भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने NATO प्रमुख मार्क रूट के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी टैरिफ के बाद ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन किया’ था. विदेश मंत्रालय ने इस कॉमेंट को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ और ‘पूरी तरह से निराधार’ करार दिया है.
ट्रंप के टैरिफ के बाद PM मोदी ने पुतिन से बात की? NATO प्रमुख के दावे पर सरकार का जवाब आया
India Rejects NATO Chief Claim: विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से किसी भी समय उस तरीके से बात नहीं की, जैसा बताया जा रहा है. ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार, 26 सितंबर की शाम मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से किसी भी समय उस तरीके से बात नहीं की, जैसा बताया जा रहा है. रणधीर जायसवाल के मुताबिक, ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने जोर देकर कहा,
हमने मार्क रूट का वो बयान देखा है जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और पुतिन के बीच फोन पर हुई. ये बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से निराधार है. हम उम्मीद करते हैं कि NATO जैसी महत्वपूर्ण संस्था का नेतृत्व सार्वजनिक बयानों में ज्यादा जिम्मेदारी और सटीकता बरतेगा. प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों को गलत तरीके से पेश करने वाली अटकलें या लापरवाह टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं, जो कभी हुई ही नहीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रूस से तेल खरीदने की भारत सरकार की नीति पर अपना स्टैंड फिर दोहराया. उन्होंने कहा, “जैसा पहले भी कहा गया है, भारत के ऊर्जा आयात का मकसद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक प्रेडिक्टेबल और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है. भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करता रहेगा.”
इससे पहले, ‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन’ (NATO) के महासचिव मार्क रूट ने बड़ा दावा किया था. उनके मुताबिक, भारत पर ‘अमेरिकी टैरिफ का असर पड़ रहा’ है. इतना कि वो रूस से यूक्रेन के मामले पर स्पष्टीकरण मांगने लगा है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान, न्यूज चैनल CNN से बात करते हुए मार्क रूट ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के लगाए टैरिफ के कारण, पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को फोन किया.
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डॉनल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले भारत से आयात होने वाली चीजों पर पहले 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था. फिर अमेरिकी सरकार ने कहा कि वो भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकना चाहती है. इसके बाद डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया. ट्रंप ने NATO के सदस्य देशों से भी कहा कि वे चीन पर भारी टैरिफ लगाएं और रूस से तेल खरीदना कम करें.
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