भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने, बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर गर्व जताया है. उन्होंने कहा है कि उस फैसले से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की गई. CJI ने कहा कि ये सुनिश्चित किया गया कि बिना उचित प्रक्रिया के किसी का घर न उजड़े.
'हमने सरकार को जज बनने से रोका... जिससे किसी का घर न उजड़े', बोले चीफ जस्टिस बीआर गवई
Bulldozer Action पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर CJI BR Gavai ने कहा है कि कोर्ट की तरफ से ये सुनिश्चित किया गया कि बिना उचित प्रक्रिया के किसी का घर न उजड़े.
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23 अगस्त को गोवा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में CJI गवई ने कहा,
मुझे गर्व है कि हमने कार्यपालिका को जज बनने से रोकने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए. संविधान कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के बीच 'सेपरेशन ऑफ पावर' को मान्यता देता है. अगर कार्यपालिका को ये अधिकार दे दिया गया, तो ये संवैधानिक ढांचे को गहरी चोट पहुंचाएगा.
संविधान के संरक्षक के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें. हमने सुनिश्चित किया कि बिना उचित प्रक्रिया के किसी का घर न उजाड़ा जाए.
उन्होंने इस फैसले को नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा क्या था?साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नागरिकों की आवाज को 'उनकी संपत्तियों को नष्ट करने की धमकी देकर दबाया नहीं जा सकता' और कानून के शासन वाले समाज में इस तरह के 'बुलडोजर न्याय' के लिए कोई जगह नहीं है.
सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा था कि किसी भी सभ्य न्याय व्यवस्था में बुलडोजर के जरिए न्याय नहीं किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट में अपने आखिरी दिनों में CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ये फैसला सुनाया था. उन्होंने किसी घर को गिराने से पहले- सही से सर्वेक्षण, लिखित नोटिस और आपत्तियों पर विचार किया जाना - समेत 6 कदम उठाने के निर्देश दिए,
- अधिकारियों को पहले मौजूदा भूमि रिकॉर्ड और मानचित्रों की जांच करनी चाहिए.
- वास्तविक अतिक्रमणों की पहचान करने के लिए उचित सर्वेक्षण किया जाना चाहिए.
- कथित अतिक्रमण करने वालों को लिखित नोटिस जारी किया जाना चाहिए.
- आपत्तियों पर विचार करके आदेश पारित किया जाना चाहिए.
- स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए.
- अगर जरूरी हो, तो अतिरिक्त भूमि कानूनी रूप से अधिग्रहित की जानी चाहिए.
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CJI गवई ने इटली में भी इस फैसले का जिक्र किया थाजून महीने में CJI बीआर गवई इटली गए थे. वहां भी उन्होंने इस फैसले का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था,
घर बनाना लोगों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों से जुड़ा एक पहलू है. ये बरसों की मेहनत, सपनों और आकांक्षाओं का फल होता है. इसे सिर्फ एक प्रॉपर्टी के तौर पर नहीं देखा जा सकता. ये स्टेबिलिटी और सुरक्षा का प्रतीक है. एक परिवार या व्यक्ति की सामूहिक उम्मीदों का प्रतीक है.
CJI ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी. उन्होंने आगे कहा कि कार्यपालिका एक साथ जज, जूरी और जल्लाद नहीं बन सकती है.
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