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सोनम वांगचुक को सुरक्षा के लिए 'खतरा' बता रही सरकार, कभी लद्दाख में केंद्र के मददगार थे!

भले ही लद्दाख के DGP ने Sonam Wangchuk की इस्लामाबाद यात्रा का हवाला देते हुए उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया हो, लेकिन फरवरी में Pakistan में हुए जलवायु कार्यक्रम में भाग लेने वाले वे अकेले भारतीय नहीं थे.

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जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (फोटो: आजतक)

लद्दाख में हिंसा भड़की और सोनम वांगचुक को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप हैं. NSA के तहत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाते हैं. लेकिन, हिंसा भड़कने से कुछ दिन पहले तक कई सरकारी कार्यालय, जल संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यटन जैसे विषयों पर राय लेने के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से संपर्क कर रहे थे.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक रिकॉर्ड से पता चलता है कि वांगचुक ही लद्दाख में केंद्र के कई कार्यक्रमों को सुर्खियों में लेकर आए. जिनमें ‘आजादी का अमृत महोत्सव समारोह’ और ‘विश्व धरोहर सप्ताह’ जैसे कार्यक्रम शामिल हैं. इतना ही नहीं, अप्रैल 2022 में, BJP के राष्ट्रीय महासचिव और महाराष्ट्र के तत्कालीन शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने भी उनकी तारीफ की थी. मंत्री तावड़े ने वांगचुक को ‘छात्रों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने’ के लिए सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया. बताते चलें कि वांगचुक 2018 से महाराष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड के सदस्य थे, जब उन्हें देवेंद्र फडणवीस सरकार ने नियुक्त किया था.

भले ही लद्दाख के DGP ने वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा हवाला देते हुए उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया हो. लेकिन, फरवरी में पाकिस्तान में हुए जलवायु कार्यक्रम में भाग लेने वाले वे अकेले भारतीय एक्सपर्ट नहीं थे. नोएडा के ‘सतत संपदा क्लाइमेट फाउंडेशन’ के फाउंडर डायरेक्टर हरजीत सिंह भी इस कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधि थे. 

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पर्यावरणविद् और सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण को भी इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन ‘स्वास्थ्य कारणों’ के चलते वे इसमें शामिल नहीं हो सकीं. दो भारतीय पत्रकार भी मीडिया प्रतिनिधि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

एक्सप्रेस से बात करते हुए हरजीत सिंह ने बताया,

एक एनर्जी एक्सपर्ट होने के नाते, मैं दुनिया भर के कार्यक्रमों में भाग लेता हूं. फरवरी में, मैंने इस्लामाबाद में जलवायु परिवर्तन पर एक चर्चा में भाग लिया था.

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सुनीता नारायण ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इस जलवायु कार्यक्रम में दुनिया भर से कई पर्यावरणविद् शामिल हुए थे, जिनमें वर्ल्ड बैंक की जलवायु परिवर्तन मामलों की ग्लोबल डायरेक्टर वैलेरी हिकी, UNEP (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम) के सलाहकार अबान मार्कर काबराजी और UNISEF से जुड़े जलवायु कार्यकर्ता रक्ष्या आर. थापा भी शामिल थे.

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इससे पहले, सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने साफ किया कि वांगचुक की सभी विदेश यात्राएं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और संस्थानों के बुलावे पर हुई थीं. उनकी पाकिस्तान यात्रा पूरी तरह से प्रोफेशनल और क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर थी. इसमें उन्होंने और उनके पति ने भाग लिया था. वे वहां क्लाइटमेट चेंज में महिलाओं की भूमिका पर एक रिसर्च पेपर पेश करने गई थीं. उन्होंने दावा किया कि इस कॉन्फ्रेंस में सोनम ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से क्लाइमेट चेंज को लेकर उठाए गए कदमों की तारीफ की थी. 

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