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सिर्फ दो घंटे मोबाइल चलाने की परमिशन, जापान में ऐतिहासिक फैसला

जापान के आइची प्रांत के टोयोआके शहर की स्थानीय असेंबली ने सोमवार, 30 सितंबर को एक अध्यादेश पारित किया. इस कानून के तहत लोग रोज काम या पढ़ाई के अलावा सिर्फ दो घंटे ही मोबाइल, कंप्यूटर या टैबलेट चला पाएंगे.

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जापान के आइची प्रांत में छात्र सिर्फ 2 घंटे ही कर पाएंगे मोबाइल-स्क्रीन का इस्तेमाल. (तस्वीर- Unsplash.com)

पढ़ाई-लिखाई से लेकर शॉपिंग और गेमिंग तक सब कुछ स्मार्टफोन पर शिफ्ट हो चुका है. यही स्मार्टफोन अगर हद से ज्यादा इस्तेमाल हो तो सेहत के लिए खतरा बन जाता है. इसी चिंता को देखते हुए जापान के एक शहर ने बड़ा कदम उठाया है. यहां सरकार ने स्क्रीन टाइम कम करने के लिए बाकायदा कानून बना दिया है. इस कानून के तहत काम और पढ़ाई से इतर मोबाइल स्क्रीन देखने का समय रोजाना सिर्फ दो घंटे ही होगा.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के आइची प्रांत के टोयोआके शहर की स्थानीय असेंबली ने सोमवार, 30 सितंबर को एक अध्यादेश पारित किया. इस कानून के तहत लोग रोज काम या पढ़ाई के अलावा सिर्फ दो घंटे ही मोबाइल, कंप्यूटर या टैबलेट चला पाएंगे. इस अध्यादेश का मकसद स्क्रीन पर बिताने वाले टाइम को कम करना है. साथ ही परिवारों के बीच बातचीत बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने छोटे बच्चों से रात 9 बजे, जबकि जूनियर हाई स्कूल और 18 साल से कम उम्र के बच्चों से रात 10 बजे के बाद स्क्रीन से दूरी बनाने की अपील की है. यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो गया है. हालांकि, इसका उल्लंघन करने पर किसी तरह का जुर्माना या सजा नहीं होगी.

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इस नियम को लेकर टोयोआके के मेयर मासाफुमी कोउकी ने कहा, “हम स्मार्टफोन को अस्वीकार नहीं कर रहे. यह कानून सिर्फ स्वास्थ्य उपायों का हिस्सा है. इसका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है. ताकि वह सोच सकें कि स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल उनकी नींद और दिनचर्या को तो प्रभावित नहीं कर रहा.”

हालांकि इस कानून पर लोगों की राय बंटी हुई है. कुछ का मानना है कि पारिवारिक मामलों में नगरपालिका को दखल नहीं देना चाहिए. वहीं कई लोग इसे परिवार के बीच बातचीत बढ़ाने का अवसर मान रहे हैं. कानून पेश करते समय असेंबली ने यह भी तय किया है कि समय-समय पर इस अध्यादेश के असर और लोगों की राय की समीक्षा की जाएगी. जरूरत पड़ने पर इसमें बदलाव भी किया जाएगा.

इससे पहले नवंबर 2024 में ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन कर दिया था. ऐसा करने वाला वह पहला देश बना. बाद में दक्षिण कोरिया ने भी देशभर में स्कूल कक्षाओं में मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ये कानून मार्च 2026 से लागू होगा.

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