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'मोदी जी जाति जनगणना जरूर कराएंगे, वे टाइमिंग के उस्ताद हैं', RJD सांसद मनोझ झा की 3 साल पुरानी 'भविष्यवाणी' वायरल

मनोज झा ने 3 साल पहले ही दावा किया था कि पीएम मोदी अपनी सुविधा के हिसाब से जातीय जनगणना करवाएंगे. आरजेडी सांसद ने कहा था, “मोदी जी टाइमिंग के उस्ताद हैं. उनको जब टाइमिंग सूटेबल लगेगी, वो जाति जनगणना करवा देंगे.”

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मनोज झा की 'भविष्यवाणी' का वीडियो वायरल है (Lit Chowk)

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार आखिरकार देश में जाति जनगणना (Caste Census) कराने के लिए तैयार हो गई है. सरकार ने एलान किया है कि अगले साल होने वाली जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाएगी. इसे लेकर अब राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जातीय जनगणना जरूर करवाएंगे, लेकिन हमारे (विपक्ष) कहने से नहीं. 

साल 2022 में ‘लिट चौक’ नाम के एक प्लेटफॉर्म के में बोलते हुए मनोज झा ने दावा किया था कि पीएम मोदी अपनी सुविधा के हिसाब से जातीय जनगणना करवाएंगे. आरजेडी सांसद ने कहा था, “मोदी जी टाइमिंग के उस्ताद हैं. उनको जब टाइमिंग सूटेबल लगेगी, वो जाति जनगणना करवा देंगे.” 

अब बिहार चुनाव के शोर-शराबे के बीच जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना का फैसला लिया है, तो लोग मनोज झा की यही बात याद कर रहे हैं. लिट चौक के यूट्यूब चैनल पर ओरिजिनल वीडियो 12 मार्च, 2023 को अपलोड किया गया था. 

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इसमें मनोज झा जाति जनगणना पर अपनी बातें रख रहे हैं. वह कहते हैं कि जस्टिस रोहिणी कमीशन से उम्मीद की जा रही थी कि वो ओबीसी का कैटिगराइजेशन करेगा, लेकिन 23 एक्सटेंशन मिलने के बाद भी रिपोर्ट का पता नहीं है. उन्होंने आगे कहा, 

“हमने सदन में भी कहा था कि एक बार पूरे देश की जातिगत, सामाजिक और आर्थिक आंकड़े ले लो. फिर वर्गीकरण करो. एक बार हमारे पास ये आंकड़ा आ जाए कि सामने ठेला कौन खींच रहा है? रेहड़ी-पटरी पर कौन बैठ रहा है? रिक्शा चलाने वाला किस वर्ग से आता है? ये वैज्ञानिक आंकड़ा हमें 1931 के बाद से मिला नहीं. 1931 में जो आखिरी जाति जनगणना हुई थी, उसके बाद बर्मा, पाकिस्तान, बांग्लादेश अलग-अलग देश बने तो जो डेटा है वो संतोषजनक (substantial) नहीं है. कोई राष्ट्र जब नीतियों की बात करता है और उसके पास आंकड़े न हों तो ये उचित नहीं है.” 

बता दें कि विपक्ष लंबे समय से देश में जाति जनगणना कराने की मांग कर रहा था. बीते लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक की ओर से इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया. फिलहाल, बिहार चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी अपनी रैलियों में खुलकर जातिगत जनगणना की वकालत करते थे. कहा जा रहा है कि विपक्ष के लगातार चुनावी मुद्दा बनाने की वजह से सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है.

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