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मध्यप्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब बैन, बेचने वालों के लिए एक और बुरी खबर

मोहन सरकार के इस फैसले से शराब दुकानों से मिलने वाला राजस्व करीब 450 करोड़ रुपये कम हो जाएगा.

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सीएम ने कहा कि शराब के सेवन के दुष्प्रभावों से हर कोई वाकिफ है. हम नहीं चाहते कि हमारे युवा बिगड़े, क्योंकि वो देश का भविष्य हैं. (फोटो- X)

मध्यप्रदेश सरकार ने 24 जनवरी को शराब की बिक्री से जुड़ा बड़ा फैसला किया. सीएम मोहन यादव कैबिनेट ने नई शराब नीति पर ठप्पा लगा दिया. जिसके बाद राज्य के 17 धार्मिक नगरों की शराब की दुकानें पूरी तरह बंद की जाएंगी. इन दुकानों को चलाने वालों के लिए एक बुरी खबर ये कि इनको कहीं शिफ्ट भी नहीं किया जा सकेगा. सरकार ने कहा है कि एक अप्रैल से ये फैसला लागू होगा.

इंडिया टुडे से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक 24 जनवरी को महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसला लिया गया. सीएम मोहन यादव ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिन शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला किया गया है, उन्हें स्थायी रूप से बंद किया जाएगा. इन्हें कहीं भी शिफ्ट नहीं किया जाएगा.

राजस्व करीब 450 करोड़ रुपये कम हो जाएगा

सरकार ने बताया कि नर्मदा के तट के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक शराबबंदी की पॉलिसी को भी जारी रखा जाएगा. इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. मोहन सरकार के इस फैसले से शराब दुकानों से मिलने वाला राजस्व करीब 450 करोड़ रुपये कम हो जाएगा.

जिन 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी की गई है, उनमें उज्जैन नगर निगम, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, मैहर के अलावा ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक के नगर परिषद क्षेत्र शामिल हैं. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम पंचायत स्तर पर सलकनपुर माता मंदिर, बरमान कला, बर्मन खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर में पांच किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी की मौजूदा नीति जारी रहेगी.

सीएम ने कहा कि शराब के सेवन के दुष्प्रभावों से हर कोई वाकिफ है. हम नहीं चाहते कि हमारे युवा बिगड़े, क्योंकि वो देश का भविष्य हैं.

कई और फैसले भी लिए गए

कैबिनेट बैठक में महिलाओं के लिए नई पॉलिसी भी लाई गई. नारी सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत इस पॉलिसी पर काम किया जाएगा. इसके गठन का फैसला सरकार पहले ही ले चुकी है. ये मिशन महिलाओं और लड़कियों तक विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करेगा. सरकार प्रधानमंत्री स्वनिधि और स्टार्ट-अप मध्यप्रदेश के माध्यम से महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी.

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