हिसार पुलिस ने ये दावा खारिज किया है कि ज्योति मल्होत्रा ने किसी पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी (PIOs) के साथ शादी की है. पुलिस ने कहा है कि ज्योति मल्होत्रा के धर्म परिवर्तन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली है. पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में ज्योति मल्होत्रा को हिसार पुलिस ने गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने उन्हें 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जो बुधवार, 21 मई को समाप्त हो रही है.
हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा के 'पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी से शादी' के दावे का सच बता दिया, मीडिया को नसीहत भी दी
हिसार पुलिस ने ये दावा खारिज किया है कि ज्योति मल्होत्रा ने किसी पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी से शादी की है. इसके अलावा उनके धर्म परिवर्तन करने के दावे से भी पुलिस ने इनकार किया है.

इस बीच ज्योति मल्होत्रा को लेकर कई तरह के दावे मीडिया और सोशल मीडिया पर किए गए. इनमें से कई को पुलिस ने भ्रामक बताया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी को ये पता था कि वह जिन लोगों के संपर्क में है वो पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी (PIOs) हैं, लेकिन उसके किसी आतंकी संगठन से संबंध को साबित करने वाले तथ्य अभी तक नहीं मिले हैं. साथ ही किसी आतंकी घटना में उनकी संलिप्तता भी नहीं मिली है.
हिसार पुलिस ने बताया कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को बीएनएस की धारा-152 के तहत गिरफ्तार किया गया था. वह कुछ दिनों तक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIOs) के संपर्क में थीं, जहां कुछ सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया था.
ज्योति के पास से 3 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज कब्जे में लिए गए हैं. ये सभी चीजें जांच के लिए फॉरेन्सिक लैब भेजी गई हैं. उनकी रिपोर्ट का इंतजार है.

पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि ज्योति मल्होत्रा मामले की जांच हिसार पुलिस ही कर रही है. कुछ केंद्रीय जांच एजेंसियां बीच-बीच में उनसे पूछताछ कर रही हैं, लेकिन इनमें से किसी भी एजेंसी को ज्योति मल्होत्रा की हिरासत नहीं सौंपी गई है.
पुलिस ने इस दावे को भी खारिज किया है कि आरोपी ज्योति मल्होत्रा की पहुंच किसी सैन्य, रक्षा या रणनीतिक जानकारी तक है.
बीते दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में ज्योति मल्होत्रा की कथित डायरी के पन्ने दिखाए गए थे. पुलिस ने कहा है कि ऐसी किसी भी डायरी के पन्ने उनके कब्जे में नहीं हैं.
ज्योति के बैंक अकाउंट में पैसों के लेन-देन पर किसी तरह के कॉमेंट से पुलिस ने इनकार किया है.
हिसार के पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को आगाह भी किया है कि यह मामला नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को केस की रिपोर्टिंग में संयम बरतना चाहिए. सूत्रों या कल्पनाओं पर आधारित सूचनाओं की बजाय आधिकारिक पुष्टि वाले तथ्यों को ही प्रसारित करना चाहिए.
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