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अखिलेश यादव संसद के पास वाली मस्जिद में पहुंचे, डिंपल यादव के कपड़े देख BJP क्यों भड़क गई?

BJP के जमाल सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि Akhilesh Yadav ने मस्जिद जैसी पवित्र धार्मिक जगह पर एक राजनीतिक बैठक की. उन्होंने यह भी दावा किया कि अखिलेश यादव ने एक धार्मिक जगह को अपनी पार्टी के 'अघोषित कार्यालय' में बदल दिया.

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अखिलेश यादव ने संसद भवन के पास मस्जिद का दौरा किया. (India Today)
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आशीष श्रीवास्तव

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार, 22 जुलाई को संसद भवन के नजदीक बनी मस्जिद में पहुंचे थे. अखिलेश यादव के मस्जिद दौरे पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) भड़क गई है. दावा है कि सपा मुखिया ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ मस्जिद में मीटिंग की, इस दौरान अखिलेश की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव भी मस्जिद में मौजूद थीं. बीजेपी ने मस्जिद में डिंपल के 'पहनावे' पर आपत्ति जताई है.

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इंडिया टुडे से जुड़े आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा पर संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,

"समाजवादी पार्टी हमेशा संविधान विरोधी काम करती रही है... उन्होंने मस्जिद में नमाज पढ़ी, पूजा कि वो जानें, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता इनकी कभी वापसी होने नहीं देगी. ये हमेशा इस प्रकार का संविधान विरोधी काम करते रहे हैं. हमने तो पहले भी कहा था कि जो राम का नहीं हुआ वो कृष्ण का नहीं हो सकता. जो कृष्ण का नहीं हो सकता, वो यदुवंशी नहीं हो सकता है."

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बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने अखिलेश यादव की आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश ने मस्जिद जैसी पवित्र धार्मिक जगह पर एक राजनीतिक बैठक की. उन्होंने यह भी दावा किया कि अखिलेश यादव ने एक धार्मिक जगह को अपनी पार्टी के 'अघोषित कार्यालय' में बदल दिया.

जमाल सिद्दीकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,

“अखिलेश यादव जी ने दिल्ली के संसद भवन के सामने मस्जिद है, जो बहुत बड़ी मस्जिद है, बहुत पवित्र मस्जिद है, उसमें जिस प्रकार से सपा के लोगों के साथ बैठक की है, मैं उसकी निंदा करता हूं. मैं वहां के इमाम और सपा के सांसद मोहिबुल्ला नकवी जी की निंदा करता हूं कि वे एक धर्म गुरु हैं, एक मस्जिद के इमाम हैं, मुसलमानों के प्रतिनिधि हैं... किस प्रकार से वहां पर समाजवादी के लोगों को बैठकर वहां समाजवादी की बैठक कर रहे हैं? समाजवादी पार्टी का अघोषित कार्यालय बना लिया है.”

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उन्होंने आगे कहा,

"जो मस्जिद के आदाब हैं, जो इबादतगाह के कोड ऑफ कंडक्ट हैं, वो भी याद नहीं रहे. किस प्रकार से वहां पर श्रीमती डिंपल यादव जी ब्लाउज में बैठी हुई हैं, उनकी पीठ दिख रही है, उनका पेट दिख रहा है, उनके सिर पर दुपट्टा नहीं है और किस प्रकार से वहां लोग हंसी-मजाक कर रहे हैं. ये बिल्कुल इस्लाम की भावनाओं को आहत करने वाले हैं. इससे सभी देश के मुसलमानों के दुनिया भर में जहां-जहां ये फोटो जाएगा, वो मुसलमानों की धार्मिक भावना आहत होगी. हमारे भावनाओं को आहत करने का काम किया. उनके खिलाफ हम कार्रवाई की मांग करेंगे. हम पुलिस में FIR दर्ज करेंगे."

उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष को भी आड़े हाथों लिया. सिद्दीकी ने कहा, "जो अपने आपको मुसलमानों को ठेकेदार समझते हैं, चाहे वो ओवैसी साहब हों चाहे वो मदनी साहब हों, चाहे वो जितने भी साहब हैं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के लोग हों, जो छोटी-छोटी बात पर उठकर सामने आते थे, आज वो कहां बिल में छुप गए हैं. क्या चोर-चोर मौसेरे भाई हैं?"

जमाल सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी और अल्पसंख्यक मोर्चा ने उस मस्जिद में 25 जुलाई को जुमे की नमाज के बाद बैठक करने का फैसला किया है. यह बैठक राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' से शुरू होगी और राष्ट्रगान 'जन गण मन' पर खत्म होगी.

वहीं, अखिलेश यादव ने बीजेपी के आरोपों पर सफाई दी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,

"मैं आपका धन्यवाद देता हूं. आप लोग भी बीजेपी के चक्कर में फंस गए... क्योंकि ये धार्मिक लोग हैं, जो मेरे बगल में खड़े हैं. मुझे नहीं पता था कि आप लोग मिल लेंगे. मुझसे मुलाकात हो जाएगी आपसे, और एक ऐसा सवाल आएगा. मैं केवल इतना जानता हूं कि आस्था जोड़ती है. किसी भी धर्म या कोई आस्था है, वो आस्था जोड़ती है. जो आस्था जोड़ने का काम करती है, हम उसके साथ हैं. बीजेपी को यही तकलीफ है कि कोई जुड़े नहीं दूरियां बनी रहे. तो आस्था जोड़ने का काम करती है. इसलिए हम लोग हर आस्था पर आस्था रखते हैं... अब बीजेपी को मीठे से तकलीफ होगी तो (क्या) मीठा छोड़ देंगे? बीजेपी कहेगी नमकीन खाइए तो नमकीन खाएंगे क्या?"

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सपा के अन्य नेताओं ने भी भाजपा की टिप्पणी की निंदा की. सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने इस विवाद को बेमतलब का बताया. उन्होंने कहा कि मस्जिद में कोई राजनीतिक बैठक नहीं हुई.

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