उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा अधिनियम में जल्द बड़े बदलाव कर सकती है. इसके तहत कुछ मदरसा डिग्रियों को कानून के दायरे से बाहर किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि ‘कामिल’ और ‘फाजिल’ प्रमाणपत्र देने वाले मदरसों को अब मान्यता नहीं दी जाएगी. यानी अब मदरसा कोर्सेज को 12वीं तक सीमित करने की योजना है.
यूपी सरकार मदरसा कानून में डिग्री वाला बड़ा बदलाव करने वाली है?
Madrasa Act Amendment: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मदरसा अधिनियम 2004 में जल्द संशोधन कर सकती है. क्या बड़े बदलाव होने की सुगबुगाहट है?

इंडिया टुडे से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक मदरसा अधिनियम में किए जा रहे संशोधन का मुख्य उद्देश्य मदरसों को केवल शैक्षिक संस्थान के रूप में सीमित करना है, जिससे कि उनका पाठ्यक्रम और प्रमाण पत्र राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था के अनुरूप हो सके. इस प्रस्ताव के तहत, मदरसा शिक्षा और प्रशिक्षण को सिर्फ बारहवीं कक्षा तक सीमित करने की योजना है. रिपोर्ट के मुताबिक शासन स्तर पर इसके लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
हालांकि, इस मामले को लेकर अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
बीते 5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' की संवैधानिकता को बरकरार रखा था. अदालत ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला उचित नहीं था. 22 मार्च को हाई कोर्ट ने इस अधिनियम को असंवैधानिक बताया था. हालांकि, अप्रैल महीने में शीर्ष अदालत ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी. CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. और फिर 5 नवंबर को उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 22 मार्च के फैसले को रद्द कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने ने कहा कि मदरसा एक्ट उत्तर प्रदेश में शिक्षा के मानकों को रेगुलेट करता है. अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थानों का प्रबंधन करने का अधिकार है लेकिन पूर्ण अधिकार नहीं है. और राज्य ऐसी शिक्षा के मानकों को रेगुलेट कर सकता है.
कोर्ट ने आगे कहा कि मदरसा एक्ट के प्रावधान उचित हैं. क्योंकि वो रेगुलेशन की आवश्यकता को पूरा करते हैं और अल्पसंख्यक समुदाय के हितों को सुरक्षित करते हैं. वो परीक्षाएं आयोजित करते हैं और उच्च शिक्षा के लिए प्रमाण पत्र देते हैं. हालांकि मदरसे धार्मिक शिक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन उनका प्राथमिक उद्देश्य शिक्षा है.
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इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मदरसे से मिलने वाली डिग्रियों पर भी टिप्पणी की. शीर्ष अदालत ने माना कि मदरसा एक्ट जिस हद तक 'फाजिल' और 'कामिल' डिग्रियों के संबंध में उच्च शिक्षा को रेगुलेट करता है, वो UGC Act के विपरीत है. और इस मामले में ये असंवैधानिक भी है. मदरसा बोर्ड की फाजिल डिग्री, स्नातकोत्तर स्तर की और कामिल स्नातक स्तर की डिग्री है.
उत्तर प्रदेश में लगभग 23,500 मदरसे हैं. इनमें 16,513 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं. यानी ये सभी रजिस्टर्ड हैं.
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