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इस चुनाव के लिए 'एक' हुईं दोनों शिवसेना!

17 नवंबर को परिषद चुनाव के लिए नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख थी. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की उम्मीदवार मनीषा गोरे ने अपना नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर दोनों शिवसेनाओं के नेता मौजूद थे.

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काले ने स्पष्ट किया कि ये दोनों दलों के बीच किसी गठबंधन के तहत नहीं हो रहा है. (फोटो- PTI)

कोल्हापुर के चंदगड में हुए निकाय चुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दोनों गुटों ने हाथ मिलाया था. उसी तरह अब पुणे की चाकण नगर परिषद के चुनाव में शिवसेना के दोनों धड़ों ने एक साथ आने का फैसला किया है.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार, 17 नवंबर को परिषद चुनाव के लिए नॉमिनेशन फाइल करने की आखिरी तारीख थी. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की उम्मीदवार मनीषा गोरे ने अपना नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर दोनों शिवसेनाओं के नेता मौजूद थे.

इनमें शिवसेना UBT के विधायक बाबाजी काले और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के शरद सोनवाने भी शामिल थे. दोनों दलों के कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. इस दौरान बाबाजी काले ने कहा,

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"खेड-अलांदी के विधायक सुरेश गोरे के निधन के बाद ये पहला चुनाव है. उनकी पत्नी नगर परिषद की अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रही हैं. इसलिए हमने मनीषा गोरे के लिए राजनीति को एक तरफ रख दिया है और उनका समर्थन करने का फैसला किया है. ये स्वर्गीय नेता को हमारी श्रद्धांजलि है... हम उनकी पत्नी की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं."

काले ने स्पष्ट किया कि ये दोनों दलों के बीच किसी गठबंधन के तहत नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा,

"हमारा ये कदम किसी गठबंधन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. साल 2014 में सुरेश गोरे शिवसेना के विधायक थे, लेकिन कोविड के दौरान उनका निधन हो गया. मैं साल 2024 से शिवसेना का विधायक हूं. जब मैं चुनाव लड़ा, तब मनीषा गोरे और उनका पूरा परिवार हमारी रैलियों में मौजूद था. उन्होंने खुलकर मेरे लिए प्रचार किया था. अब वो अध्यक्ष पद के लिए लड़ रही हैं. इसलिए सुरेश गोरे को श्रद्धांजलि स्वरूप हम उनका समर्थन कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य उनकी निर्विरोध जीत सुनिश्चित करना है."

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काले ने आगे कहा कि चाकण शहर में मनीषा गोरे को भारी समर्थन मिलेगा. उन्होंने बताया,

"हमने फैसला किया है कि उनके पति सुरेश गोरे के किए कामोें को देखते हुए उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. नामांकन दाखिल करने के समय मैं और मेरी पार्टी के नेता मौजूद थे. हमने उन्हें समर्थन दिया है.”

काले ने लोगों से ये भी अपील की कि वो मनीषा को निर्विरोध चुनें और उनकी जीत सुनिश्चित करें.

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