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जनगणना का ट्रायल शुरू, टेस्ट के लिए दो ऐप्स और एक पोर्टल लॉन्च किए गए

Census of India 2027: सरकार की ओर से साफ किया गया है कि ऐप में किसी भी निवासी की व्यक्तिगत जानकारी नहीं ली जाएगी. वहीं, जनगणना के प्री-टेस्ट के पहले चरण में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग ऑपरेशन्स (HLO) का ट्रायल किया जाएगा. यह 10 से 30 नवंबर 2025 तक देश के कुछ चुने गए इलाकों में ही किया जाएगा.

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ऐसा होगा पोर्टल का इंटरफेस. (स्क्रीनग्रैब)

भारत में 2027 में होने वाली पहली डिजिटल जनगणना की तैयारी शुरू हो गई है. रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त ऑफिस ने इस हफ्ते दो मोबाइल ऐप और एक टेस्ट पोर्टल लॉन्च किया है. यह कदम जनगणना के ट्रायल (प्री-टेस्ट) चरण के लिए उठाए गए हैं. 

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बता दें कि यह भारत की पहली डिजिटल जनगणना होगी. इसे दो चरण में पूरा किया जाएगा. पहला चरण हाउसलिस्टिंग का है, जो अप्रैल से सितंबर 2026 तक पूरा चलेगा और दूसरा चरण जनसंख्या गणना का है. यह पूरे देश में फरवरी 2027 से शुरू होगा. लेकिन जनगणना कैसे होगी इसी के मद्देनजर सरकार ने प्री-टेस्ट यानी ट्रायल शुरू कर दिया है.

ये दो ऐप्स किए लॉन्च

द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जनगणना के प्री-टेस्ट के पहले चरण में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग ऑपरेशन्स (HLO) का ट्रायल किया जाएगा. यह 10 से 30 नवंबर 2025 तक देश के कुछ चुने गए इलाकों में ही किया जाएगा. इस दौरान घरों से जुड़ी सुविधाओं पर करीब 30 सवाल पूछे जाएंगे. इसके डेटा को इकट्ठा करने के लिए दो ऐप्स बनाए गए हैंः

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पहलाः Digital Layout Map (DLM)
दूसराः Census 2027-Houselist

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ये ऐप्स एंड्रॉयड और एप्पल दोनों फोनों में चलेंगे. जनगणना करने वाले अधिकृत कर्मी जैसे ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी, रेवेन्यू अधिकारी और सरकारी स्कूल के शिक्षकों ही ये ऐप्स डाउनलोड कर सकेंगे और इसी में डेटा स्टोर करेंगे. 

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ये डेटा ऐप में स्टोर होगा

रिपोर्ट के मुताबिक, पहले जनगणना में डेटा कागज पर भरा जाता था. फिर उसे डिजिटल रूप में बदला जाता था. यह प्रक्रिया काफी समय लेती थी और इसमें गलती की भी ज्यादा गुंजाइश रहती थी. लेकिन अब DLM ऐप के जरिए यह सब डिजिटल रूप में और रियल टाइम में होगा. इस ऐप से अधिकारी इमारतों का जियो-टैगिंग करेंगे और जानकारियां दर्ज करेंगे. इनमें ये जानकारियां दर्ज की जाएंगी:

- इमारत के लोकेशन कॉर्डिनेट्स 
- सड़क/इलाके का नाम, बिल्डिंग नंबर या अस्थायी जनगणना नंबर
- बिल्डिंग का प्रकार (पक्का/कच्चा), उपयोग (रहने, आंशिक या गैर-आवासीय)
- स्थानीय पहचान चिह्न (लैंडमार्क), मंजिलों की संख्या और कुल मकानों की संख्या

यह भी पढ़ेंः जनगणना के लिए गृह मंत्रालय ने मांगे 14,619 करोड़ रुपये, पहली बार होगी ‘डिजिटल जनगणना’

वहीं, सरकार की ओर से साफ किया गया है कि ऐप में किसी भी निवासी की व्यक्तिगत जानकारी नहीं ली जाएगी. दूसरे ऐप, Census 2027- Houselist की बात करें तो इसे घरों की जानकारी इकट्ठा करने की प्रक्रिया को तेज, सटीक और विश्वसनीय बनाने के लिए बनाया गया है. इससे आने वाले जनसंख्या गणना चरण की मजबूत नींव रखी जाएगी.

सेल्फ एन्यूमरेशन पोर्टल

इसके अलावा, सरकार ने जनता की भागीदारी बढ़ाने के लिए सेल्फ एन्यूमरेशन पोर्टल (https://test.census.gov.in/se) की सुविधा शुरू की है. इसका टेस्ट 1 से 7 नवंबर 2025 तक किया जाएगा. पोर्टल पर जाकर चयनित इलाकों के लोग खुद अपनी जानकारी ऑनलाइन भर सकेंगे, ताकि एन्यूमरेटर के आने से पहले डेटा तैयार हो जाए.

वीडियो: सरकार ने लिया जाति जनगणना कराने का फैसला, क्या हैं मायने?

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