‘भारत में मर जाना मंजूर है लेकिन पाकिस्तान जैसे नर्क में वापस लौटना बिल्कुल भी नहीं.’
पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों का अब क्या होगा, उन्हें भी वापस जाना होगा?
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सख्त एक्शन लिया है. वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल भारत छोड़ने के लिए कह दिया गया है.

ये बोल अपना सब कुछ छोड़छाड़ कर भारत आए पड़ोसी देश के सिंध इलाके के रहने वाले खेतोराम के हैं. पहलगाम में आतंकवादी हमले से कुछ घंटों पहले ही वो भारत आए थे. पाकिस्तान में सब कुछ बेचकर खेतोराम दो बच्चों और पत्नी के साथ सीमा पारकर भारत आ तो गए लेकिन यहां टिक पाना, अब उनके लिए बड़ी समस्या बन गया है.
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने शॉर्ट टर्म वीजा वाले पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश वापस जाने के लिए कह दिया है. हर राज्य को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करे, जो टूरिस्ट, मेडिकल या बिजनस के शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आए हैं. साथ ही उनकी पाकिस्तान वापसी भी तय करे.
शुक्रवार, 25 अप्रैल को एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में विदेश मंत्रालय ने कहा,
भारत सरकार ने 27 अप्रैल 2025 से लॉन्ग टर्म वीजा, डिप्लोमेटिक और ऑफिशियल वीजा को छोड़कर पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी मौजूदा वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल 2025 तक वैध होंगे.
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि संशोधित नियमों के अनुसार भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने वीज़ा की अवधि समाप्त होने से पहले देश छोड़ देना जरूरी है. इसके साथ ही भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा करने से बचने की सख्त सलाह दी गई है और पाकिस्तान गए लोगों से जल्द से जल्द भारत लौटने की अपील की गई है.

भारत में शॉर्ट टर्म वीजा पर आने वाले पाकिस्तानियों की अच्छी-खासी संख्या है. हालांकि, बहुत बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत में हैं. शनिवार को भारत सरकार ने क्लियर कर दिया कि लॉन्ग टर्म वीजा वालों के लिए कोई परेशानी नहीं है. ये लोग यहां रुक सकते हैं लेकिन STV या फिर मेडिकल वीजा वालों को वापस जाना होगा. इस आदेश से खेतोराम जैसे लोग फंस रहे हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट में सिंध से आए एक शरणार्थी बालम के बारे में बताया गया है. अपने बच्चे और पत्नी के साथ भारत आए बालम अब वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं. वह कहते हैं कि इससे बेहतर तो मौत है. उन्हें फिर वापस न भेजा जाए. उन्हें डर है कि अगर वो फिर पाकिस्तान जाते हैं तो उन्हें वही धार्मिक उत्पीड़न झेलना पड़ेगा, जिससे परेशान होकर वह यहां आए थे. पाकिस्तान में उन्होंने अपना सबकुछ बेच दिया है.
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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकबता दें कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत ठीक नहीं है. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर होती जा रही है. यहां अल्पसंख्यक सख्त ईशनिंदा कानून के तहत उत्पीड़न और मुकदमों का दंश झेल रहे हैं. इस रिपोर्ट में अमेरिकी सरकार से पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देश (country of particular concern) के रूप में फिर से नामित करने का आग्रह किया गया है.
ऐसे में सवाल है कि उत्पीड़न और शोषण से परेशान होकर भारत में शरण लेने आए हिंदू पाकिस्तानियों का क्या होगा? जो लोग लॉन्ग टर्म वीजा पर आए हैं, उनके लिए तो विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया कि वे भारत में रह सकते हैं लेकिन बालम और खेतोराम जैसे लोगों का क्या जो शॉर्ट टर्म वीजा पर आए और अब वापस नहीं जाना चाहते. CID के एएसपी नरपत सिंह, जो FRRO भी हैं वो इसका जवाब देते हैं. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा,
हमें गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार है. LTV धारकों को अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है. अब देखने की बात यह होगी कि पाकिस्तान से शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आए विस्थापित हिंदू शरणार्थियों को लेकर क्या फैसला आने वाले दिनों में सरकार लेती है?

