मदद करते हैं.
हालांकि, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में दरार भी देखी गई. साल 2024 में आतंकवादी हमलों में सात चीनी नागरिकों की मौत हुई थी. इससे दोनों देशों के बीच असहजता बढ़ गई. इन हमलों का लक्ष्य अक्सर CPEC परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागिरक होते हैं.

हालांकि, पाकिस्तान को पड़ोसी देशों से झड़पें भी देखने को मिलीं. इस साल मार्च 2025 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक-दूसरे के क्षेत्र पर हवाई हमले किए. इसके पहले साल 2024 में ईरान ने आतंकवादी हमलों के जवाब में एयर स्ट्राइक की थी. जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए उच्च स्तरीय बैठकों समेत कई कदम उठाए गए थे. सितंबर 2024 में अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा को लेकर झड़प हुई थी. इसमें आठ तालिबान लड़ाके मारे गए थे.
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