केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना को आगामी जनगणना के साथ कराने का फैसला लिया है. ये फैसला मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया. सरकार के इस फैसले के बाद जातीय जनगणना को लेकर ‘क्रेडिट वॉर’ शुरू हो गई है. सरकार के इस फैसले के बाद विपक्षी पार्टियां अपने-अपने हिस्से का क्रेडिट लेने लगीं. वहीं NDA के सहयोगी दल भी क्रेडिट वॉर में ‘हम फर्स्ट हम फर्स्ट’ करते दिखे.
जातीय जनगणना पर छिड़ी 'क्रेडिट वॉर', कौन-कौन नेता कह रहा 'हम फर्स्ट हम फर्स्ट'?
जातीय जनगणना कराने की खबर आने के बाद INDIA गठबंधन के कई नेता कह रहे हैं कि वे पहले से इसकी डिमांड कर रहे थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया कि उनके और उनकी पार्टी के प्रयासों की वजह से ही आज मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने के लिए मजबूर हुई है.

जातीय जनगणना कराने की खबर आने के बाद INDIA गठबंधन के कई नेता कह रहे हैं कि वे पहले से इसकी डिमांड कर रहे थे. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया कि उनके और उनकी पार्टी के प्रयासों की वजह से ही आज मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने के लिए मजबूर हुई है. उन्होंने X पर लिखा,
"कहा था ना, मोदी जी को ‘जाति जनगणना’ करवानी ही पड़ेगी, हम करवाकर रहेंगे! यह हमारा विज़न है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सरकार एक पारदर्शी और प्रभावी जाति जनगणना कराए. सबको साफ़-साफ़ पता चले कि देश की संस्थाओं और power structure में किसकी कितनी भागीदारी है. जाति जनगणना विकास का एक नया आयाम है. मैं उन लाखों लोगों और सभी संगठनों को बधाई देता हूं, जो इसकी मांग करते हुए लगातार मोदी सरकार से लड़ाई लड़ रहे थे - मुझे आप पर गर्व है."
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए इसके लिए बजट जारी करने की बात कही. उन्होंने X पर लिखा,
“कांग्रेस ने लगातार जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी, जिसके सबसे मुखर पक्षधर राहुल गांधी रहे. आज मोदी सरकार ने Census के साथ जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है. ये सही कदम है जिसकी हम पहले दिन से मांग कर रहे थे. मैंने कई बार इसे संसद में उठाया और प्रधानमंत्री जी को पत्र भी लिखा. INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी कई बार जातिगत जनगणना की मांग की है और लोकसभा चुनाव में ये अहम मुद्दा बना.”
खरगे ने आगे कहा कि जनगणना के लिए इस साल के बजट में भी केवल 575 करोड़ रुपये का आवंटन है. इसलिए ये सवाल मुनासिब है कि सरकार इसको कैसे और कब पूरा करेगी. कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ये मांग करती है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द बजट का प्रावधान कर जनगणना और जातिगत जनगणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ चालू करे.
वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कहा कि सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार ‘मजबूरन’ ये निर्णय लेने को बाध्य हुई. अखिलेश ने X पर लिखा,
“जाति जनगणना का फैसला 90% PDA की एकजुटता की 100% जीत है. हम सबके सम्मिलित दबाव से भाजपा सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है. सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है. भाजपा सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे. एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे.”
अखिलेश ने आगे कहा कि ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम. भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा. पूर्व सीएम ने कहा कि संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है.
INDIA ब्लॉक की सहयोगी RJD के विधायक और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पटाखा फोड़ ‘सामाजिक न्यायवादियों’ को बधाई दी. उन्होंने X पर एक वीडियो पोस्ट कर लिखा,
“29 साल पहले जनता दल के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा की समाजवादी सरकार के केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जातिगत जनगणना के निर्णय को पलटने वाली NDA सरकार को दोबारा उस निर्णय पर निर्णय लेने के लिए बाध्य करने वाले आदरणीय लालू जी समेत सभी समाजवादियों की जीत पर पटाखा फोड़ सामाजिक न्यायवादियों को बधाई.”