पाकिस्तानी हिंदुओं पर जो भी फैसला सरकार ले वो अपनी जगह है. पाकिस्तानी मुस्लिमों के लिए तो सरकार का आदेश साफ है. चाहे वो कल आए हों या एक महीने पहले. शॉर्ट टर्म वीजा है तो उन्हें तत्काल वापस पाकिस्तान जाना होगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जुमेर, उम-ए-रोमल, जुनैयर और फातिमा मलेर कोटला में अपने चचेरे भाइयों से मिलने आए थे. 22 अप्रैल को उन्होंने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) में अपना नाम लिखाया और 23 अप्रैल को ही उन्हें वापस जाने का फरमान दे दिया गया. उन्हें भारत बुलाने वाले असगर अली को समझ नहीं आ रहा कि वह अपने मेहमानों को क्या कहें? जिन्हें वह उनके पैतृक गांव और गलियां दिखाने के वादे पर लेकर आए थे. उन्हें भारत में 45 दिन बिताना था लेकिन कायदे से वह 45 घंटे भी भारत में नहीं रह पाए.
असगर कहते हैं कि उनके पाकिस्तानी चचेरे भाई जुलाफ अली और अब्दुल रहीम के साथ परिवार के 8 लोग आए थे लेकिन ये सभी लोग नफरत की राजनीति के शिकार हो गए हैं. पाकिस्तान के पहलवान मोहम्मद हनीफ भी बहुत खुश होकर मलेरकोटला आए थे कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलेंगे. स्थानीय अखाड़ों के साथी पहलवानों से भी मिलने का उनका प्रोग्राम था. उन्हें अपना प्रोग्राम अचानक कैंसिल करना पड़ा और बिना किसी से मिले पाकिस्तान वापस जाना पड़ा.
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देश भर में ऐसे ही कितने पाकिस्तानी हैं, जो शॉर्ट टर्म वीजा लेकर भारत आए. पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद उनके लिए अचानक से सब कुछ बदल गया. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिया कि वे अपने राज्यों में पाकिस्तानियों की पहचान करें और उन्हें तत्काल निर्वासित करें. भारत का यह कदम पहलगाम हमले में पाकिस्तानी हाथ के सामने आने के बाद उठाया गया है. भारत ने इसके अलावा अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है. सार्क वीजा भी रद्द कर दिया गया है.

लॉन्ग टर्म वीजा वालों को छोड़कर पाकिस्तान के सभी नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोड़ने को कहा गया है. मेडिकल वीजा वाले लोगों के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है. वहीं, शॉर्ट टर्म वीजा धारकों को 27 अप्रैल तक का समय दिया गया है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद हर राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की शिनाख्त शुरू कर दी गई है, ताकि उन्हें डेडलाइन से पहले डिपोर्ट किया जा सके.
शॉर्ट टर्म वीजा वाले कितने लोग?भारत में शॉर्ट टर्म वीजा पर आए पाकिस्तानियों का सटीक आंकड़ा देना मुश्किल है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अलग-अलग राज्यों में अभी तक 2 हजार से ज्यादा शॉर्ट टर्म वीजा धारकों की पहचान की गई है. उन्हें तत्काल भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. बिहार में 17 पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए नोटिस दिया गया है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि अभी तक 118 पाकिस्तानियों की पहचान की गई है जो प्रदेश में शॉर्ट टर्म वीजा पर रुके हैं. इनमें से 32 लोगों को वापस भी भेजा जा चुका है.
महाराष्ट्र के अधिकारियों ने द प्रिंट को बताया कि प्रदेश में शॉर्ट टर्म वीजा वाले 55 पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने को कहा गया है. तेलंगाना में 12 लोगों के पास शॉर्ट टर्म वीजा है जबकि 39 लोग मेडिकल और बिजनस वीजा पर हैं. सभी को पाकिस्तान जाने के लिए कह दिया गया है. अहमदाबाद में 389 पाकिस्तानी नागरिकों को 27 से 29 अप्रैल तक भारत की सीमा छोड़ देने का नोटिस दिया गया है.

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पुलिस रेकॉर्ड्स के अनुसार केरल में 104 पाकिस्तानी नागरिक रुके हैं. इनमें से 45 के पास लॉन्ग टर्म वीजा है. 55 विजिटर्स वीजा और 3 मेडिकल वीजा पर हैं. ऐसे में कुल 58 लोगों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. पंजाब के मलेर कोटला में 16 पाकिस्तानियों को भारत छोड़कर जाना होगा. उत्तराखंड में 3 में से 2 पाकिस्तानी नागरिक को वापस भेज दिया गया है जबकि एक को भेजा जाना है. पुलिस ने बताया कि प्रदेश में 250 पाकिस्तानी नागरिक रहते हैं. इनमें 247 लॉन्ग टर्म वीजा पर हैं.
हरियाणा में 250 पाकिस्तानी नागरिक पिछले महीने टूरिज्म, मेडिकल और बिजनस के मकसद से आए थे. राजस्थान में तकरीबन 500 पाकिस्तानी नागरिक शॉर्ट टर्म वीजा पर हैं. गुजरात में 7 पाकिस्तानी वापस भेजे जाने वाले हैं. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 228 पाकिस्तानियों को 27 से 29 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा. तमिलनाडु सरकार ने प्रदेश में तकरीबन 180-200 पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत भारत छोड़ने के लिए कहा है. पटना में 27, ओडिशा में 12 और गोवा में 3 पाकिस्तानियों को अपने देश वापस जाने के लिए कह दिया गया है.
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