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'भारत को इससे क्या हासिल हुआ... ?' सीजफायर के फैसले पर भारत के दो पूर्व सेना प्रमुख हैरान

India-Pakistan Ceasefire को लेकर अब दो पूर्व सेना प्रमुखों - जनरल वेद प्रकाश मलिक और एमएम नरवणे - का बयान आया है. उनका मानना है कि भारत-पाक संघर्ष में भारत की स्थिति मजबूत थी और सेना ने पाकिस्तान का काफी नुकसान भी पहुंचाया था. दोनों ने और क्या कहा है?

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पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (बाएं) और पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे (दाएं) (फोटो: आजतक)

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का एलान हो गया है (India Pakistan Ceasefire). एक तरफ विपक्षी पार्टियों ने जहां सीजफायर कराने में अमेरिका की भूमिका को लेकर सवाल उठाया है. वहीं, इसे लेकर अब दो पूर्व सेना प्रमुखों का बयान भी आया है. उनका मानना है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत की स्थिति मजबूत थी और सेना ने पाकिस्तान को काफी नुकसान भी पहुंचाया था. ऐसे में सीजफायर के फैसले ने उन्हें हैरान कर दिया है.

पूर्व सेना प्रमुख जनरल वेद प्रकाश मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा,

22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा किए गए भयावह पाकिस्तानी आतंकी हमले के बाद भारत ने सैन्य और असैन्य कार्रवाई की. लेकिन भारत को इससे कोई राजनीतिक या रणनीतिक फायदा मिला भी है या नहीं? यह सवाल हमने भविष्य के इतिहास पर छोड़ दिया है.

जनरल वीपी मलिक 1997 से लेकर 2000 तक भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष रहे थे. वे कारगिल युद्ध के दौरान भी सेना प्रमुख थे, जब भारत ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी.

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‘दबाव बनाए रखना जरूरी’

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सीजफायर के फैसले को लेकर कहा कि जरूरी नहीं कि भारत हर बार आतंकवाद के खिलाफ तभी कार्रवाई करे, जब कोई हमला हो. ‘X’ पर उन्होंने लिखा,

आज शाम 5 बजे से ज़मीन, समुद्र और हवा में सैन्य कार्रवाई का बंद होना एक स्वागत योग्य कदम है. हालांकि, हमें स्थायी समाधान तक पहुंचने के लिए दूसरे मोर्चों पर दबाव बनाए रखना चाहिए. जरूरी नहीं कि हम घटना के बाद ही जवाब दें. अब आतंकी हमलों में जान नहीं गंवा सकते. यह तीसरा हमला है, आगे अब कोई और मौका नहीं मिलेगा.

जनरल नरवणे दिसंबर 2019 से अप्रैल 2022 तक सेनाध्यक्ष रहे. उन्होंने 2019 में जनरल बिपिन रावत के बाद COAS (चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ) का पद संभाला था. जनरल नरवणे चीन सीमा पर तनाव कम करने के लिए जाने जाते हैं.

सीजफायर के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने इस समझौते का उल्लंघन करना शुरु कर दिया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारतीय सेना कार्रवाई कर रही है और सेना इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है.

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