The Lallantop

बिहार में 70 नहीं, 50 से 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है कांग्रेस, नंबर घटने की पता लगी वजह!

साल 2020 के Assembly Election में Congress पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन केवल 19 सीटें ही जीत पाई थी. RJD के नेतृत्व वाला महागठबंधन बेहद कम अंतर से बहुमत से चूक गया था.

Advertisement
post-main-image
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. (इंडिया टुडे)

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election) को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो गई हैं. NDA और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन चल रहा है. इस बीच खबर है कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के हिस्से 2020 के मुकाबले कम सीटें आने वाली हैं. बताया जा रहा है कि पार्टी 50 से 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं राजद और वाम दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है.

Advertisement

कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक नेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कांग्रेस इस बार 50 से 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. उन्होंने बताया,

कांग्रेस इस बार ज्यादा सीटों पर लड़ने के बजाए उन सीटों पर फोकस कर रही है, जहां पार्टी के जीतने की संभावना ज्यादा है. साथ ही कांग्रेस ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं हो.

Advertisement
2020 के विधानसभा चुनाव से सबक

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. लेकिन केवल 19 सीटें ही जीत पाई थी. राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन बेहद कम अंतर से बहुमत से चूक गया. इसका दोष कांग्रेस के मत्थे पर मढ़ा गया था. गठबंधन में शामिल दूसरे दलों जैसे CPM, CPI और CPI (ML) का स्ट्राइक रेट कांग्रेस से काफी बेहतर रहा था. वहीं राजद 75 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. महागठबंधन के खाते में ओवरऑल 110 सीटें आई थीं. 

कांग्रेस विपक्षी एकता बनाए रखने की कोशिश में

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था. लेकिन साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था. लोकसभा चुनाव में राजद 23 सीट लड़कर 4 ही सीट जीत पाई थी. वहीं कांग्रेस पार्टी 9 सीटों पर लड़कर 3 सीट जीतने में कामयाब रही. पप्पू यादव की सीट भी पार्टी अपने खाते में ही मानकर चल रही है.

2024 के संसदीय चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस का मनोबल बढ़ाया है, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार ने पार्टी की बारगेनिंग क्षमता को कमजोर किया है. साथ ही पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अपने गठबंधन सहयोगियों के बीच एकता को लेकर बेहद गंभीर है. और पार्टी खुद को गठबंधन हितों के ऊपर नहीं रखना चाहती है.

Advertisement

ये भी पढ़ें - तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कन्हैया कुमार ने जो बात कही, कांग्रेस का कोई नेता नहीं कह पाया

बिहार कांग्रेस से जुड़े नेता बताते हैं कि पार्टी गठबंधन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए काम कर रही है. और पिछड़े वर्गों के बीच राहुल गांधी के संदेश को पहुंचा कर महागठबंधन को मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है. बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए सीट सुरक्षित करने की कोशिश को भी इसी कवायद का एक हिस्सा माना जा रहा है. 

वीडियो: राहुल गांधी के साथ वायरल तस्वीर में कौन? पूरी कहानी ये है

Advertisement