कल्पना कीजिए, उस जगह की, जहां आपने अपनी पहली नौकरी की हो. कमाई से कोई घर बसाया हो, और पहली बार आजादी की सांस ली हो. वो जगह जहां सपने बड़े होते हैं, लेकिन वीजा की घड़ी टिक-टिक करती रहती है. उसी देश में आपको नौकरी से निकाल दिया गया हो. और इसके बाद दूसरी नौकरी मिल ही ना पाई हो. वो देश छोड़ना आपके लिए काफी इमोशनल हो सकता है. या आपको झकझोर भी सकता है. अनन्या जोशी के लिए अमेरिका ऐसा ही रहा.
नौकरी गई, सपना टूटा, जुबां पर अब भी 'आई लव यू अमेरिका', भारतीय लड़की का वीडियो वायरल
अनन्या एयरपोर्ट पर खड़ी हैं. बैग्स चेक-इन कर चुकीं. लेकिन कदम आगे नहीं बढ़ा पा रही. आंसू लुढ़क रहे हैं, आवाज कांप रही है. लेकिन उसी कांपती आवाज में कह रही हैं- 'अमेरिका, आई लव यू.' वजह जानें.


नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर्स करने वाली ये इंडियन लड़की, एक बायोटेक स्टार्टअप में F-1 OPT वीजा (Optional Practical Training program) पर काम कर रही थी. लेकिन अचानक कंपनी में लेऑफ का तूफान आया. नौकरी गई, और उसके साथ चला गया वो छोटा सा ‘American Dream’ जो अभी-अभी पनपना शुरू हुआ था.
चार महीने पहले, लिंक्डइन पर अनन्या ने पोस्ट कर लिखा था,
“मुझे लेऑफ कर दिया गया है. अगली जॉब तलाश रही हूं, लेकिन जल्दी. मेरे STEM OPT की एक्सपायरी नजदीक है. एक महीने में नौकरी नहीं मिली तो अमेरिका छोड़ना पड़ेगा.'
अनन्या की ये पोस्ट वायरल हुई. हजारों ने शेयर किया, मैसेज भेजे. अनन्या ने इंस्टाग्राम पर भी अपनी जॉब सर्च की पूरी जर्नी शेयर की. इंटरव्यूज, रिजेक्शन्स, वो घबराहट भरी रातें जब वीजा एक्सपायरी की डेडलाइन सिर पर मंडराती. लेकिन मार्केट कंडीशन उनके फेवर में नहीं थीं. बायोटेक इंडस्ट्री में लेऑफ्स की बाढ़, और इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए तो जैसे बंदिशों का जाल. एक महीना बीत गया, कोई फिटिंग जॉब नहीं मिली. अनन्या को फैसला लेना पड़ा. अलविदा कहना पड़ेगा उस देश को, जिसे उन्होंने कमाई के बाद अपना पहला घर माना.
29 सितंबर को अनन्या ने एक इमोशनल वीडियो पोस्ट किया. एयरपोर्ट पर खड़ी हैं वो, बैग्स चेक-इन कर चुकीं. लेकिन कदम आगे नहीं बढ़ा पा रही. आंसू लुढ़क रहे हैं, आवाज कांप रही है. कैप्शन पढ़िए,
“ये जर्नी का सबसे मुश्किल स्टेप. मैंने रियलिटी एक्सेप्ट कर ली थी, लेकिन किसी भी चीज ने मुझे इस दिन के लिए तैयार नहीं किया था. फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट एडल्ट के तौर पर अमेरिका मेरा पहला घर था. वो हमेशा स्पेशल रहेगा. हालांकि, ये कुछ समय के लिए रहा. लेकिन जो लाइफ दी, उसके लिए अमेरिका का शुक्रिया. अमेरिका, आई लव यू.”
वीडियो के कैप्शन में अनन्या ने लिखा,
“मैंने कर दिखाया दोस्तो, मैंने अमेरिका छोड़ दिया. और साथ में American Dream भी.”
ये स्टोरी सिर्फ अनन्या की नहीं, लाखों इंडियन स्टूडेंट्स की है. F-1 OPT प्रोग्राम स्टूडेंट्स को 12 महीने का वर्क परमिशन देता है. लेकिन STEM फील्ड में एक्सटेंशन के बावजूद, जॉब मार्केट की मार झेलनी पड़ती है. खासकर अब, जब टेक-बायोटेक में लेऑफ्स का सिलसिला चल रहा है. अनन्या की पोस्ट पर रिएक्शन्स भी आए. कोई सहानुभूति जता रहा, “आपको खूब प्यार. अच्छा चीजें होने वाली हैं.”

एक सज्जन ने ज्ञान देते हुए लिखा,
“दूसरे देश में जाने से अच्छा अपने देश को ठीक करिए.”

अनन्या को लोग ट्रोल भी कर रहे हैं. एक ने लिखा,
“दुबई ड्रीम के लिए अमेरिकन ड्रीम छोड़ दिया. फर्स्ट क्लास में रोना, कितनी कठिन जिंदगी है.”

अनन्या की ये विदाई हमें काफी कुछ सोचने पर मजबूर करती है. ग्लोबल ड्रीम्स कितने आसान लगते हैं. लेकिन वीजा, लेऑफ्स, अनिश्चितताओं का बोझ कितना भारी है. फिर भी, वो मुस्कुरा रही हैं आंसुओं के बीच. क्योंकि सपने टूटते नहीं, बस जगह बदलते हैं.
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