The Lallantop

मिग-21: 1971 में जंग जिताई, 2019 में F-16 मार गिराया, फिर क्यों अब इसे अलविदा कह दिया गया?

Mig-21 को 1963 में Indian Air Force में शामिल किया गया था. ये भारत का पहला Supersonic Fighter Jet था. अब 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में मिग-21 ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. क्या थी इसकी खूबी और आखिर क्यों इस विमान को एयरफोर्स ने अलविदा कह दिया?

Advertisement
post-main-image
इंडियन एयरफोर्स का मिग-21 (PHOTO: Defence PRO Chennai)

मिग-21 (Mig-21). 62 साल की सर्विस के बाद इंडियन एयरफोर्स ने अपने बेड़े में शामिल इस फाइटर जेट को रिटायर करने का फैसला किया है. मिग-21 को 1963 में इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) में शामिल किया गया था. ये भारत का पहला सुपरसॉनिक फाइटर जेट था. इंडियन एयरफोर्स द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में 26 सितंबर 2025 को मिग-21 ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. इसके रिटायर होते ही इंडियन एयरफोर्स में स्क्वाड्रंस की संख्या 29 हो जाएगी. मिग-21 की जगह स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस मार्क 1A (LCA Tejas Mk1A) फाइटर जेट्स लेंगे.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

मिग-21 को सोवियत के दौर में बनाया गया था. ये उस समय के सबसे उन्नत सुपरसॉनिक (आवाज के बराबर रफ्तार) फाइटर जेट्स में से एक था. इंडियन एयरफोर्स में 1963 से अब तक कुल 870 मिग-21 इंडक्ट किए जा चुके हैं. इन विमानों ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी हिस्सा लिया था. इस विमान ने पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया था. वजह थी इसकी सुपरसॉनिक यानी आवाज के बराबर रफ्तार. साथ ही साइज छोटा होने की वजह से ये रडार पर भी मुश्किल से लोकेट हो पाता.

Advertisement
1962 : ट्रेनिंग के लिए सोवियत संघ गए भारतीय पायलट्स

60 के दशक में भारत ने सोवियत संघ से मिग-21 खरीदने का फैसला किया. विमानों के भारत डिलीवर होने से पहले इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर दिलबाग सिंह (जो बाद में एयरफोर्स चीफ भी बने) समेत 8 भारतीय पायलट्स ट्रेनिंग के लिए तत्कालीन सोवियत संघ के Frunze गए. ये जगह अब किर्गिस्तान में पड़ती है.

Image
तत्कालीन विंग कमांडर दिलबाग सिंह (मध्य में) के साथ इंडियन एयरफोर्स के पायलट्स जिन्होंने मिग का शुरुआती बैच उड़ाया (PHOTO-Indian Air Force)
1965 की जंग में शामिल हुआ

1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरी जंग शुरू हुई. इस समय इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में फ्रेंच मिस्टियर सबसे प्रमुख विमान था. चूंकि मिग-21 की संख्या कम थी, इसलिए इस जंग में इन्हें अटैक से अधिक डिफेंस के लिए इस्तेमाल किया गया. उस दौरान मिग-21 ने भारतीय एयरस्पेस की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

mig 21 in 1965
1965 में उड़ान के दौरान मिग-21 (PHOTO-India Today)
1970: पहली बार सामने आया इंडियन मेड मिग-21

ये वो दौर था जब मिग-21 की तकनीक और रफ्तार के कायल दुश्मन देश भी थे. भारत को ये समझ आ चुका था कि ये विमान किसी भी युद्ध में गेमचेंजर साबित हो सकता है. लिहाजा भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसे लाइसेंस के तहत नासिक में बनाना शुरू किया और 1970 में पहला इंडियन मेड मिग-21 एयरफोर्स को सौंपा गया.

