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"राइड के पहले टिप मांगना अनैतिक" उबर को नोटिस देने के बाद अब Rapido के खिलाफ जांच की तैयारी

Rapido Advance Tip: पिछले सप्ताह उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा था कि टिप देने के लिए मजबूर करना या उकसाना अनैतिक और शोषणकारी है.

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रैपिडो के खिलाफ जांच शुरू की जा सकती है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)

‘एडवांस टिप’ को लेकर बाइक टैक्सी कंपनी रैपिडो (Rapido Advance Tip) जांच के घेरे में आ सकता है. इससे पहले उबर कंपनी को भी इस मामले में नोटिस दिया गया था. इंडिया टुडे इनपुटस के मुताबिक, सरकार अब रैपिडो के खिलाफ भी जांच कराने की तैयारी में है. अगर इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि रैपिडो अपने कस्टमर्स को ‘एडवांस टिप’ के लिए फोर्स करता है, तो ‘सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी’ (CCPA) प्रारंभिक जांच शुरू कर सकता है.

'एडवांस टिप' होता क्या है?

आमतौर पर ‘टिप’ सर्विस के बाद दी जाती है और ये पूरी तरह से उपभोक्ता की संतुष्टि या उनकी मर्जी पर निर्भर करता है. लेकिन उबर और रैपिडो जैसी कंपनियों ने 'एडवांस टिप' का विकल्प दिया है. यानी कि ये सर्विस से पहले ही 'टिप' की राशि तय कर लेते हैं. लेकिन बात इतनी भर नहीं हैं. आरोप है कि ये ऐप्स कस्टमर्स को 'एडवांस टिप' देने के लिए फोर्स करते हैं.

दरअसल, होता ये है कि जब कोई इन ऐप्स पर राइड बुक करता है, तो उसकी कीमत दिखाई जाती है. फिर ये ‘राइड रिक्वेस्ट’ ड्राइवर्स के पास जाता है. इसके कुछ ही देर बाद कस्टमर को कुछ इस तरह का मैसेज दिखाया जाता है,

ड्राइवर इतने पैसे पर राइड के लिए तैयार नहीं हो रहें और पैसा (टिप) दें.

यूजर्स का कहना है कि राइड जितनी ही देरी से एक्सेप्ट होता है, कस्टमर को और ज्यादा टिप देने के लिए फोर्स किया जाता है.

Rapido Advance Tip
एडवांस टिप.

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Uber को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय

पिछले हफ्ते CCPA ने उबर को एक नोटिस भेजा था. कपंनी से ‘एडवांस टिप’ लेने की व्यवस्था पर स्पष्टीकरण मांगा गया था. जवाब देने के लिए प्लेटफॉर्म को 15 दिन का समय दिया गया है.

21 मई को उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी इस मामले को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने एक्स पर लिखा,

टिप देने के लिए मजबूर करना या उकसाना अनैतिक और शोषणकारी है. 

उन्होंने आगे लिखा कि ‘टिप’ सर्विस के बाद कस्टमर की मर्जी से दी जाती है, ना कि सर्विस से पहले. मंत्री ने ये भी कहा कि ग्राहकों के साथ होने वाली बातचीत में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखा जाना चाहिए. 

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