इंडिगो मामले में विमानन रेगुलेटर DGCA का एक्शन अभी खत्म नहीं हुआ है. DGCA ने इंडिगो की उड़ान संचालन की निगरानी करने वाले चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. यह खबर DGCA की ओर से इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को बुलाए जाने के एक दिन बाद सामने आई है. लेकिन DGCA ने उन्हें हटाने के पीछे कोई कारण नहीं बताया है.
IndiGo की निगरानी करने वाले 4 इंस्पेक्टर हटाए गए, DGCA का बड़ा एक्शन
बर्खास्त किए गए चारों ऑपरेशन इंस्पेक्टर सीधे तौर पर इंडिगो के कामकाज की देखरेख के लिए जिम्मेदार थे. अब इन फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को ऑपरेशनल नियमों का पालन और सुरक्षा की निगरानी का काम सौंपा गया है.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बर्खास्त किए गए चारों ऑपरेशन इंस्पेक्टर सीधे तौर पर इंडिगो के कामकाज की देखरेख के लिए जिम्मेदार थे. अब इन फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को ऑपरेशनल नियमों का पालन और सुरक्षा की निगरानी का काम सौंपा गया है. यह सब ऐसे वक्त में हुआ है जब इंडिगो के CEO को DGCA द्वारा बनाई गई चार सदस्यों वाली हाई-लेवल कमेटी के सामने लगातार दो दिनों तक पेश होने के लिए कहा गया है.
पैनल को इंडिगो की खराब हालत की असली वजहों का पता लगाने का काम सौंपा गया है. वहीं, DGCA ने एयरलाइन के हेडक्वार्टर से इंडिगो के ऑपरेशन और कैंसिलेशन से प्रभावित पैसेंजर को रिफंड की मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी है. केंद्र की ओर से एयरलाइन पर अपनी निगरानी बढ़ाने के साथ ही DGCA अधिकारियों को रोजाना रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है.
पिछले हफ्ते इंडिगो में हुई भारी फ्लाइट कैंसिलेशन ने यात्रियों को बुरी तरह से प्रभावित किया. एक ही दिन में करीब 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो गई थीं. इसकी वजह से लाखों यात्रियों को परेशानी हुई. बता दें कि इंडिगो का डोमेस्टिक मार्केट में 65% से ज्यादा शेयर है. इस मोनोपोली ने यात्रियों की परेशानी को और बढ़ा दिया था.
लेकिन इंडिगो अब हालात कुछ सुधरते हुए दिख रहे हैं. फ्लाइट कैंसिलेशन काफी कम हो गया है. बता दें कि 5 दिसंबर को इंडिगो की 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गई थीं. लेकिन उसके बाद से यह संख्या घटी. इंडिगो का ऑन-टाइम प्रदर्शन (OTP) भी सुधार के बाद 30% से बढ़कर 92% के आसपास पहुंच गया है. इंडिगो के सामने सबसे बड़ी चुनौती नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों का पालन करना है, जो 1 नवंबर से लागू हुए थे.
इन नए नियमों के तहत पायलट और क्रू के लिए आराम और ड्यूटी के घंटे तय किए गए हैं. इसी नियम की वजह से कर्मचारियों की कमी पहले से जूझ रही इंडिगो के लिए बड़ी मुश्किल बन गई थी. लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि यह संकट जानबूझकर पैदा किया गया था ताकि सरकार को FDTL नियमों में राहत देने के लिए दबाव डाला जा सके.
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