Advertisement
first indian made mig 21
भारत में बने मिग-21 (PHOTO-Indian Air Force)
1971: पाकिस्तान के गवर्नर हाउस को खाक कर दिया

भारत पाकिस्तान के बीच तीसरी बार 1971 में जंग छिड़ गई. देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तीनों सेनाओं से पूरी ताकत से हमला करने को कहा. और तब इंडियन एयरफोर्स के मिग-21 ने पाकिस्तान में जबरदस्त तबाही मचाई. 14 दिसंबर, 1971 को इस विमान ने फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों के नेतृत्व में ढाका स्थित गवर्नर हाउस पर रॉकेट्स से हमला किया जहां कई बड़े पाकिस्तानी अधिकारी गुप्त मीटिंग किया करते थे. साथ ही इसने रात में चटगांव पर हमला कर पाकिस्तानी रडार स्टेशंस को उड़ा दिया. इस जेट ने पाकिस्तान को अमेरिका से मिले चार सुपरसॉनिक F-104 स्टारफाइटर्स को भी डॉगफाइट (हवा में आमने-सामने दो विमानों की लड़ाई) में मार गिराया.

Image
1971 की जंग के दौरान मिग-21 (PHOTO- X-Indian Air Force/Eagles over Bangladesh)
ऑपरेशन सफेद सागर: टाइगर हिल पर मिग-21 के रॉकेट

ये बात है 1999 की. पाकिस्तानी आर्मी की 5th नॉर्दर्न लाइट इंफेट्री (पाक आर्मी की एक रेजिमेंट) ने कारगिल में घुसपैठ कर भारत की सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया. इंडियन आर्मी जमीन पर उनसे लगातार लोहा ले रही थी. लेकिन ऊंचाई पर होने से पाकिस्तान को फायदा हो रहा था. तब इंडियन एयरफोर्स हरकत में आई और शुरू किया 'ऑपरेशन सफेद सागर'. इंडियन एयरफोर्स ने कारगिल की पहाड़ियों पर बैठी पाकिस्तानी सेना पर जबरदस्त प्रहार किया. मिग-21 में लगे रॉकेट्स ने कारगिल सेक्टर के टाइगर हिल को जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

Image
कारगिल की पहाड़ियों के ऊपर चक्कर लगाते मिग-21 (PHOTO-Indian Air Force)
बालाकोट एयर स्ट्राइक: मार गिराया चौथी पीढ़ी का F-16

भारत के पुलवामा में 16 फरवरी 2019 को CRPF के काफिले पर आतंकी हमला हुआ. इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. भारत ने 26 फरवरी को जवाब देते हुए पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के कैंप पर हमला कर दिया. इससे बौखलाए पाकिस्तान ने अगली सुबह अपने F-16 जेट भेजे. लेकिन उस समय ड्यूटी पर तैनात मिग-21 ने उन्हें डिटेक्ट कर लिया. विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग से पाकिस्तानी जेट का पीछा किया. उन्होंने एक डॉग फाइट में सफलतापूर्वक F-16 को मार गिराया. लेकिन इस लड़ाई में उन्हें भी अपने विमान से इजेक्ट करना पड़ा. पाकिस्तान ने उन्हें बंधक बना लिया लेकिन 1 मार्च को पाकिस्तान को उन्हें रिहा करना पड़ा. पूरी दुनिया ने इस लड़ाई में देखा कि कैसे एक इतने पुराने मिग-21 ने चौथी पीढ़ी के उन्नत F-16 को मार गिराया. 

abhinandan mig 21
मिग-21 के साथ विंग कमांडर अभिनंदन (PHOTO-Indian Air Force)
अलविदा क्यों कहा जा रहा मिग-21 को?

26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में मिग-21 ने आखिरी बार उड़ान भरी. शानदार सर्विस और बेहतरीन रिकॉर्ड के साथ इसके नाम कुछ दाग भी आए. कई बार क्रैश होने की वजह से इसे 'उड़ता ताबूत' तक कहा गया. पुरानी तकनीक और सेफ्टी फीचर्स की कमी की वजह से 1971 से अबतक लगभग 400 मिग-21 क्रैश हो चुके हैं.

इन हादसों में 200 फाइटर पायलट्स के अलावा 50 सिविलियंस यानी आम लोग भी अपनी जान गंवा चुके हैं. मिग-21 अपनी जेनरेशन का सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमान माना जाता है. लेकिन ये भी सच है कि इसका दौर काफी समय पहले बीत चुका है. इसके बावजूद भारतीय सेना लंबे समय से इसका इस्तेमाल कर रही थी. बहरहाल, इस जेट की विदाई के साथ ही इंडियन एयरफोर्स में एक युग का अंत हो गया.

वीडियो: अभिनंदन क्रैश के वक्त अपने मिग-21 से पाकिस्तान एयर फोर्स को जवाब दे रहे थे

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स
Advertisement