केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री (PM), केंद्रीय मंत्री (Union Minister), मुख्यमंत्री (CMs) और राज्यों के मंत्रियों (Minister of States) को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके लिए 20 अगस्त को लोकसभा में तीन विधेयक पेश करेंगे. लेकिन इससे पहले विपक्ष ने इन प्रस्तावित कानूनों पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार के प्रस्तावित कानूनों का उद्देश्य गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करना है.
'मेज तोड़ देंगे, बिल फाड़ देंगे... ' पीएम, सीएम को हटाने वाले बिल पर विवाद, विपक्ष बहुत नाराज
Congress समेत कई Opposition Parties ने आरोप लगाया है कि इन बिल के पास हो जाने के बाद केंद्र सरकार अपनी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करवाएगी. और फिर मनमाने ढंग से गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनको पद से हटा देगी.

विपक्ष ने आरोप लगाया कि इन विधेयकों के पास हो जाने के बाद केंद्र सरकार अपनी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करवाएगी. और फिर मनमाने ढंग से गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनको पद से हटा देगी.
इंडिया टुडे से बात करते हुए एक विपक्षी सांसद ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब लोकसभा में इन विधेयकों को पेश करेंगे तो विपक्ष इसका कड़ा विरोध करेगा. सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा,
हम इसे पेश भी नहीं होने देंगे. हम मेज तोड़ देंगे और विधेयक को फाड़ देंगे.
लोकसभा में इन विधेयकों को चर्चा के लिए लिस्टेड किए जाने के तुरंत बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उसका कहना है कि विपक्षी मुख्यमंत्रियों को हराने में असफल रहने के बाद उन्हें हटाने के लिए सरकार ऐसा कानून लाना चाहती है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
ये कैसा दुष्चक्र है! गिरफ्तारी के लिए कोई गाइडलाइन नहीं और विपक्षी नेताओं की बेहिसाब गिरफ्तारियां. नया विधेयक मौजूदा मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तारी के तुरंत बाद हटाने की अनुमति देता है. विपक्ष को अस्थिर करने का ये सबसे अच्छा तरीका है.
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी इन विधेयकों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने और राज्य सरकारों को गिराकर जनादेश से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक्स पर लिखा,
ये तीन विधेयक हैंSIR लागू करने के लिए चुनाव आयोग का दुरुपयोग करने के अपने प्रयास में असफल रहने के बाद सरकार ने अब एक और 'ई' ईडी को एक्टिव कर दिया है. इसका उद्देश्य विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने वाले कानून बनाना, लोकतंत्र को खत्म करना और राज्य सरकारों को गिराकर लोगों के जनादेश का अपमान करना है.
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित विधेयक हैं - गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) विधेयक 2025, 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025. इन विधेयकों के प्रावधानों के मुताबिक, अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री में से किसी को भी गंभीर अपराध के लिए गिरफ्तार किया जाता है, जिनमें कम से कम पांच साल की सजा हो सकती है. और उन्हें लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा.
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