Google Maps के लिए इंडियन सड़कें UPSC एग्जाम जैसी हो गई हैं. 17 साल हो गए हैं मगर क्लीयर नहीं हो रही हैं. 2008 में मैप्स ने इंडिया में एंट्री ली थी और अगले साल वयस्क हो जाएंगे मगर हरकतें अभी भी बच्चों जैसी ही हैं. आए दिन गड़बड़ी की शिकायत सुनने को मिलती है. कभी किसी को सीढ़ी पर उतार दिया तो कभी किसी को रेगिस्तान में. हालांकि पूरी गलती मैप की भी नहीं मान सकते क्योंकि उन्होंने तो लिखा हुआ है, भइया ये सिर्फ समझने के लिए है. अपने विवेक का इस्तेमाल अवश्य करें. ठीक बात है मगर इस बार कुछ अलग (google maps car theft incident) ही हो गया है.
Google Maps ने अच्छा घुमाया, सड़क छोड़ खेत पहुंचाया, और कार भी चोरी हो गई
Google Maps के भरोसे यात्रा कर रहे एक शख्स की कार चोरी (google maps car theft incident) हो गई. मेरठ के रहने वाले फिरोज अपने साथी नौशाद के साथ वैगनआर कार से 5 फरवरी को शामली जा रहे थे. जिस दोस्त लियाकत से मिलने जा रहे थे उसने बाकायदा लोकेशन भी भेजी थी.

दरअसल गूगल मैप्स के भरोसे यात्रा कर रहे एक शख्स की कार चोरी हो गई. मेरठ के रहने वाले फिरोज अपने साथी नौशाद के साथ वैगनआर कार से 5 फरवरी को शामली जा रहे थे. जिस दोस्त लियाकत से मिलने जा रहे थे उसने बाकायदा लोकेशन भी भेजी थी. मगर फिरोज पहुंच गए गेंहू के खेत में.
गूगल मैप्स-खेत-चोरपता है-पता है आप कहोगे कि चलो मान भी लिया कि मैप ने गलत रास्ता बता दिया या फिर फिरोज ढंग से समझ नहीं पाए. मगर कार कैसे चोरी हो गई. हुआ यूं कि फिरोज की कार जब रात के 2 बजे सहारनपुर हाइवे से उतरकर गेंहू के खेत में घुस गई तो उन्होंने अपने दोस्त लियाकत को फोन घुमाया. लियाकत ने उनको वापस हाइवे पर आने की सलाह दी. 'मरता क्या ना करता' फिरोज ने कार बैक की और कार जा धंसी खेत में.
परेशान फिरोज और नौशाद ने वहां से गुजर रहे लोगों से मदद मांगी और किस्मत कनेक्शन देखिए कि उनको तीन लोग मिल भी गए. बाइक सवार इन तीन लोगों में से एक गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठा और बाकी ने लगाया धक्का. मगर ये क्या, कार खेत से बाहर आई मगर रुकी नहीं. बंदा कार लेकर रफूचक्कर हो गया और उधर उसके दोनों साथी भी बाइक में निकल लिए.
अच्छी बात ये थी कि फिरोज के पास दो मोबाइल थे और जिसमें से एक उनके पास और एक कार में था. उन्होंने डायल-112 पर घटना की सूचना दी और फिर देवबंद थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक फिरोज ने FIR में बताया कि गूगल मैप्स की वजह से वह खेतों के बीच रास्ते में पहुंच गया था. पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. मामले में ताजा अपडेट ये है कि तीन दिन के बाद घटनास्थल से 300 मीटर दूर से कार को बरामद कर लिया गया है. कार के अंदर पूरा सामान भी जस का तस मिला है. वैसे पुलिस इस पूरे मामले को कार फाइनेंस से भी जुड़ा हुआ मान रही है. उन्होंने पूछताछ के लिए फिरोज को भी हिरासत में लिया था. मामले की हर एंगल से जांच जारी है.
रही बात गूगल मैप्स की तो इस घटना का पूरा ठीकरा गूगल मैप्स पर तो नहीं फोड़ा जा सकता है. मैप कैसे काम करता है और आपने क्या सावधानी रखनी चाहिए, इस पर हम पहले भी बात कर चुके हैं. अभी भी हमारी आपसे यही गुजारिश है कि पूरी तरह मैप के भरोसे मत रहिए. अपनी इन्द्रियों को भी काम पर लगा कर रखिए. सफर में 'suffer' से बचे रहेंगे.
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