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गोवा के पर्यटन पर पोस्ट किया, सरकार ने शख्स के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट कर दी, पता है लिखा क्या था?

Goa Government के Tourism Department ने शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि बिजनेसमैन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए ग़लत जानकारी शेयर की है. आरोप है कि इससे स्थानीय व्यापारियों को काफ़ी नुक़सान हुआ है.

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पोस्ट में 2019 और 2023 के पर्यटकों के आंकड़ों का ज़िक्र किया गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर - इंडिया टुडे)

गोवा सरकार के पर्यटन विभाग ने एक बिजनेसमैन के ख़िलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है (Goa Tourism Department Police Complaint). शिकायत में कहा गया है कि बिजनेसमैन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए ग़लत डेटा शेयर किया है. आरोप है कि इससे स्थानीय व्यापारियों को काफ़ी नुक़सान हुआ है. इस बिजनेसमैन ने गोवा में पर्यटन की स्थिति के बारे में पोस्ट किया था. इसके बाद, कई दूसरे यात्रियों ने भी अपने ख़राब अनुभवों के बारे में बताया था. शिकायत दर्ज होने के बाद बिजनेसमैन ने बताया है कि पोस्ट में सिर्फ़ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा का हवाला दिया गया है.

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पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेश काले ने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने पणजी के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के SP के सामने बिजनेसमैन रामानुज मुखर्जी के ख़िलाफ़ शिकायत की है. रामानुज मुखर्जी एक ‘ऑनलाइन कानूनी शिक्षा मंच’ के संस्थापक हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, रामानुज मुखर्जी के ख़िलाफ शिकायत में कहा गया,

इस तरह के झूठे बयानों का प्रचार न सिर्फ़ हमारे राज्य की प्रतिष्ठा को खतरे में डालता है, बल्कि सार्वजनिक शांति के लिए भी गंभीर ख़तरा पैदा करता है. पर्यटन विभाग को चिंता है कि ये काम गोवा की इमेज को कमज़ोर करने के लिए एक छिपे हुए एजेंडे का हिस्सा हो सकता है. उद्यमी ने अपनी पोस्ट में चाइना इकोनॉमिक इन्फॉर्मेशन सेंटर (CEIC) के आंकड़ों का हवाला दिया है. इस डेटा की विश्वसनीयता संदिग्ध है. क्योंकि उन्होंने पोस्ट करने से पहले न तो पर्यटन विभाग से परामर्श किया और न ही इकट्ठा किए गए डेटा की अच्छे से जांच की.

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पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेश काले ने अपनी शिकायत में आगे कहा,

पर्यटकों की संख्या के बारे में उनकी गलत धारणाएं स्थिति को बिगाड़ती हैं. पोस्ट के आरोपों की गंभीर प्रकृति और गोवा के पर्यटन क्षेत्र पर उससे पड़ने वाले प्रभाव के मद्देनजर, हम तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते हैं.

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वहीं, गोवा के साइबर क्राइम के एसपी राहुल गुप्ता ने बताया है कि अभी तक औपचारिक रूप से शिकायत नहीं मिली है. शिकायत में बताई गई चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. बताते चलें, जिस पोस्ट की बात की जा रही है, उसमें लिखा है,

विदेशी पर्यटक पहले ही गोवा छोड़ चुके हैं. 2019 और 2023 के आंकड़ों पर गौर करें तो जो रूसी और ब्रिटिश सालाना आते थे, अब उन्होंने श्रीलंका को पर्यटन के लिए चुना है. भारतीय पर्यटक अभी भी यहां आते हैं, लेकिन जल्द ही वो भी यहां आना छोड़ देंगे. क्योंकि ये बात फैल गई है कि पर्यटकों का शोषण किया जा रहा है. जबकि विदेशों में तुलनात्मक रूप से कई सस्ती जगहें घूमने लायक हैं.

रामानुज के पोस्ट में एक चार्ट भी है, जिसमें बताया गया कि गोवा में विदेशी पर्यटकों की संख्या घट रही है. वहीं, शिकायत दर्ज होने के बाद रामानुज मुखर्जी ने कहा कि गोवा के अधिकारी सोशल मीडिया पर हज़ारों पर्यटकों की शिकायतों पर कार्रवाई करने के बजाय, आलोचना को रोकने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. पोस्ट में सिर्फ़ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा को शेयर किया गया. उनका कहना है कि अधिकारी उन्हें आधारहीन पुलिस केस के साथ डराने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों को लगता है कि डेटा ग़लत है, तो उन्हें सही डेटा सामने रखना चाहिए था. न कि कानून का दुरुपयोग करना चाहिए.

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