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भारतीय युवाओं की रूसी सेना में जबरन भर्ती, पढ़ाई करने गए थे, अब यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे

Bikaner जिले के रहने वाले महावीर प्रसाद गोदारा ने बताया कि उनका बेटा पिछले साल पढ़ाई करने रूस गया था, लेकिन अब वह और उनके साथी Russia-Ukraine War में रूस की तरफ से लड़ रहे हैं और उनकी स्थिति बंधक जैसी हो चुकी है.

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भारतीय युवक रूस-यूक्रेन जंग में रूस की तरफ से लड़ रहे हैं (फोटो: आजतक)
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शरत कुमार

पढ़ाई या नौकरी करने रूस गए भारतीय युवाओं को जबरन रूसी सेना में (Indian Youth in Russian Army) शामिल किया जा रहा है, ताकि जंग में वो यूक्रेन के खिलाफ लड़ सकें. इसका खुलासा तब हुआ जब बीकानेर जिले के रहने वाले महावीर प्रसाद गोदारा ने बताया कि उनका बेटा पिछले साल पढ़ाई करने रूस गया था, लेकिन अब वह और उनके साथी रूस-यूक्रेन जंग में रूस की तरफ से लड़ रहे हैं और उनकी स्थिति बंधक जैसी हो चुकी है. परिवार ने मदद के लिए सरकार से गुहार लगाई है.

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क्या है पूरा मामला?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला उन भारतीय युवाओं से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पढ़ाई या नौकरी के बहाने रूस ले जाया गया और बाद में छल से सेना में भर्ती कराकर यूक्रेन सीमा पर भेज दिया गया. बीकानेर जिले के अर्जनसर स्टेशन निवासी महावीर प्रसाद गोदारा का बेटा अजय कुमार गोदारा 28 नवंबर 2024 को स्टडी वीजा पर रूस रवाना हुआ था. वहां पहुंचने के कुछ ही समय बाद उसकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने भरोसा दिलाया कि वह उन्हें नौकरी दिला सकती है.

महिला ने अजय और उसके साथियों को रूसी भाषा में छपे कुछ दस्तावेज भरवाए और हस्ताक्षर करवाए. भाषा की समझ न होने की वजह से उन्होंने साइन भी कर दिए. लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसके बारे में अजय ने कभी नहीं सोचा था. अजय और उनके साथियों को रूसी सेना की वर्दी थमा दी गई और हथियार देकर यूक्रेन सीमा पर भेज दिया गया.

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परिवार को मिली जानकारी के मुताबिक, विरोध जताने पर अजय और उनके साथियों को धमकियां दी गई और उनके साथ मारपीट की गई. उनकी निजी पहचान से जुड़े दस्तावेज भी छीन लिए गए, ताकि वे भागकर कहीं शिकायत न कर सकें.

तीन दर्जन से ज्यादा युवा फंसे

रिपोर्ट के मुताबिक, अजय गोदारा अकेले ऐसे शख्स नहीं है. उनके साथ हरियाणा और राजस्थान के करीब तीन दर्जन युवा इसी तरह रूस की सेना में जबरन शामिल किए गए हैं. इनमें बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं और हरियाणा के हिसार, भिवानी और रोहतक जैसे इलाकों के युवक शामिल हैं. अब उनके पास न तो घर लौटने का रास्ता है और न ही खुद को बचाने का कोई जरिया.

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अजय गोदारा के पिता बताते हैं, 

हमारे बच्चे पढ़ाई करने गए थे, लेकिन अब उन्हें बंदूक पकड़ाकर युद्ध में धकेल दिया गया है. यह सीधा-सीधा मानवाधिकार का उल्लंघन है. हमें डर है कि कहीं हमारे बेटे और उसके साथी वहां मारे न जाएं.

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सरकार से मदद की गुहार

मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से संपर्क किया और इस पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की. इसके बाद मंत्री मेघवाल ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को घटना की पूरी जानकारी दी. भारतीय दूतावास ने जवाब देते हुए कहा है कि इस मामले पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी. 

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