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"...पूरी AI इंडस्ट्री हिल जाती", ChatGPT के पूर्व कर्मचारी सुचिर बालाजी की मां के सनसनीखेज दावे

Suchir Balaji की लाश मिलने के बाद शुरुआती जांच में दावा किया गया था कि उन्होंने आत्महत्या की है. लेकिन सुचिर की मौत को उनका परिवार खुदकुशी मानने से इनकार कर रहा. है. सुचिर की मां पूर्णिमा रामाराव ने कहा कि उनके पास कुछ अहम दस्तावेज थे और वो ‘OpenAI’ पर किए गए केस में संभावित गवाह थे.

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सुचिर बालाजी अपने परिवार के साथ. (तस्वीर:एक्स/पूर्णिमा राव)

AI कंपनी ‘OpenAI’ के प्रोजेक्ट ‘ChatGPT’ में काम करने वाले सुचिर बालाजी की मौत पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. सुचिर बालाजी की लाश मिलने के बाद शुरुआती जांच में दावा किया गया था कि उन्होंने आत्महत्या की है. लेकिन सुचिर की मौत को उनका परिवार खुदकुशी मानने से इनकार कर रहा. है. सुचिर की मां पूर्णिमा रामाराव ने कहा कि उनके बेटे के पास कुछ अहम दस्तावेज थे और वो ‘New York Times’ की तरफ से ‘OpenAI’ पर किए गए केस में संभावित गवाह थे. यह जानकारी सामने आने के एक ही हफ्ते बाद उनका शव पाया गया.

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‘आत्महत्या नहीं, हत्या है’

इंडिया टुडे से बातचीत में पूर्णिमा रामाराव ने अपने बेटे की मौत को ‘हत्या’ बताया है. उन्होंने कहा,

“जब हम अपार्टमेंट में गए तो देखा, बेडरूम को अस्त व्यस्त किया गया है. बाथरूम में खून के धब्बे मिले. हमने जब तस्वीरों को ChatGPT के जरिए देखा तो मालूम पड़ा कि खून के धब्बे ऐसे नहीं हैं, जैसा सुसाइड में होता है. धब्बों को देखकर ऐसा लग रहा है कि शायद उसको मारा गया हो.”

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उन्होंने आगे कहा,

“सबसे अहम बात कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. जब वे (पुलिस) सुसाइड का केस तय कर रहे थे, तब बहुत सारी बातों का ध्यान में रख रहे थे. लेकिन सबसे बड़ा फैक्टर है कि क्या सुचिर डिप्रेशन से गुजर रहा था? ये उन्होंने हमसे पूछा तक नहीं.”

पूर्णिमा ने ये भी कहा,

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“जब मैंने आज अटॉर्नी सी बात की तो उन्होंने कहा कि सीसीटीवी में कोई आता-जाता नहीं दिखा, इसलिए हमने इसे सुसाइड करार दिया. मैं अटॉर्नी से कहती रही कि बिल्डिंग में एंट्री के तीन रास्ते हैं. एक गेराज की तरफ से दूसरा पिछले गेट से. ऐसे में आप नतीजे पर कैसे पहुंच गए. लेकिन पुलिस हमारी नहीं सुन रही है.”

'व्हिसलब्लोअर नहीं था, लेकिन उसके पास थी अहम जाकारियां'

पूर्णिमा ने आरोप लगाया कि सेन फ्रांसिस्को में टेक इंडस्ट्री की लॉबी बहुत मजबूत है. पीड़ित मां ने कहा,

“AI इंडस्ट्री को लेकर काफी जांच पड़ताल चल रही है. उसे (सुचिर) NYT की तरफ से गवाह बनाया गया था. लेकिन एक हफ्ते के भीतर उसकी मौत हो गई. उसके पास कई डॉक्यूमेंट थे जिनमें कई ऐसी जानकारियां थीं जो बहुत निर्णायक हो सकती थीं. यह AI इंडस्ट्री को हिलाकर रख देती, खासकर OpenAI और Microsoft को.”

पूर्णिमा का मानना है कि उनका बेटा OpenAI के खिलाफ ‘व्हिसलब्लोअर’ नहीं था. उन्होंने कहा, “मेरा बेटा बस यह बताना चाहता था कि AI का मॉडल कितना खतरनाक हो सकता है. यह केवल कॉपीराइट उल्लंघन का मामला नहीं है, लेकिन यह इंसानों से जुड़े खतरे के बारे में सचेत करता है.”

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सुचिर बालाजी के मामले का बैकग्राउंड

भारतीय मूल के सुचिर बालाजी ‘OpenAI’ के ‘ChatGPT’ प्रोजेक्ट में काम करते थे. अपनी पैदाइश से अमेरिका में रह रहे सुचिर कंपनी में रिसर्चर की पोस्ट पर थे. साल 2023 में अमेरिकी अखबार ‘New York Times’ की एक रिपोर्ट में ChatGPT को लेकर कुछ दावे सामने आए. ये दावे सुचिर के हवाले से किए गए थे. कहा गया कि ‘OpenAI’ ने ChatGPT बनाने के लिए अमेरिकी कानूनों को तोड़ा है.

इन आरोपों के बाद New York Times समेत कुछ अखबारों ने ‘OpenAI’ और ‘Microsoft’ के खिलाफ मुकदमा दायर किया. जवाब में ‘OpenAI’ ने कहा कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा है. सुचिर ने अगस्त, 2024 में ‘Open AI’ से इस्तीफा दे दिया. 26 नवंबर को सुचिर की लाश उनके सैन फ्रांसिस्को के अपार्टमेंट में मिली. इसके बाद से उनकी मौत को लेकर तमाम आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं.

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