गौमूत्र के औषधीय गुणों को लेकर लंबे समय से वाद-विवाद रहा है. एक धड़ा इसके सेवन की आलोचना करता है. जबकी दूसरा इसे हेल्थ के लिए अच्छा बताता है. एक बार फिर इस पर राजनीति शुरू हो गई है. इस बार सियासत का केंद्र बना है IIT Madras के डायरेक्टर वी. कामकोटि (V Kamakoti) का बयान. कई नेता सोशल मीडिया पर उनके इस बयान की आलोचना कर रहे हैं.
IIT मद्रास के डायरेक्टर बोले- 'गोमूत्र से ठीक होती हैं बीमारियां', सूबे में सियासी भूचाल आ गया
IIT Madras के डायरेक्टर के बयान देते ही तमिलनाडु में गौमूत्र के औषधीय गुणों पर राजनीति शुरू हो गई है. कई नेता सोशल मीडिया पर उनके इस बयान की आलोचना कर रहे हैं. दूसरी तरफ BJP की तमिलनाडु यूनिट के प्रमुख K Annamalai ने प्रोफेसर के गोमूत्र से जुड़े विचारों का राजनीतिकरण करने के प्रयासों की निंदा की.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, डीएमके नेता टीकेएस एलांगोवान ने आलोचना करते हुए कहा,
उन्हें इस नामी संस्थान से कहीं और भेज देना चाहिए. अगर उनका ट्रांसफर आईआईटी मद्रास से किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में कर दिया जाता है तो वो क्या करेंगे. वो आखिर आईआईटी में क्या कर रहे हैं. उन्हें एम्स का डायरेक्टर बना देना चाहिए. सरकार को उन्हें तुरंत आईआईटी से हटाना चाहिए.
कांग्रेस नेता कार्ति पी. चिदंबरम ने कहा, "आईआईटी मद्रास के निदेशक की ओर से छद्म विज्ञान का प्रचार करना बहुत ही अशोभनीय है।" Thanthai Periyar Dravidar Kazhagam के नेता के. रामकृष्णन ने कहा, “कामकोटि को अपने दावे के लिए सबूत देना चाहिए या माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा, अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो हम उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.”
उन्होंने अपना व्यक्तिगत रुख रखा: अन्नामलाईइस मामले पर भाजपा की तमिलनाडु यूनिट के प्रमुख के अन्नामलाई ने प्रोफेसर के गोमूत्र से जुड़े विचारों का राजनीतिकरण करने के प्रयासों की निंदा की. उन्होंने कहा,
आईआईटी के टॉप प्रोफेसर की टिप्पणी उनके व्यक्तिगत रुख को दर्शाती है. उन्होंने न तो क्लास में इसके बारे में लेक्चर दिया और न ही दूसरों को गोमूत्र पीने के लिए कहा. वह जैविक खेती और देसी नस्लों के संरक्षण पर बात कर रहे थे जो कि आज के दौर में ज़रूरी भी है.
वीडियो में कामकोटि गोमूत्र के जीवाणुरोधी, कवकरोधी और पाचन संबंधी गुणों (एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और डाइजेस्टिव प्रॉपर्टीज) का समर्थन करते हुए दिख रहे हैं. वायरल वीडियों में वह कहते दिख रहे हैं,
जब (अप्पा) को बहुत तेज बुखार था और वे डॉक्टर को बुलाने की सोच रहे थे, तो एक संन्यासी आए. उन्होंने कहा 'गोमूत्रन पिनामि.’ इसके बाद उन्होंने तुरंत गोमूत्र पी लिया और 15 मिनट में बुखार उतर गया. गोमूत्र पेट की जलन के लिए एक अच्छी दवा है और यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि इसका इस्तेमाल Irritable Bowel Syndrome जैसी बीमारियों के लिए किया जाता है. कामकोटि से जुड़े लोगों ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया है कि उन्होंने गोशाला कार्यक्रम में अपने व्यक्तिगत विचार रखे. वह खुद जैविक खेती करने वाले किसान हैं. उनकी टिप्पणियां व्यापक संदर्भ में थीं. इससे इतर, कामकोटि के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं. इनमें वो वाद्ययंत्र बजाते हुए दिख रहे हैं.
मिल चुके हैं कई पुरस्कारबता दें कि प्रोफेसर कामकोटि ने 17 जनवरी 2022 को आईआईटी-मद्रास के डायरेक्टर के तौर पर कार्यभार संभाला था. वैज्ञानिक रिसर्च और टेक्नोलॉजी विकास की फील्ड में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें DRDO अकादमी उत्कृष्टता पुरस्कार (2013) समेत अन्य पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
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