गुजरात के वडोदरा में बुधवार, 9 जुलाई को गंभीरा पुल का एक हिस्सा गिर गया था. इस हादसे में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई थी. अब वडोदरा जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए टूटे पुल पर एक दीवार खड़ी कर दी है. प्रशासन का तर्क है कि अन्य राज्यों में देखा गया कि गूगल मैप्स जैसी जीपीएस सर्विस निर्माणाधीन पुल को रूट में दिखा देती हैं, जिसकी वजह से हादसे हो जाते हैं. इसलिए कोई गलती से भी इस पुल का इस्तेमाल ना करे, इसलिए ये दीवार खड़ी की गई है. लेकिन दीवार खड़ी करते वक्त बहुत कुछ पीछे छूट गया.
गंभीरा पुल हादसा: प्रशासन ने ब्रिज पर दीवार बनाई, लेकिन रेस्क्यू वाहन तो निकाले ही नहीं
Vadodara Bridge Wall: गुजरात में Gambhira Bridge गिरने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई थी. अब वडोदरा जिला प्रशासन ने इस पुल पर एक दीवार बनाई है, ताकि लोग इस पुल का इस्तेमाल ना कर सकें.

दरअसल, वडोदरा जिला प्रशासन ने दीवार तो खड़ी कर दी, लेकिन दूसरे छोर पर फंसी गाड़ियां नहीं निकालीं. अब दीवार बन चुकी है, लेकिन दो गाड़ियां वहीं फंसी रह गईं. सवाल उठ रहे हैं कि जब दीवार बनाई जा रही थी, तो प्रशासन ने इन गाड़ियों को पहले ही क्यों नहीं निकाल लिया?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क और पुल (R&B) विभाग ने रविवार, 13 जुलाई को वडोदरा के टूटे पुल पर तीन फीट ऊंची ईंट की दीवार खड़ी की. सबकुछ ठीक था, लेकिन दो गाड़ियां और एक मास्ट लाइट अभी भी दूसरी तरफ रह गए.
बताया गया कि इन दोनों गाड़ियों का इस्तेमाल रेस्क्यू ऑपरेशन में किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने दीवार बनाने के दौरान अधिकारियों को गाड़ी फंस जाने के बारे में कथित तौर पर आगाह किया था. लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया और सरकारी कामकाज की वजह से ये गाड़ियां अब वहीं फंसकर रह गईं.
इंडिया टुडे से जुड़े दिग्विजय पाठक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन का कहना है कि इस दीवार के अंदर फंसी गाड़ियां बचाव कार्य से जुड़ी हैं, जब काम पूरा हो जाएगा, तो उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा. अब गाड़ियों को बाहर कैसे निकाला जाएगा? दीवार तोड़कर या क्रेन लाकर? ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
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