झारखंड के हजारीबाग (Hazaribagh Clash) में महाशिवरात्रि के मौके पर दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस मामले पर कई राजनीतिक बयान आए. झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि मुसलमानों को कमजोर ना समझा जाए. इस पर हजारीबाग के भाजपा सांसद मनीष जायसवाल का जवाब आया. उन्होंने कहा है कि अगर इरफान अंसारी को देखना है कि कौन सा समुदाय मजबूत है और कौन सा कमजोर तो सड़क पर उतर कर देख लें. मामला राज्य की विधानसभा तक पहुंच गया है.
हजारीबाग हिंसा पर नेताओं ने हद कर दी, शांति के बजाय हिंदू-मुसलमान करने लगे
Ichak Violence: हिंसक झड़प पर बयानबाजी का दौर शुरू हुआ तो भाजपा सांसद ने सड़क पर उतरने की बात कर दी. मामला झारखंड विधानसभा तक पहुंचा.

मामला इचाक थाना क्षेत्र का है. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 फरवरी को डुमरांव गांव के हिंदुस्तान चौक पर एक स्कूल के सामने, एक समुदाय के कुछ लोग पहुंचे. वो वहां धार्मिक झंडा और लाउडस्पीकर लगाना चाहते थे. दूसरे पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई. अधिकारियों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि विवाद इसलिए शुरू हुआ क्योंकि उस जगह के पास ही एक मदरसा है. मदरसे के पास लाउडस्पीकर लगाए जाने के बाद स्थिति बिगड़ गई.
झड़प में दोनों पक्षों की ओर से पथराव किए गए. घटना में कई लोग घायल हुए. हजारीबाग सदर अस्पताल में घायलों का इलाज कराया गया. उपद्रवियों ने कई दुकानों और गाड़ियों में भी आग लगा दी. मौके पर पुलिस पहुंची. लाठीचार्ज के बाद स्थिति पर काबू पाया गया. हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय ने बताया कि शांति बनाए रखने के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
केंद्रीय मंत्री और रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने इस घटना के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि झारखंड में सरस्वती पूजा, रामनवमी, होली के दौरान हिंसा आम बात हो गई है. सेठ ने कहा,
Irfan Ansari का बयानवो कौन लोग हैं जो शांति व्यवस्था भंग करना चाहते हैं? देश में कहीं भी हिंसा नहीं होती. झारखंड में होती है. क्यों? क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठिए कानून-व्यवस्था को खराब कर रहे हैं. BJP-NDA की सरकार वाले राज्यों में ऐसी घटनाएं शायद ही कभी होती हैं, चाहे वो दिल्ली हो, असम हो, मध्य प्रदेश हो, महाराष्ट्र हो या उत्तर प्रदेश हो, क्योंकि वहां घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाल दिया जाता है. मैंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यहां कानून-व्यवस्था को मजबूत करने का आग्रह किया. राज्य सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें बाहर निकालना चाहिए.
इसके बाद मंत्री इरफान अंसारी का बयान आया. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, उन्होंने 27 फरवरी को कहा,
जबरन झंडा लगाने की क्या जरूरत थी वहां? किसी के गांव में जाकर जबरन माइक लगाना चाहते थे. ये कौन सा तरीका है? उसके बाद केस भी मुसलमानों पर ही कर देंगे ये लोग... ये कौन सा तरीका है? किसी के दबाव में कानून नहीं चलेगा. मुसलमानों को इन लोगों ने कमजोर समझ लिया है. मुसलमान गरीब जरूर हैं लेकिन मुसलमानों को जबरन दबाव में नहीं डाल सकते. मुसलमानों को मार नहीं सकते. मुसलमानों के घर, दुकान जला दिए. ये कोई बात है.
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फिर बोले BJP सांसद Manish Jaiswalहजारीबाग के बीजेपी सांसद मनीष जायसवाल ने कहा,
झारखंड विधानसभा में क्या हुआ?झारखंड सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि मुसलमान कमजोर नहीं हैं. लेकिन हम कहते है कि देश में रहने वाला हर इंसान मजबूत है क्योंकि देश में कानून है. झारखंड सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. झारखंड सरकार लॉ एंड ऑर्डर दुरुस्त करे. अगर इरफान अंसारी को देखना है कि कौन सा समुदाय मजबूत है और कौन सा कमजोर तो सड़क पर उतरकर देख लें. जनता बता देगी कि कौन मजबूत है. झंडा और बाजे के ऊपर विवाद था. पुलिस ने कुछ नहीं किया. पुलिस अगर सजग रहती तो ऐसी घटना नहीं होती.
इस बीच भाजपा ने राज्य की विधानसभा में भी इस मामले को उठाया. उन्होंने निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा किया. उन्होंने सरकार से इलाके में शांति बहाल करने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि उन्हें बोलने का मौका दिया जाएगा. उन्होंने प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया.
इस दौरान बरकट्ठा के भाजपा विधायक अमित यादव ने कहा,
सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और वहां शांति बहाल करनी चाहिए. मंत्री इरफान अंसारी को भी भाजपा कार्यकर्ताओं पर घटना में शामिल होने का आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी चाहिए.
बाद में भाजपा सदस्य अपनी सीटों पर बैठ गए और प्रश्नकाल चलने दिया.
सदन के बाहर भी यादव ने कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा,
महाशिवरात्रि को लेकर बिजली के खंभों में लाउडस्पीकर लगाए जा रहे थे. इसी बीच कुछ लोग आए और मना करने लगे. सारे लोगों को पता चला तो हमने थाने को और BDO मैडम को वहां भेजा. मामले को रफादफा कर दिया गया था और ये समझा दिया गया था कि दो दिनों तक वहां लाउडस्पीकर बजेगा. दो दिनों के बाद ये लोग खुद ही उसको हटा लेंगे. लेकिन जैसे ही प्रशासन वहां से हटी और लोग लाउडस्पीकर, झंडा और पताका लगाने लगे तो विवाद शुरू हुआ. कुछ असामाजिक तत्व आए और उन पर हमला कर दिया.
उन्होंने प्रशासन के रुख पर भी सवाल उठाया. अमित यादव ने कहा,
सत्ता पक्ष ने क्या कहा?अब भी प्रशासन का जो रवैया है… वहां हिंदुओं पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है. 24 हिंदुओं के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. प्रशासन उनके घरों में जाकर रात भर खोजबीन कर रही है. हमारा स्पष्ट कहना है कि आप CCTV फुटेज चेक करें और जो भी दोषी हों उस पर कार्रवाई करें.
बोकारो से कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा,
FIR दर्ज, 3 गिरफ्तारये हमारी जिम्मेदारी है. राज्य में अगर इस तरह की कोई संवेदनशील घटना होती है तो हम उसकी जिम्मेदारी लेते हैं. भाजपा सिर्फ बयानबाजी कर रही है. इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है. ये किसी भी पार्टी के शासन में हो सकता है. इसके लिए किसी एक पार्टी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है.
हजारीबाग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हिंसा के दौरान तीन मोटरसाइकिल और एक कार को आग के हवाले कर दिया गया. उन्होंने बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है.
हिंसा में शामिल होने के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है और कई अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. इचाक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) संतोष कुमार ने बताया कि वो इस मामले को सुलझाने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा,
स्थिति अभी (27 फरवरी को) नियंत्रण में है. मौके पर करीब 150 पुलिसकर्मियों का एक दल तैनात है. जरूरत पड़ने पर और जवानों को बुलाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी मदरसे के अंदर एक "मीनार जैसी संरचना" को लेकर दोनों समुदायों के बीच विवाद हो चुका है.
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