वहीं NDA सहयोगी LJP के नेता और सांसद चिराग पासवान ने सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा,
“ये एक ऐतिहासिक फैसला है, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं. मुझे लगता है कि हमारी एक जो लंबे समय से इच्छा और मांग थी, आज हर देशवासी की उस इच्छा को प्रधानमंत्री ने पूरा करने का कार्य किया है. आज एक बार फिर से साबित हो गया है कि हमारी सरकार हर उस फैसले को लेगी जो जनता के हित में हो, गरीबों के हित में हो.”
एक और NDA सहयोगी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये उनकी पार्टी की पुरानी मांग थी. X पर पीएम मोदी को टैग करते हुए नीतीश ने लिखा,
“जाति जनगणना कराने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है. जाति जनगणना कराने की हम लोगों की मांग पुरानी है. ये बेहद खुशी की बात है कि केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का निर्णय किया है. जाति जनगणना कराने से विभिन्न वर्गों के लोगों की संख्या का पता चलेगा जिससे उनके उत्थान एवं विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी. इससे देश के विकास को गति मिलेगी. जाति जनगणना कराने के फैसले के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन तथा धन्यवाद.”
किसी भी गठबंधन से अलग राजनीति कर रहीं BSP सुप्रीमो मायावती ने सरकार के इस फैसले को देर से उठाया गया सही कदम बताया. उन्होंने कहा,
“देश में मूल जनगणना के साथ ही ’जातीय जनगणना’ कराने का केन्द्र सरकार द्वारा आज लिया गया फैसला काफी देर से उठाया गया सही दिशा में कदम. इसका स्वागत. बीएसपी इसकी मांग काफी लंबे समय से करती रही है. उम्मीद है कि सरकार जनगणना से जनकल्याण के इस फैसले को समय से जरूर पूरा कराएगी.”
NCP (शरद पवार गुट) से सांसद सुप्रिया सुले ने लिखा,
“हम कई वर्षों से संसद सहित विभिन्न मंचों पर जातिवार जनगणना की मांग लगातार करते आ रहे हैं. हमारा तर्क था कि यदि जातिवार जनगणना होगी तो सरकार के लिए विभिन्न जाति समूहों की आरक्षण संबंधी मांगों पर निर्णय लेना संभव हो सकेगा.”
सुप्रिया ने आगे कहा कि आज केंद्र सरकार ने जातिवार जनगणना कराने का निर्णय लिया है. इस निर्णय से देश में विभिन्न जातियों की वास्तविक संख्या और उनकी स्थिति पर नई रोशनी पड़ेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि ये प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू होगी और तय समय में पूरी होगी.
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली किसी सरकार ने जातीय जनगणना नहीं करवाई और अब मोदी सरकार में ये होना जा रहा है. उन्होंने कहा,
“आज मोदी जी के नेतृत्व में ये फैसला हुआ है कि जनगणना के साथ जातियों की जनगणना भी होगी. कांग्रेस और INDI गठबंधन में श्रेय लेने की होड़ लगी है. मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि इतने सालों तक कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन तब उन्होंने जनगणना क्यों नहीं करवाई? इंदिरा जी ने क्या किया? मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, कांग्रेस का रुख क्या था? कांग्रेस ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया.”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि राजीव गांधी की सरकार और मनमोहन सिंह की सरकार के समय जनगणना क्यों नहीं कराई गई. शिवराज ने तंज कसा, “तब सोनिया जी सुपर पीएम थीं... ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बना था, लेकिन तब भी जाति जनगणना नहीं हुई."
शिवराज चौहान ने कहा कि झूठ बोलना और भ्रम फैलाना ये ‘कांग्रेस का DNA’ है.
वीडियो: सरकार ने लिया जाति जनगणना कराने का फैसला, क्या हैं मायने?