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नितिन गडकरी का बड़ा दावा, 'दुबई के प्रिंस मुझे एक्सपोर्ट करना चाहते थे'

नितिन गडकरी ने ये भी दावा किया कि दुबई प्रिंस ने इसके बाद उन्हें लीला होटल में बुलाया था. उन्होंने आगे कहा कि आप आज देश में कहीं भी जाएं, हर जिले, गांव में ड्राइवर रोड के काम की तारीफ करते मिलेंगे.

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इथेनॉल के प्रचार में निजी लाभ के आरोपों को खारिज करते हुए गडकरी ने कहा कहा कि उनका ‘दिमाग ही 200 करोड़ रुपये प्रति माह’ का है. (फोटो- PTI)

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को लेकर सोशल मीडिया पर कई आरोप लगे. एथेनॉल के प्रचार वाले आरोपों को गडकरी ने खारिज कर दिया था. अब फिर से उनका एक बयान वायरल है. उन्होंने एक जनसभा में दावा किया कि दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम ने पीएम नरेंद्र मोदी से विनती की थी कि छह महीने के लिए वो गडकरी को दुबई भेज दें.

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नितिन गडकरी ने बताया कि ये घटना तब की है जब दुबई के प्रिंस भारत आए थे, और हैदराबाद हाउस में एक बैठक में वो, पीएम मोदी और अन्य मंत्री एक ही टेबल पर बैठे थे. बकौल गडकरी, प्रिंस ने इस दौरान पीएम मोदी से कहा,

"हमारे लिए एक एहसान कर दो, कृपया गडकरी जी को छह महीने के लिए दुबई एक्सपोर्ट कर दें."

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केंद्रीय मंत्री ने ये भी दावा किया कि दुबई प्रिंस ने इसके बाद उन्हें लीला होटल में बुलाया था. गडकरी ने आगे कहा कि आप आज देश में कहीं भी जाएं, हर जिले, गांव में ड्राइवर रोड के काम की तारीफ करते मिलेंगे.

200 करोड़ रुपये का दिमाग!

इससे पहले एथेनॉल के प्रचार में निजी लाभ के आरोपों को खारिज करते हुए गडकरी ने कहा कि उनका ‘दिमाग ही 200 करोड़ रुपये प्रति माह’ का है और वो पैसों के लिए कभी ‘नीचे नहीं गिरेंगे’. उन्होंने बताया था कि कैसे उनके बेटे उनकी मदद करते हैं. नागपुर में एग्रीकल्चरल फंड सोसायटी ने 13 सितंबर को एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने मराठी भाषा में कहा,

“आपको लगता है कि मैं ये सब पैसे के लिए कर रहा हूं? मैं ईमानदारी से कमाना जानता हूं. मैं कोई दलाल नहीं हूं.”

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परिवहन मंत्री का ये कॉमेंट एथेनॉल मिले हुए ईंधन पर गरमागरम बहस के बीच आया है. दरअसल, E20 फ्यूल में 80% सामान्य पेट्रोल और 20% एथेनॉल होता है. एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर से बनता है. अगर इसे पेट्रोल में मिलाकर इस्तेमाल किया जाए, तो ये पर्यावरण के लिए अच्छा फ्यूल माना जाता है. ये भी कहा जाता है कि इससे किसानों को फायदा होगा.

13 सितंबर के कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि उनके विचार किसानों के हित के लिए हैं, ना कि अपनी जेब भरने के लिए. उन्होंने कहा,

“मेरा भी एक परिवार और एक घर है. मैं कोई संत नहीं हूं, मैं एक नेता हूं. लेकिन मेरा हमेशा से मानना ​​रहा है कि विदर्भ में लगभग 10,000 किसानों की आत्महत्या बेहद शर्मनाक है. जब तक किसान समृद्ध नहीं हो जाते, हमारी कोशिशें जारी रहेंगी.”

मंत्री ने अपने बेटे के कृषि-व्यवसाय से जुड़े ग्लोबल वेंचर्स का भी उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे विचार अवसर पैदा कर सकते हैं. उन्होंने कहा,

“मेरे बेटे का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस है. उसने हाल ही में ईरान से 800 कंटेनर सेब मंगवाए और यहां से 1,000 कंटेनर केले भेजे. मेरा बेटा गोवा से 300 कंटेनर मछलियां लेकर सर्बिया पहुंचा. उसने ऑस्ट्रेलिया में दूध पाउडर बनाने की एक फैक्ट्री भी लगाई है. वो अबू धाबी और अन्य जगहों पर 150 कंटेनर भेजता है.”

नितिन गडकरी ने ये भी बताया कि उनका बेटा ITC के साथ मिलकर 26 चावल मिलें चलाता है. उन्होंने बताया कि उन्हें पांच लाख टन चावल के आटे की जरूरत होती है. इसलिए उनका बेटा मिलें चलाता है और वो आटा खरीदते हैं.

वीडियो: Ethanol और बेटों पर आई बात, Nitin Gadkari ने क्यों कहा- 'मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़?'

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