The Lallantop

अमेरिका में 83,00,00,00,00,000 रुपये का 'क्रिप्टो खेल' करने वाला भारत में मिला, CBI ने किया गिरफ्तार

2019 से 2025 के बीच उसने आतंकवादी समूहों सहित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों को लगभग 96 बिलियन अमेरिकी डॉलर (8 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक) के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की सुविधा दी थी.

post-main-image
आरोपी ने 2019 से 2025 के बीच आतंकवादी समूहों सहित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों को लगभग 96 बिलियन अमरीकी डालर (8 लाख करोड़ रुपये से अधिक) के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की सुविधा दी थी. (फोटो- X)

केरल पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 12 मार्च को लिथुएनिया के एक नागरिक को गिरफ्तार किया. ये शख्स गारंटेक्स नाम का एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चलाता था, जो हवाला का पैसा वैध करने का काम करती थी. आरोपी शख्स अमेरिका में वांटेड लोगों की लिस्ट में शामिल है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान एलेक्सेज बेसिओकोव नाम से हुई है. वो कथित तौर पर भारत से भी भागने की फिराक में था. US सीक्रेट सर्विस के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार आरोपी 2019 से गारेंटेक्स को नियंत्रित और संचालित कर रहा था. 2019 से 2025 के बीच उसने आतंकवादी समूहों सहित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों को लगभग 96 बिलियन अमेरिकी डॉलर (8 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक) के क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन की सुविधा दी थी.

डॉक्यूमेंट्स की जानकारी के मुताबिक,

"गारेंटेक्स को आपराधिक आय में करोड़ों डॉलर की रकम प्राप्त हुई. इसका उपयोग हैकिंग, रैनसमवेयर, आतंकवादी गतिविधियों और ड्रग्स ट्रैफिकिंग जैसे अपराधों को सुविधाजनक बनाने के लिए किया गया, जिससे अमेरिकी पीड़ित प्रभावित हुए."

बेसिओकोव प्लेटफॉर्म का प्राथमिक तकनीकी प्रशासक था. इस दौरान उसने कथित तौर पर इसके बुनियादी ढांचे की देखरेख की. साथ ही लेनदेन की समीक्षा की. यही नहीं, अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के बावजूद वो निरंतर इसका संचालन करता रहा. अमेरिका में उस पर कई आरोप लगे, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश (अधिकतम 20 वर्ष की सजा), अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक आपातकालीन शक्तियां अधिनियम का उल्लंघन करने की साजिश (अधिकतम 20 वर्ष की सजा), बिना लाइसेंस के रकम ट्रांसफर करने वाला बिजनेस संचालित करने की साजिश (अधिकतम 5 वर्ष की सजा) शामिल है.

इस मामले में प्रत्यर्पण अधिनियम, 1962 के तहत अमेरिका के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए विदेश मंत्रालय ने 10 मार्च को दिल्ली की एक अदालत से प्रोविजनल गिरफ्तारी वारंट लिया था. इसी के बाद अधिकारियों ने CBI की इंटरपोल कोआर्डिनेशन यूनिट (IPCU) के साथ ऑपरेशन चलाया. बेसिओकोव को अब दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा.  

इस बीच, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने 6 मार्च को वर्जीनिया के एक जज के आदेश के बाद गारेंटेक्स के संचालन को समर्थन देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तीन डोमेन नामों को जब्त किया था. अमेरिकी अधिकारियों ने एक्सचेंज के खिलाफ अपनी कार्रवाई के तहत 26 मिलियन डॉलर की धनराशि भी फ्रीज की थी. बेसिओकोव पर वर्जीनिया के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुकदमा चलाया जाना है.

वीडियो: अमेरिका में नौकरी खोजने निकले भारतीय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत