The Lallantop

'ज्यादा पैसा देंगे' बोलकर मजदूरों को सेप्टिक टैंक में उतारा, दम घुटने से 4 की मौत, 2 की हालत नाजुक

रात करीब 8 बजे मजदूर अमित और रोहित सबसे पहले टैंक में उतरे. कुछ देर बाद दोनों को घुटन हुई और बेहोशी होने लगी. उन्होंने चिल्लाना शुरू किया तो बचाने के लिए मजदूर संजीव और मुकेश टैंक में उतरे. जब वो भी वापस नहीं लौटे तो दो और मजदूर नीचे गए. लेकिन एक-एक करके सब बेहोश हो गए.

Advertisement
post-main-image
सेप्टिक टैंक में दम घुटने से 4 लोगों की मौत हो गई है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
author-image
विशाल शर्मा

राजस्थान के जयपुर (Jaipur) में सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार मजदूरों की मौत हो गई है. उन्हें बचाने के लिए टैंक में उतरे दो अन्य मजदूरों की हालत भी गंभीर है. उनका इलाज चल रहा है. ये मजदूर एक ज्वेलरी शॉप के सेप्टिक टैंक की सफाई में लगे थे. पुलिस ने बताया है कि शुरुआत में मजदूर इस काम को करने के लिए राजी नहीं थे. लेकिन बाद में अधिक पैसे देकर उनको इस काम के लिए राजी किया गया. ये भी आरोप लगे हैं कि सुरक्षा के जरूरी इंतजाम के बिना ही मजदूरों को टैंक में उतार दिया गया.

Advertisement

इंडिया टुडे के मुताबिक, घटना सीतापुरा के जी-ब्लॉक स्थित अचल ज्वेलर्स की है. 26 मई की रात को करीब 8 बजे मजदूर अमित और रोहित सबसे पहले टैंक में उतरे. कुछ देर बाद दोनों को घुटन हुई और बेहोशी होने लगी. उन्होंने चिल्लाना शुरू किया तो बचाने के लिए मजदूर संजीव और मुकेश टैंक में उतरे. जब वो भी वापस नहीं लौटे तो दो और मजदूर नीचे गए. लेकिन एक-एक करके सब बेहोश हो गए.

बाद में सभी मजदूरों को बाहर निकाला गया. उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत घोषित कर दिया. घटना के करीब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना मिली. इसके बाद वो घटनास्थल पर पहुंची. फॉरेंसिक टीम ने मौके से जरूरी सबूत जुटाए हैं. 

Advertisement

घटना को लेकर चाकसू SP सुरेन्द्र सिंह ने बताया,

अचल ज्वेलर्स में ठेकेदार के जरिए मजदूरों को रिफाइन के काम के लिए रखा गया है. फैक्ट्री में बनने वाले गहने की सफाई के बाद जो पानी टैंक में जमा होता है, उसमें केमिकल होते हैं. इसी की सफाई के लिए मजदूर सेप्टिक टैंक में उतरे थे. 

हिंदुस्तान टाइम्स ने स्थानीय पुलिस अधिकारी अनिल जैमन के हवाले से लिखा है,

Advertisement

दुकान के मालिक और कंपनी के CEO विकास मेहता और डायरेक्टर अरुण कोठारी ने मजदूरों को अधिक पैसे का लालच देकर टैंक में उतरने के लिए राजी किया. मजदूरों ने शुरू में गर्मी के कारण काम करने से इनकार कर दिया था.

ये भी पढ़ें: MP: सेप्टिक टैंक में मिले 4 शव, पार्टी करने गए थे दोस्त, मर्डर की आशंका

इतना जहरीला क्यों था टैंक?
फैक्ट्री में गहने बनाते समय, सोने-चांदी के कण निकलते हैं. ये कण फैक्ट्री से निकले गंदे पानी के साथ एक जगह जमा होते हैं और गाद के रूप में टैंक में भर जाते हैं. बाद में उस गंदे पानी से इन कणों को रिकवर किया जाता है. लेकिन उसी टैंक में फैक्ट्री के दूसरे हिस्सों से निकला पानी भी जमा होता है. इसमें केमिकल वाला पानी भी शामिल है. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: छत्तीसगढ़ में टॉप नक्सली कमांडर बसवराजू कैसे मारा गया

Advertisement