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पेंटर दोस्त की डिग्री दिखाकर कर लिया MBBS, अब हुई एक मरीज की मौत, तब सच पता लगा

MP man stole tribal friends identity: एक शख़्स ने अपने दोस्त के सर्टिफिकेट के आधार पर कॉलेज में एडमिशन लिया, MBBS कर लिया. फिर डॉक्टरी की नौकरी भी करने लगा. अब एक मरीज की मौत के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ है.

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पुलिस एक महिला की मौत की जांच कर रही थी, इसी दौरान खुलासा हुआ है. (प्रतीकात्मक फ़ोटो- PTI)

आपको 2009 में आई फ़िल्म '3 इडियट्स' का वो क़िस्सा याद होगा, जब फुंगशुक वांगडू इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा होता है. लेकिन रैंचोड़दास शामलदास चांचड़ के नाम से. ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर ज़िले से आया है. यहां एक शख़्स ने दोस्त के सर्टिफिकेट और डिग्री के आधार पर कॉलेज में एडमिशन लिया, पढ़ाई की और MBBS की डिग्री हासिल की. फिर डॉक्टरी की नौकरी भी करने लगा. लेकिन एक मरीज की मौत से अब सात साल बाद जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ है.

जबलपुर के एडिशनल SP सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि पुलिस इस मामले में तब शामिल हुई, जब सितंबर 2024 में मनोज कुमार महावर नाम के शख़्स ने एक शिकायत दर्ज कराई. उसने आरोप लगाया कि उसकी मां की मौत इलाज के दौरान हुई लापरवाही के चलते हुई है.

मनोज कुमार महावर की मां को 1 सितंबर को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया और अगले दिन उनकी मौत हो गई. मनोज ने मेडिकल फाइलों की जांच की. तब उसे पता चला कि 1 सितंबर की रात को आईसीयू में 'डॉ. बृजराज सिंह उइके' ड्यूटी पर थे.

इसी आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की. इस दौरान पुलिस को पता चला कि बृजराज सिंह उइके एक वॉल पेंटर है. जब पुलिस बृजराज सिंह उइके के पास गई, तो वो कोई और ही व्यक्ति था. पुलिस ने बृजराज को डॉक्टर की तस्वीर दिखाई. तब उसने कहा, "क्यों , क्या हुआ, ये तो मेरा दोस्त सतेंद्र है!"

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फिर पुलिस ने सतेंद्र कुमार की पृष्ठभूमि की जांच शुरू की. आरोप है कि सतेंद्र ने सामान्य श्रेणी से होने के कारण आदिवासी कोटे का फ़ायदा उठाने के लिए अपनी पहचान बदल ली थी. पुलिस ने पाया कि उसने उइके के नाम और जाति का इस्तेमाल करके नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और निजी अस्पताल में काम करना शुरू कर दिया.

पुलिस ने बताया कि सतेंद्र कुमार फिलहाल फरार है. उसके ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और साज़िश के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की आगे की जांच जारी है.

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