बिहार में बीते 24 घंटों में पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इन घटनाओं में टीचर, वकील, व्यवसायी, पशु चिकित्सक और किराना दुकानदार की जान चली गई. इन मामलों में एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. ऐसे में कानून-व्यवस्था को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है.
बिहार: 24 घंटे में पांच हत्याएं, डिप्टी CM बोले- "ऐसी घटनाएं रोक पाना सरकार के लिए कठिन ”
पांचों हत्या दिनदहाड़े गोली मारकर की गई हैं. एक टीचर, बिज़नेसमैन, पशु चिकित्सक, और किराना दुकानदार को मौत के घाट उतार दिया गया.
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ये घटनाएं बिहार के अलग-अलग जिलों में हुईं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पहली घटना रविवार, 13 जुलाई को हुई. पटना के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र में थाने से मात्र 300 मीटर दूर एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वकील जितेंद्र महतो को गोली मारने के बाद आरोपी फरार हो गए. जितेंद्र खाना खाने के बाद टहलने निकले थे.
दूसरी घटना शनिवार, 12 जुलाई को सारण जिले में हुई. जहां मुंह ढंककर आए आरोपियों ने सरकारी टीचर संतोष राय की गोली मारकर हत्या कर दी. वह अपनी कार से लौट रहे थे. इस दौरान रास्ते में ही उन्हें गोली मार दी गई.
तीसरी घटना शनिवार को सीतामढ़ी जिले में हुई. अज्ञात आरोपियों ने व्यवसायी पुटू खान को सिर में गोली मार दी. हमले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. इसमें उन्हें बहुती ही नजदीक से गोली मारी जाती दिख रही है. घायल अवस्था में उन्हें एक निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
चौथी घटना पटना के शेखपुरा में हुई. जहां शनिवार शाम को पशु चिकित्सक सुरेंद्र कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 50 साल के सुरेंद्र खेत में सिंचाई कर रहे थे. तभी बाइक सवार हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी. घायल अवस्था में उन्हें पटना एम्स ले जाया गया. जहां उनकी मौत हो गई. सुरेंद्र कुमार भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष रह चुके थे. पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है.
इससे कुछ घंटे पहले शुक्रवार, 11 जुलाई की शाम को पटना के रामकृष्ण नगर इलाके में किराना दुकानदार विक्रम झा को गोली मार दी गई. मौके पर ही उनकी मौत हो गई. अभी तक पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है.
इन हत्याओं के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. तेजस्वी यादव ने X पर लिखा,
"ताजा अपराध! बेखौफ अपराधी! पटना में वकील को गोली मारी. वैशाली में लड़की की हत्या. परसा में शिक्षक की गोली मार हत्या. मुख्यमंत्री बीमार, प्रदेश लाचार. बिहार में ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार!"
बिहार में बढ़ती हत्याओं को लेकर भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी हमला बोला है. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा,
"बिहारियों को और कितनी हत्याओं का सामना करना पड़ेगा? बिहार पुलिस की क्या ज़िम्मेदारी है, यह समझ से परे है."
हालांकि, बिहार सरकार अपराध की बढ़ती घटनाओं के आंकड़ों को नकारती नजर आ रही है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ANI से बात करते हुए कहा कि
“नीतीश कुमार जी बिहार के मुख्यमंत्री हैं. और बिहार में सुशासन है. यहां कोई संगठित (Organized) अपराध नहीं है. लेकिन अब हो क्या रहा है कि कुछ विरोधियों को हर घटना में सिर्फ सरकार को घेरने का मौका दिखता है. किसी घटना का कारण जानने की कोशिश नहीं की जाती. खेमका जी की हत्या हुई तो पूरे मीडिया में हाय-तौबा मच गई. लेकिन किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि असल में मामला क्या था? पुलिस ने 72 घंटे के भीतर आरोपी की पहचान कर ली. यही तो पुलिस का काम है. जहां तक बात है व्यक्तिगत झगड़े या आपसी विवाद में हुई हत्याओं की. ऐसी घटनाओं को पूरी तरह रोक पाना यह सरकार के लिए थोड़ा कठिन है.”
उन्होंने आगे कहा कि यह पूरी तरह स्पष्ट है कि बिहार में किसी भी तरह के संगठित अपराध बढ़ने नहीं दिया जाएगा.
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